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चोर की दाढ़ी में तिनका? / लद्दाख में मोदी ने एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया, पर चीन खुद बोलने लगा- हमें विस्तारवादी कहना निराधार

मोदी शुक्रवार को अचानक लद्दाख पहुंचे, 9 घंटे के इस दौरे पर उन्होंने जवानों से मुलाकात की और 26 मिनट स्पीच भी दी मोदी ने कहा- विस्तारवादी ताकतें दुनिया से मिट गईं, इस पर चीन ने कहा- यह बढ़ा-चढ़ाकर दिया गया बयान है

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  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लद्दाख का दौरा किया। 9 घंटे तक वो यहां रहे। जवानों के बीच स्पीच दी और फिर लेह स्थित मिलिट्री अस्पताल में घायल जवानों से भी मिले।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लद्दाख का दौरा किया। 9 घंटे तक वो यहां रहे। जवानों के बीच स्पीच दी और फिर लेह स्थित मिलिट्री अस्पताल में घायल जवानों से भी मिले

नई दिल्ली. गलवान झड़प के 18 दिन बाद शुक्रवार को नरेंद्र मोदी अचानक लद्दाख पहुंचे। मकसद जवानों का हौसला बढ़ाना और चीन को यह स्पष्ट संदेश देना था कि उसकी हरकतों को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। 9 घंटे के इस दौरे पर मोदी ने कहीं भी सीधे तौर पर चीन का नाम नहीं लिया। लेकिन, उनके इस दौरे पर चीन की प्रतिक्रियाओं ने यही जाहिर किया कि चोर की दाढ़ी में तिनका है।

मोदी के दौरे से घबराया चीन ने एक दिन में दो बयान जारी किए। पहली बार दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत की दुहाई दी और दूसरी बार विस्तारवादी होने का मोदी का तंज खुद ही अपने ऊपर ओढ़ लिया।

पहला बयान मोदी के लद्दाख पहुंचने के साढ़े चार घंटे बाद दिया
मोदी सुबह करीब साढ़े नौ बजे लद्दाख पहुंचे थे। यहां उन्होंने जवानों से मुलाकात की और 26 मिनट की स्पीच दी। मोदी ने इस स्पीच में बिना चीन का नाम लिए बगैर कहा कि भारत हर आक्रमण के बाद और मजबूत होकर उभरा है। कमजोर शांति की पहल नहीं कर सकता। वीरता ही शांति की शर्त होगी।

इस बयान के बाद दोपहर करीब 2 बजे चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने कहा- भारत और चीन के बीच बातचीत जारी है। हम मिलिट्री और डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए भी हालात को सामान्य बनाने और तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। किसी भी पक्ष को ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए जो इस मौके पर हालात को बिगाड़े।

दूसरा बयान अस्पताल में जवानों से मुलाकात के एक घंटे बाद

मोदी ने अपने लद्दाख दौरे पर लेह के आर्मी अस्पताल में गलवान घाटी में हुई झड़प में घायल हुए जवानों से भी मुलाकात की। यह तस्वीरें और वीडियो करीब साढ़े पांच बजे सामने आए। मोदी ने यहां कहा कि आपने सबने मिलकर करारा जवाब दिया है। दुनिया जानना चाहती है कि ये वीर कौन हैं, उनकी ट्रेनिंग कैसी है? पूरी दुनिया आपकी वीरता का एनालिसिस कर रही है।

इससे पहले मोदी ने अपनी स्पीच में चीन का नाम लिए बगैर कहा था कि विस्तारवाद ने ही मानव जाति का विनाश किया, इतिहास बताता है कि ऐसी ताकतें मिट गईं।

हालांकि, इस बयान पर चीन की प्रतिक्रिया मोदी की अस्पताल में जवानों से मुलाकात के एक घंटे बाद आई। चीन ने कहा कि हमने अपने 14 में से 12 पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए सीमांकन तय किया। हमने सीमाई इलाकों को दोस्ताना सहयोग की जमीन में तब्दील किया। चीन को विस्तारवादी नजरिए से देखना बेबुनियाद है। यह बढ़ा-चढ़ाकर कही गई बात है और पड़ोसियों के साथ विवादों को जन्म दिया जा रहा है।

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मोदी के 6 साल में 9 चौंकाने वाले दौरे / प्रधानमंत्री 2015 में पाकिस्तान चले गए थे, पिछले साल दिवाली पर LoC पहुंच गए; इस बार लद्दाख जाकर चौंकाया

  • 2015 में प्रधानमंत्री मोदी काबुल दौरे से लौटते समय अचानक पाकिस्तान पहुंच गए थे। यहां वे तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की नातिन की शादी में शामिल हुए थे।2015 में प्रधानमंत्री मोदी काबुल दौरे से लौटते समय अचानक पाकिस्तान पहुंच गए थे। यहां वे तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की नातिन की शादी में शामिल हुए थे।

नई दिल्ली. भारत-चीन के बीच गलवान घाटी में जारी तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लद्दाख पहुंचे। यहां उन्होंने सैनिकों से मुलाकात की। वे इससे पहले भी ऐसे चौंकाने वाले दौरे करते रहे हैं। दो बार वे एलओसी पर पहुंचकर सैनिकों के साथ दिवाली मना चुके हैं। उनका सबसे पहला चौंकाने वाला दौरा 2015 में पाकिस्तान का हुआ था। तब अफगानिस्तान दौरे से लौटते समय उन्होंने अपना विमान पाकिस्तान में उतरवा लिया था और नवाज शरीफ के घर शादी में पहुंच गए थे। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक 6 साल में उन्होंने ऐसी 9 सरप्राइज विजिट की हैं।

19 फरवरी 2020: दिल्ली के मेले में लिट्‌टी-चोखा खाया
प्रधानमंत्री मोदी इस साल 19 फरवरी को नई दिल्ली में राजपथ के पास लगे हुनर हाट पहुंचे। यहां उन्होंने बिहार के पारंपरिक व्यंजन लिट्टी-चोखा का स्वाद चखा, साथ ही कुल्हड़ वाली चाय पी थी। वे अलग-अलग स्टॉल्स पर घूमे और कारीगरों का उत्साह बढ़ाया। बाद में उन्होंने इसकी एक तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की है और लिखा, ‘‘मैंने दोपहर के खाने में स्वादिष्ट लिट्टी-चोखा खाया और साथ में गर्म-गर्म चाय पी।’’

27 अक्टूबर 2019: एलओसी पर जवानों को दिवाली की मिठाई खिलाई
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पिछले साल मोदी ने दिवाली राजौरी में लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर सैनिकों के साथ मनाई। तब प्रधानमंत्री ने बीजी ब्रिगेड हेडक्‍वार्टर्स में जवानों को अपने हाथों से मिठाई खिलाई थी।

7 नवंबर 2018: उत्तराखंड के हर्षिल पहुंचे थे
इस साल मोदी ने दिवाली उत्तराखंड के हर्षिल में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों के साथ मनाई थी। तब उन्होंने कहा कि वे उन माता-पिता और गुरुजनों को नमन करते हैं, जिन्होंने आप जैसे वीर पुत्रों को जन्म दिया। इसके बाद मोदी केदारनाथ पहुंचे। यहां वे करीब 45 मिनट रुके। 15 मिनट भगवान केदारनाथ की पूजा की और निर्माण के कामों का जायजा लिया था।

18 अक्टूबर 2017: एलओसी पर गुरेज सेक्टर पहुंचे
मोदी ने इस साल की दिवाली जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सैनिकों के साथ मनाई। उन्होंने जवानों के बलिदान की सराहना करते हुए उन्हें अपना परिवार बताया था। साथ ही कहा था, ‘‘मैं जब भी आपसे हाथ मिलाता हूं मुझे बहुत ऊर्जा मिलती है। मैं देखता हूं कि इन मुश्किल हालात में आप कैसे तपस्‍या और त्‍याग कर रहे हैं।’’

30 अक्टूबर 2016: हिमाचल के सुमडो में सैनिकों के बीच पहुंचे थे
मोदी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भारत-चीन बॉर्डर के पास सुमडो और छांगो में दिवाली मनाने पहुंचे। इस दौरान वे आईटीबीपी, सेना और डोगरा स्काउट के जवानों से मिले। उन्हें मिठाई खिलाई। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि वे 2001 से हर साल जवानों के साथ दिवाली मनाते आ रहे हैं। मोदी ने तब ट्वीट करके कहा था कि यह उनका तय कार्यक्रम नहीं था।

11 नवंबर 2015: अमृतसर में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई
मोदी अमृतसर में खासा स्थित डोगराई वॉर मेमोरियल पहुंचे थे। यहां उन्हाेंने 1965 के भारत-पाककिस्तान युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी। वे असल उत्तर स्मारक और परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद की समाधि पर भी पुष्प अर्पित करने पहुंचे थे। तब उन्होंने सैनिकों से कहा था, ‘‘आपके पराक्रम, समर्पण और सपनों के कारण पूरी दुनिया भारत को सम्मान की नजर से देखती है। यह केवल वर्दी के कारण नहीं, बल्कि सशस्त्र बलों के चरित्र के कारण है।’’

23 अक्टूबर 2014: पीएम बनने के बाद पहली दिवाली सियाचिन में मनाई
केंद्र की सत्‍ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली दिवाली सियाचिन में जवानों के साथ और लौटते समय श्रीनगर में बाढ़ पीड़ितों के साथ मनी थी। समुद्र तल से करीब 19 हजार फीट ऊपर स्थित सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है। मोदी ने यहां पहुंचकर जवानों से कहा था, ‘‘ऊंचाई हो या भीषण ठंड, हमारे सैनिकों को कोई नहीं रोक सकता। वे हमें सही मायने में गौरवान्वित कर रहे हैं।’’

25 दिसंबर 2015: अचानक पाकिस्तान पहुंचे थे
मोदी अफगानिस्तान दौरे से लौटते समय अचानक लाहौर पहुंच गए थे। यहां से करीब 40 किलोमीटर दूर वे शरीफ के जट्टी उमरा रायविंड स्थित पुश्तैनी घर पहुंचे थे। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जन्मदिन की बधाई दी। उनकी नातिन की शादी में शरीक हुए और उसे आशीर्वाद दिया। यहां करीब 90 मिनट ठहरने के बाद वे दिल्ली लौट आए थे।

 

 

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