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क्‍यों खत्‍म हो रही है कोरोना मरीजों के सूंघने की शक्ति, इसकी वजह जानने के निकट पहुंचे वैज्ञानिक

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लॉस एंजेलिस (एजेंसी)। कोरोना वायरस के लक्षणों में मरीज के सूंघने की शक्ति के कम होने की वजह का पता लगाने में वैज्ञानिक काफी समय से जुटे हैं। एक जर्नल में छपे एक लेख में इसकी वजह के बारे में काफी कुछ बताया गया है। इसके मुताबिक चुहिया पर हुए प्रयोग के दौरान पाया गया है कि उसमें नोवेल कोरोना वायरस के होने के पीछे दो तरह के प्रोटीन चाहिए होते हैं। यही बाद में उसके सूंधने की शक्ति को प्रभावित भी करते हैं। शोध के मुताबिक अधिक उम्र के जानवरों और जवान जानवरों में इस तरह के प्रोटीन अधिक मात्रा में बनते हैं।

  • अमेरिका के रेनो स्‍कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों के मुताबिक सूंघने की शक्ति से काफी हद तक किसी बीमारी के इलाज या उसकी जांच के बेहद करीब पहुंच जाते हैं।
  • उनके मुताबिक नोवेल कोरोना वायरस, SARS-Cov-2 में अभी बहुत कुछ ऐसा है जो हमारे अब तक सामने नहीं आया है और जिसकी हमें जानकारी नहीं है। इसमें ये भी शामिल हैं कोरोना वायरस के लक्षण न दिखाई देने वाले लोग आखिर कैसे अपनी सूंधने की शक्ति को खोते जा रहे हैं।
  • शोध के मुताबिक इंसानी शरीर में दो तरह के प्रोटीन की मौजूदगी से सेल्‍स बनाकरती हैं।
इसमें ACE2 और TMPRSS2 शामिल

हालांकि शोध में अब तक ये साफ नहीं हो सका है कि आखिर कोरोना वायरस इन्‍हें किस तरह से प्रभावित कर रहा है जिसकी वजह से सूंधने की शक्ति खत्‍म होने की समस्‍या सामने आ रही है। चुहिया पर हुए अब तक के शोध में ये बात सामने आई है कि नाक में मौजूद सेल्‍स हवा में मौजूद गंध को शरीर में मौजूद न्‍यूरॉन तक पहुंचाते हैं। इसके मुताबिक कोरोना वायरस की मौजूदगी में sustentacular cells की वजह से ही किसी मरीज की सूंधने की शक्ति कम या खत्‍म हो जाती है।

  • इसमें ये भी बात सामने आई है कि उम्र दराज चुहिया में जवान चुहिया की अपेक्षा प्रोटीन अधिक उत्‍पन्‍न होता है। अभी इस शोध पर आगे काम जारी है। इसमें ये देखा जा रहा है कि क्‍या से सेल्‍स वायरस को नर्व्‍स तक भेजने में भी सहायक होती हैं या नहीं, जिसकी वजह दिमाग पर असर पड़ता है।

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