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चीन विवाद पर अमित शाह का राहुल को जवाब / गृह मंत्री ने कहा- जब देश के जवान सीमा पर संघर्ष कर रहे हैं, उस वक्त पाकिस्तान और चीन खुश हों, ऐसे बयान नहीं देना चाहिए

लद्दाख में चीन के साथ विवाद और कोरोना पर अमित शाह ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दोनों वॉर जीतने जा रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- हम संसद में चीन के मुद्दे पर 1962 से लेकर अभी तक चर्चा के लिए तैयार हैं लद्दाख में चीन के साथ पिछले एक महीने से विवाद चल रहा है, कांग्रेस इसे लेकर मोदी सरकार पर हमले कर रही है

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नई दिल्ली. लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद पर गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर पलटवार किया। शाह ने राहुल के ‘सरेंडर’ मोदी वाले ट्वीट पर कहा, ‘पार्लियामेंट होनी है, चर्चा करनी है तो आइए। 1962 से आज तक दो-दो हाथ हो जाएं।’ उन्होंने कहा कि कोई चर्चा से नहीं डरता। मगर जब देश के जवान सीमा पर संघर्ष कर रहे हैं। सरकार एक स्टैंड लेकर ठोस कदम उठा रही है। उस वक्त पाकिस्तान और चीन को खुशी हो इस प्रकार के बयान किसी को नहीं देना चाहिए।

21 जून को राहुल ने गलवान झड़प पर ट्वीट किया था कि नरेंद्र मोदी वास्तव में ‘सरेंडर मोदी’ हैं। हालांकि, सरेंडर शब्द लिखने में स्पेलिंग गलत हो गई थी। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ विवाद और कोरोना पर शाह ने कहा कि मैं साफ करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दोनों वॉर जीतने जा रहा है। गृह मंत्री ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ इंटरव्यू में भारत-चीन सीमा विवाद, देश और दिल्ली में कोरोना के हालात पर चर्चा की।

अमित शाह के इंटरव्यू के मुख्य प्वॉइंट

कांग्रेस में लोकतंत्र नहीं

कांग्रेस पार्टी भाजपा पर लोकतंत्र खत्म करने का आरोप लगाती रही है। इस पर शाह ने कहा कि लोकतंत्र शब्द के मायने काफी विस्तृत हैं। अनुशासन और आजादी भी अहमियत रखते हैं। आडवाणी जी, राजनाथ जी, गडकरी जी और फिर राजनाथ जी के बाद मैं पार्टी अध्यक्ष बना। अब नड्डा जी अध्यक्ष हैं। क्या ये सभी एक कही परिवार के हैं? इंदिरा जी के बाद गांधी परिवार के बाहर से कौन अध्यक्ष बना, ये बताएं? वे लोग लोकतंत्र की बात क्या करेंगे? हर साल 25 जून को मैं बयान देता हूं। लोकतंत्र पर हमले के रूप में लोगों को न केवल यह दिन याद रखना चाहिए, बल्कि जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए।

राहुल ओछी राजनीति करते हैं

सरकार भारत विरोधी प्रोपैगेंडा से लड़ने में सक्षम है, लेकिन यह देखकर दुख होता है कि इतनी बड़ी पार्टी का पूर्व अध्यक्ष (राहुल गांधी) ऐसी ओछी राजनीति करता है। सरेंडर मोदी वाले ट्वीट पर कहा कि कि कांग्रेस और राहुल को खुद इस बारे में सोचना चाहिए। उनकी इस बात को पाकिस्तान और चीन में लोग हैशटैग लगाकर सोशल मीडिया में वायरल कर रहे थे। कांग्रेस को इसके बारे में सोचना चाहिए कि उनकी पार्टी के नेता के बयान को चीन-पाकिस्तान में बढ़ावा मिलता है, वह भी ऐसे संकट के वक्त में।

सही को गलत देखना कांग्रेसियों का काम
सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी। मैं राहुल गांधी को सलाह नहीं दे सकता। यह उनकी पार्टी के नेताओं का काम है। कुछ लोगों की ‘वक्रदृष्टि’ होती है। वे सही को भी गलत देखते हैं। भारत कोरोना से बहुत अच्छे तरीके से लड़ रहा है। हमारे कोरोना आंकड़े दुनिया की तुलना में बेहतर हैं।

सिसोदिया के बयान से डर पैदा हुआ, दिल्ली में कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं
दिल्ली में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। इस बारे में देश के 3 सीनियर डॉक्टरों से बात की है। सभी का मानना है कि दिल्ली में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के उस बयान से डर पैदा हुआ था कि दिल्ली में 31 जुलाई तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 5.5 लाख के पार पहुंच जाएगी। मैं विश्वास दिलाता हूं ऐसा नहीं होगा।

दिल्ली में कोरोना से निपटने के लिए कुछ फैसले लिए गए। इन पर विवाद भी हुआ। दिल्ली सरकार के साथ हम बेहतर तरीके से कोऑर्डिनेशन कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल हमेशा फैसले लेने में शामिल होते हैं। कुछ राजनीतिक बयान दिए जा सकते हैं, लेकिन फैसलों पर कोई असर नहीं होगा। दिल्ली में रविवार तक कोरोना के 80 हजार से ज्यादा केस हो चुके हैं।

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