गैंगस्टर विकास दुबे का करीबी अमर दुबे एनकाउंटर में मारा गया; विकास का साला ज्ञानेंद्र मध्यप्रदेश के शहडोल से हिरासत में लिया गया
विकास की तलाश में दबिश जारी, मंगलवार को फरीदाबाद में देखा गया विकास के टैक्सी या ऑटो से मूवमेंट करने का शक, आस-पास के इलाकों की पुलिस अलर्ट
कानपुर शूटआउट: कौन है अमर दुबे? / गोली चलाने में माहिर था, विकास पर आंख बंद कर विश्वास करता था, दादी ने कहा- मेरी सुनता नहीं था, इसलिए मारा गया
- बीते दो जुलाई की रात बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या करने में शामिल था अमर दुबे
- अमर को हमीरपुर में पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर किया, उस पर 25 हजार का इनाम था
कानपुर. कानपुर के बिकरु गांव के गैंगस्टर विकास दुबे के साथी अमर दुबे को हमीरपुर जिले में बुधवार तड़के 4 बजे एनकाउंटर में मार गिराया गया है। एफआईआर में अमर का नाम 14वें नंबर पर था। आरोप है कि अमर ने 10 बदमाशों के साथ सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र को घसीटकर प्रेम कुमार पांडेय के घर के अंदर ले जाकर गोलियों और धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। प्रेम कुमार पांडेय विकास दुबे का मामा था। शुक्रवार सुबह प्रेम कुमार कर पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। पुलिस ने विकास पर ढाई लाख का इनाम घोषित कर रखा है। मुठभेड़ में मारे गए अमर पर भी 25 हजार का इनाम घोषित था। विकास और उसकी गैंग ने 2 जुलाई की रात 8 पुलिसवालों की हत्या कर दी थी।
कौन है अमर दुबे?
अमर दुबे बिकरु शूटआउट के मास्टमाइंड विकास दुबे का रिश्तेदार है। उसका घर विकास के घर के पास ही है। वह बीते शुक्रवार सुबह बिकरु गांव से दो किमी दूर जंगल में मुठभेड़ में मारे गए अतुल दुबे का सगा भतीजा था। दो दिन पहले पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। आरोप है कि मुठभेड़ के समय कुछ पुलिसवाले जान बचाने के लिए आसपास के मकान में शरण लेना चाह रहे थे। लेकिन, पड़ोसी क्षमा ने घर का दरवाजा नहीं खोला और अंदर जाकर बदमाशों को घर के बाहर पुलिसवालों के होने की जानकारी दी। जिसके चलते 6 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
विकास आंख बंद कर अमर पर करता था विश्वास
ग्रामीणों के अनुसार, अमर दुबे विकास का साया बनकर रहता था। वह शिवली थाना क्षेत्र का रहने वाला है। लेकिन कुछ वर्षों से वह बिकरु गांव में ही रह रहा था। कई बार पुलिस उसे गिरफ्तार भी कर चुकी थी। लेकिन विकास के रसूख के चलते वह हर बार छूट जाता था। ग्रामीणों ने बताया कि रंगदारी वसूलने से लेकर शराब के ठेकों से वसूली करने का काम अमर दुबे के ही जिम्मे था। कई ऐसे काम थे, जिन्हें अमर करता था और विकास आंख बंद करके इस पर विश्वास करता था। अमर पर चौबेपुर थाने में पांच केस दर्ज हैं।
दादी ने कहा- मेरी सुनता नहीं था, इसलिए मारा गया
अमर के मारे जाने की खबर जब उसकी दादी को मिली तो वह फफक कर रोने लगीं। उन्होंने कहा कि परिवार हमारा बर्बाद हो गया। वह मेरी बात नहीं सुनता था, इसीलिए मारा गया। सोमवार देर रात चौबेपुर पुलिस ने दो महिलाओं के साथ एक और व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें एक महिला क्षमा थी। बताया जा रहा है कि अमर दुबे क्षमा का बेटा था।