Newsportal

चीन को जवाब देने के लिए तैयार भारत, उसके हरेक ठिकानों पर है इंडियन एयरफोर्स की नजर

0 239

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चल रहे सैन्य तनाव के बीच भारतीय वायूसेना चीन के तिब्बत और शिनिजयांग प्रांत में स्थित हवाई ठिकानों पर नजदीकी से नजरें गड़ाए हुए हैं। इन ठिकानों पर चीनी सेना ने बढ़ते तनाव को देखते हुए फाइटर जेट, बमवर्षक विमान, ड्रोन और अन्य विमान तैनात किए हैं। इसके साथ ही भारत भी चीनी सेना की किसी भी तरह की नापाक हरकत का जवाब देने के लिए तैयार है और वो उस पर बराबर नजर बनाए हुए है।

मीडिया रिपोर्ट्स में रक्षा सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि चीनी एयरफोर्स के शिनजियांग स्थित होटान और काशगर, तिब्‍बत में गरगुंसा, ल्‍हासा-गोंग्‍गर और शिगत्‍से एयरबेस पर ‘किसी भी नए या बड़े हथियार की तैनाती नहीं’ हुई है। इन एयरबेस में से कुछ नागरिक हवाई अड्डे के रूप में काम करते हैं।

<img class=”i-amphtml-blurry-placeholder” src=”data:;base64,

इसके बाद भी भारतीय सेना और वायुसेना ने चीन से लगी 3488 किलोमीटर लंबी सीमा पर अपनी ‘पूरी लड़ाकू क्षमता’ के मुताबिक तैनाती की है। उन्‍होंने बताया कि किसी भी हवाई खतरे का जवाब देने के लिए जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और सैन्‍य साजो सामान को भी सीमा पर तैनात किया गया है।

<img class=”i-amphtml-blurry-placeholder” src=”data:;base64,

भारत ने लद्दाख में अपने अग्रिम हवाई ठिकाने पर सुखोई-30एमकेआई, मिग-29 और जगुआर बमवर्षक विमानों को तैनात किया है। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि चीनी वायुसेना के पास भारत की तुलना में चार गुना ज्‍यादा (2100) फाइटर जेट और बमवर्षक विमान हैं, लेकिन जरूरी बात ये है कि परंपरागत सैन्‍य टकराव होने पर ड्रैगन कितने विमानों को हमारे खिलाफ तैनात करेगा।

<img class=”i-amphtml-blurry-placeholder” src=”data:;base64,

वर्तमान समय में होटान एयरबेस पर 35 से 40 जे-11, J-8 और अन्‍य फाइटर जेट को तैनात किए हैं। इसके अलावा कुछ निगरानी करने वाले अवाक्‍स व‍िमान और हथियारबंद ड्रोन विमान भी तैनात किए हैं। वहीं, काशगर में चीन ने 6 से लेकर 8 H-6K बमवर्षक विमानों को तैनात किया है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि चीन के जमीनी सैनिकों को कमजोर करने के लिए भारतीय वायुसेना चीनी वायुसेना की तुलना में ज्‍यादा तेजी से और ज्‍यादा मात्रा में फाइटर जेट तैनात कर सकती है।

<img class=”i-amphtml-blurry-placeholder” src=”data:;base64,

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन और पाकिस्‍तान की संयुक्‍त चुनौती से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना भले ही कम विमानों की चुनौती से जूझ रही हो लेकिन उसे चीनी वायुसेना पर गुणवत्‍ता के ल‍िहाज से बढ़त हासिल है।इसके अलावा भारतीय वायुसेना में जल्‍द ही 36 नए राफेल लड़ाकू विमान शामिल होने जा रहे हैं। उधर, पीएलए के एयरफोर्स को ऊंचाई वाले इलाकों की वजह से क्षेत्र का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे उनकी हथियार और ईंधन ले जाने की क्षमता पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.