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चीन बॉर्डर पर शहीद हुए नौ शहीदों की कहानियां / कोई मंगनी करके अगली छुट्‌टी में शादी का वादा करके गया था तो किसी की 8 महीने पहले हुई थी शादी

पंजाब के गुरतेज सिंह तीन दिन पहले अपने भाई की शादी में नहीं हो पाए थे शामिल भारत-चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात लद्दाख की गालवन वैली में हुई थी हिंसक झड़प

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 भारत-चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात लद्दाख की गालवन वैली में हुई हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हुए थे। इनमें सबसे ज्यादा 13 शहीद बिहार की दो अलग-अलग रेजिमेंट के हैं। इनमें से नौ शहीदों की कहानी हम आपके लिए लाए हैं। इनमें से किसी की अभी मंगनी हुई थी और शादी की तैयारी चल रही थी। किसी की शादी आठ महीने पहले हुई थी तो कोई 18 दिन पहले ही पिता बना था।

शहीद जवान सुनील कुमार की फाइल फोटो

बॉर्डर से लौटकर लकवा रोगी पिता का इलाज कराने वाले थे सुनील

पटना के बिहटा के तारा नगर के शिकरिया के जवान सुनील कुमार भी शहीद हुए हैं। 35 साल के सुनील जल्द ही छुट्टी लेकर घर लौटने वाले थे। सुनील की मां रुक्मिणी देवी ने कहा कि मेरा बेटा जल्द ही घर आने वाला था। कुछ दिन पहले फोन पर उससे मेरी बात हुई थी। उसने कहा था कि मां जल्द ही छुट्टी लेकर घर आऊंगा। वह लकवा के रोगी पिता (वासुदेव साह) का इलाज कराने की बात कह रहा था। वह चला गया। अब कौन इनका इलाज कराएगा।

भारत और चीन की सीमा पर झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान में मध्यप्रदेश का बेटा दीपक भी शहीद हो गया। – फाइल फोटो

मध्य प्रदेश: 21 साल के दीपक शहीद, 8 महीने पहले हुई थी शादी
भारत और चीन की सीमा पर हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवानों में मध्य प्रदेश के रीवा का बेटा भी शहीद हो गया। रीवा में जन्मे 21 साल के दीपक सिंह के शहीद होने की सूचना सेना के अधिकारियों ने मंगलवार को देर रात पिता को फोन पर दी। जवान बेटे की शहादत की खबर से घर से लेकर गांव और आसपास मातम छा गया है। रीवा जिले के मनगवां के ग्राम फरेहदा निवासी दीपक की 8 महीने पहले ही शादी हुई थी। सेना उनके पार्थिव शरीर को लेह में रखा है और गुरुवार को रीवा और फिर उनके गांव फरेहदा लाया जाएगा।

लद्दाख के गालवन घाटी में हिंसक झड़प में जवान गणेश कुंजाम शहीद हो गए। गणेश की एक महीने पहले ही चीन के बॉर्डर पर पोस्टिंग हुई थी।

मां-बाप के इकलौते बेटे थे छत्तीसगढ़ के गणेश कोरोना काल में टल गई थी शादी
लद्दाख के गालवन घाटी में चीन के सैनिकों से हिंसक झड़प में छत्तीसगढ़ के जवान गणेश कुंजाम शहीद हो गए। कांकेर के कुरुटोला गांव के रहने वाले गणेश की एक महीने पहले ही चीन के बॉर्डर पर पोस्टिंग हुई थी। हिंसक झड़प में गणेश बुरी तरह से घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। बेहद गरीब परिवार से आने वाले गणेश कुंजाम ने 12वीं के बाद ही साल 2011 में आर्मी ज्वॉइन कर ली थी। वह परिवार में इकलौते बेटे थे। 27 साल के गणेश कुंजाम जब पिछली बार घर आए थे, तो उनकी शादी तय कर दी गई थी।

घरवाले शादी की तैयारी भी कर रहे थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते तारीख फाइनल नहीं हो सकी थी। ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले जब बात हुई तो गणेश ने परिवार वालों से कहा था कि वे कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद घर आएंगे। इसके बाद ही शादी करेंगे। उनकी शादी को लेकर घर वाले उत्साहित थे, लेकिन उससे पहले ही शहीद होने की खबर आ गई।

शहीद जवान अमन कुमार सिंह का फाइल फोटो।
शहीद जवान अमन कुमार सिंह का फाइल फोटो।

एक साल पहले हुई थी शहीद जवान अमन की शादी, रोते-रोते पत्नी हो रही बेहोश
भारत-चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात लद्दाख की गालवन वैली में हुई हिंसक झड़प में समस्तीपुर के जवान अमन कुमार सिंह शहीद हो गए। अमन मोहिउद्दीन नगर प्रखंड के सुल्तानपुर गांव के रहने वाले सुधीर कुमार सिंह के बेटे थे। अमन की शादी एक साल पहले हुई थी। शहादत की खबर मिलने के बाद से अमन की पत्नी सदमे में हैं। वह रोते-रोते बेहोश हो रही हैं। अमन के पिता और परिवार के अन्य लोगों के भी आंसू थम नहीं रहे हैं।

मानसा जिले के गांव वीरे वाला डोकरा का 23 वर्षीय सैनिक गुरतेज सिंह, जो चीन सीमा पर तनाव में शहीद हो गए।

मानसा के गुरतेज सिंह गालवन घाटी में शहीद, 3 दिन पहले बड़े भाई की शादी में नहीं हो पाए थे शामिल
मानसा. 
चीन सीमा पर पंजाब के मानसा का जवान गुरतेज सिंह शहीद हो गए। उनका पार्थिव शरीर आने में शायद एक-दो दिन लग जाएंगे। शहीद गुरतेज सिंह मानसा के गांव वीरे वाला डोकरा के रहने वाले थे। अभी तीन दिन पहले ही भाई की शादी हुई है, लेकिन सीमा पर तनाव की वजह से गुरतेज सिंह इस शादी में शामिल नहीं हो पाए थे।

सहरसा शहीद जवान कुंदन कुमार। (फाइल फोटो)

गालवन घाटी में हिंसक झड़प में सहरसा के जवान कुंदन कुमार शहीद
सहरसा. 
गालवन घाटी में हुई हिंसक झड़प में बिहार के सहरसा के जवान कुंदन कुमार शहीद हो गए। उनकी शहादत की खबर से परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। कुंदन विशनपुर पंचायत के आरण गांव के रहने वाले थे। मंगलवार देर रात परिवार को इसकी सूचना मिली। खबर मिलने के बाद से कुंदन कुमार की पत्नी पति की फोटो हाथ में लिए बिलख-बिलख कर रो रही हैं। कुंदन दो बच्चों के पिता थे। कुंदन के पिता का नाम निमिन्द्र यादव हैं। कुंदन की शादी मधेपुरा जिले के घैलाढ़ थाना क्षेत्र के इनरबा गांव की बेबी कुमारी से हुई थी। कुंदन की शहादत की खबर के बाद उनके घर पर लोग जुटने लगे। शहीद के चाचा महेंद्र यादव ने कहा कि 2012 में कुंदन सेना में शामिल हुए थे। 2013 में शादी हुई। कुंदन के छह और चार साल के दो बेटे हैं।

शहीद की 18 दिन की बेटी और पत्नी के साथ कुंदन कुमार ओझा। -फाइल फोटो।

18 दिन पहले पिता बने थे कुंदन, बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाए और मातृभूमि के लिए शहीद हो गए
साहेबगंज. लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच ‘हिंसक झड़प’ में कुंदन कुमार ओझा शहीद हो गए। शहीद जवान कुंदन कुमार ओझा (26) साहेबगंज जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के डिहारी गांव के रहने वाले थे। शहीद जवान के पिता रविशंकर ओझा किसान हैं। शहीद ओझा के दो भाई और एक बहन हैं। शहीद कुंदन ओझा की शादी 2014 में सुल्तानगंज में हुई थी। 18 दिन पहले ही उन्हें पुत्री की प्राप्ति हुई थी, जिसे वह देख भी नहीं पाए।

शहीद बेटे की फोटो के साथ पिता सुबदा हांसदा।

27 फरवरी को घर से ड्यूटी ज्वॉइन करने गए थे गणेश, अब पार्थिव शरीर आएगा
घाटशिला. 
झारखंड के एक और लाल बहरागोड़ा ब्लॉक के कोसाफलिया निवासी गणेश हांसदा (21) शहीद हो गए। प्रशासन को मंगलवार की शाम तक साहेबगंज के शहीद जवान कुंदन ओझा के बारे में ही जानकारी मिल सकी थी। शहीद गणेश के परिजनों के अनुसार, मंगलवार की रात उन्हें लेह से फोन आया था और इसकी सूचना दी गई थी। शहीद गणेश हांसदा के बड़े भाई दिनेश हांसदा ने बताया कि करीब दो सप्ताह पूर्व घर पर उनकी आखिरी बार बात हुई थी और अपनी सलामती की बात बताई थी।

शहीद जवान अंकुश ठाकुर साल 2018 में पंजाब रेजीमेंट में भर्ती हुए थे।(शहीद अंकुश ठाकुर का फाइल फोटो)

हमीरपुर अंकुश ठाकुर शहीद, पिता और दादा भी फौज में थे
भारत-चीन झड़प में हमीरपुर जिले के 21 साल के अंकुश ठाकुर शहीद हो गया है। शहीद अंकुश उपमंडल भोरंज के गांव कड़होता का रहने वाले थे। जैसे ही अंकुश की शहादत की खबर सेना मुख्यालय से ग्राम पंचायत कड़ोहता को फोन द्वारा दी गई तो हमीरपुर जिले में शोक की लहर दौड़ गई। पूरा जिला गमगीन हो गया। शहीद जवान अंकुश ठाकुर साल 2018 में पंजाब रेजीमेंट में भर्ती हुआ था। इनके पिता और दादा भी भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं। शहीद अंकुश का छोटा भाई 6 वीं क्लास का स्टूडेंट है। 10 माह पहले ही अंकुश ने ट्रेनिंग पूरी कर सेना की नौकरी ज्वाइन की थी।

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