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गले मिलें, पर ज्यादा देर नहीं; इससे तनाव कम करने में मदद मिलेगी, समझें महामारी के दौर में हग करने के तरीके

देर तक गले न मिलें, क्योंकि सांस के जरिए संक्रमण के संपर्क में आने का खतरा काफी बढ़ जाता है हग करते वक्त मास्क या चेहरे को दूसरे व्यक्ति के कपड़ों से न लगाएं, खांसी-जुकाम हो तो गले न मिलें

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♠कोरोनावायरस फैलने के बाद हम सबसे ज्यादा फिजिकल टच से दूर हुए हैं। खासकर हम हग (गले मिलने) को बहुत ज्यादा मिस कर रहे हैं। एक कनाडाई महिला अपनी मां के गले लगने के लिए इतनी उत्सुक थी कि उसने प्लास्टिक पहनकर मां को हग कर लिया। हाल ही में दो कजिन्स का वीडियो वारयल हुआ था। दोनों बच्चे महामारी शुरू होने के बाद से ही गले नहीं मिले थे।

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हम केवल गले मिलने को मिस नहीं कर रहे हैं। हमें इसकी जरूरत है। शारीरिक स्नेह हमारे सिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को शांत करता है। यह सिस्टम तनाव के वक्त हमारे शरीर में हानिकारक हार्मोन्स को रिलीज करता है। एक स्टडी की सीरीज बताती है कि केवल किसी करीबी का हाथ पकड़ने भर से इलेक्ट्रिक शॉक जितनी परेशानी कम हो जाती है।

स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में साइकोलॉजी प्रोफेसर और कंप्युटेशनल सोशल साइंटिस्ट जोहानस आइस्टीड के मुताबिक, इंसानों के दिमाग में एक तय रास्ता होता है जो खासतौर से स्नेह के स्पर्श पहचानने का काम करता है। अफेक्शनेट टच के जरिए ही हमारे बायोलॉजिकल सिस्टम एक-दूसरे से बात कर बताते हैं कि हम सुरक्षित हैं और अकेले नहीं है।

कम वक्त के लिए गले मिलने से संक्रमण की संभावनाएं कम हैं

  • एयरबोर्न डिसीज ट्रांसमिशन के मामले में दुनिया के टॉप एक्सपर्ट्स में से एक और वर्जीनिया टेक में एयरोसोल साइंटिस्ट लिंसे मार ने हॉन्गकॉन्ग में हुए स्टडी के एक मैथेमैटिकल मॉडल पर आधारित गणना की है। डॉ. मार की गणना के अनुसार, एक छोटे हग के दौरान संक्रमण के जोखिम काफी कम हैं। भले ही आप किसी ऐसे व्यक्ति से गले मिल रहे हैं, जिसे अपने संक्रमित होने का पता नहीं है।
  • इसका कारण है कि हम अभी यह नहीं जानते कि बीमार होने के लिए नए कोरोनावायरस का कितना डोज चाहिए। एक अनुमान के मुताबिक 200 से 1000 वायरस की जरूरत होती है। एक औसत खांसी में 5 हजार से लेकर 10 हजार वायरस तक हो सकते हैं, लेकिन यह ज्यादातर जमीन और पास की सतह पर गिर जाते हैं। करीब होने की स्थिति में मुश्किल से खांसी का 2 प्रतिशत लिक्विड पास के व्यक्ति तक पहुंचता है। इसमें से केवल 1 प्रतिशत कण संक्रामक हो सकते हैं।

गले मिलते वक्त बरतें ये एहतियात-

  • सबसे सुरक्षित तरीका हग को टालना है। लेकिन, अगर आप गले मिलना चाहते हैं तो सावधानियां बरतें। मास्क लगाएं, घर के बाहर गले मिलें। दूसरे व्यक्ति के शरीर या कपड़ों को अपने मास्क और चेहरे से छूने से बचें। खांसी या इसी तरह के दूसरे लक्षणों से जूझ रहे व्यक्ति से गले न मिलें।
  • आपके चेहरे की पोजीशन सबसे ज्यादा मायने रखती है। अपने चेहरों को एक-दूसरे से विपरीत दिशाओं में रखें। इस दौरान न खांसें और न ही बात करें। तेजी से गले मिलें। जैसे ही आप यह खत्म करें तो रुके नहीं, तुरंत वापस निकलें, ताकि आप एक-दूसरे के चेहरे पर सांस न ले सकें। इसके बाद हाथों को धोएं। इस दौरान कोशिश करें कि आप रोएं नहीं। क्योंकि आंसू और बहती हुई नाक वायरस युक्त लिक्विड के संपर्क में आने के जोखिम को बढ़ा देती है।

लोगों को नए विकल्पों की जरूरत है-

  • हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में असिस्टेंट प्रोफेसर और इंफेक्शियस डिसीज एपिडेमियोलॉजिस्ट जूलिया मार्कस बताती हैं कि कुछ सावधानियां केवल एक हग के लिए काफी ज्यादा लग सकती हैं। महामारी के कुछ वक्त तक रहने की स्थिति में लोगों को विकल्पों की जरूरत है।
  • डॉक्टर मार्कस के अनुसार, इस वक्त सबसे ज्यादा चुनौती बुजुर्ग लोगों को होगी, जो इस बात को लेकर चिंतित हैं कि दोबारा परिवार को छू नहीं पाएंगे। छोटे हग बेहद जरूरी हैं, क्योंकि लंबे कॉन्टेक्ट के कारण ट्रांसमिशन की रिस्क बढ़ जाती है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक हग के दौरान क्या करें और क्या न करें?

  • फेस-टू-फेस हग न करें
डॉक्टर मार कहती हैं कि यह पोजीशन सबसे ज्यादा खतरनाक होती हैं, क्योंकि इसमें चेहरा काफी नजदीक होता है। जब एक छोटा व्यक्ति ऊपर देखता है तो उनकी छोड़ी हुई सांस गर्मी और उछाल के कारण ऊंचे व्यक्ति के सांस लेने वाले जोन तक पहुंच जाती है। अगर लंबा व्यक्ति नीचे देख रहा है तो दोनों की सांस आपस में मिल सकती है।
  • दोनों चेहरे एक ही दिशा में देखते हुए गाल मिलाकर गले न मिलें
इस पोजिशन में दोनों व्यक्ति एक ही दिशा में देख रहे होते हैं। ऐसे में जोखिम बढ़ जाता है। क्योंकि हग करने वाला एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के ब्रीदिंग जोन में होता है।
  • चेहरे को विपरीत दिशा में रखकर गले मिलें-
अपने चेहरे को दूसरे व्यक्ति के चेहरे की दिशा के विपरीत रखें। इससे सांस से निकने कणों के सीधे संपर्क में आने से बचेंगे। मास्क जरूर पहनें।
  • बच्चों को कमर या घुटनों के पास हग करने दें-
घुटनों या कमर के पास हग करने से बूंदों या ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने का खतरा कम हो जाता है। क्योंकि आपके चेहरे दूर होते हैं। बच्चे के मास्क या चेहरे से बड़े व्यक्ति के कपड़े दूषित होने की संभावना होती है। इसलिए मिलने के बाद कपड़े बदलने और हाथ धोने के बारे में विचार करें। इस दौरान बड़े व्यक्ति को कहीं और देखना चाहिए और बच्चे की तरफ देखकर सांस न लें।
  • अपने पोते या बच्चे को सिर के पीछे किस करें-
इस पोजीशन में बुजुर्ग बच्चे की सांस के संपर्क में काफी कम आएंगे। लेकिन बच्चा लंबे व्यक्ति की सांस के संपर्क में आ सकता है। ऐसे में मास्क उपयोग करें।

हग के दौरान सांस को रोककर रखें-

इंग्लैंड में यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर में वायरोलॉजिस्ट और एसोसिएट प्रोफेसर जूलिया तांग हग के दौरान सांस को रोकने की सलाह देती हैं। कहती हैं कि ज्यादातर हग 10 सेकंड से कम की होती हैं, इसलिए लोगों को यह मैनेज करना होगा। गले मिलने के बाद और दोबारा बात शुरू करने से पहले कम से कम 2 मीटर की दूरी बना लें। डॉक्टर तांग के मुताबिक, सांस रोकने से आप किसी वायरस की अंदर खींचने या सांस बाहर छोड़ने से बच जाएंगे।

बात करने से ज्यादा सुरक्षित है गले मिलना-

  • यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्गकॉन्ग में सीनियर प्रोफेसर युगुओ ली ने कहा कि लंबी बातचीत की तुलना में गले मिलने में जोखिम कम होता है। इसमें संपर्क में आने का वक्त कम होता है, जबकि बातचीत हमारे हिसाब से कितनी भी लंबी हो सकती है। गाल पर किस न करें।
  • डॉ. ली के मुताबिक, वायरस के संपर्क में आने का सबसे ज्यादा खतरा हग की शुरूआत में होता है। इस दौरान दो लोग एक-दूसरे पर सांस छोड़ते हैं। इसलिए मास्क पहनना और हाथ धोना काफी जरूरी है।
  • डॉक्टर मार ने पाया कि सावधानी के साथ छोटी हग करते वक्त जोखिम कम होता जीरो नहीं। लोगों को यह फैसला सोचकर करना चाहिए। वह कहती हैं कि मैं अपने दोस्तों को हग करूंगी, लेकिन मैं एक कैजुअल हग करके उसे छोड़ दूंगी।

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