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कोरोना पर राहत की खबर:दुनिया में कहीं भी बच्चों में ज्यादा गंभीर संक्रमण नहीं, अगली लहर में भी ऐसा होने के सबूत नहीं

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देश में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर होने से नए केस लगातार कम हो रहे हैं। तीसरी लहर में बच्चों पर इसके बुरे असर की खबरों के बीच सरकार ने राहत भरा दावा किया है। एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को बताया कि भारत या दुनिया के मामले देखें तो अब तक ऐसा कोई डेटा नहीं आया, जिसमें दिखाया गया है कि बच्चों में अब ज्यादा गंभीर संक्रमण है। अभी ऐसे सबूत नहीं हैं कि अगर कोविड कि अगली लहर आएगी तो बच्चों में ज्यादा गंभीर संक्रमण होगा। वे कोरोना के हालात पर होने वाली नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस पर बोल रहे थे।

रिकवरी रेट 94.3%, एक्टिव केस घटकर 13 लाख हुए
स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि देश में एक्टिव केस घटकर 13 लाख हो गए हैं। होम आइसोलेशन और हॉस्पिटल मिलाकर रिकवरी रेट 94.3% हो चुका है। 1 से 7 जून तक पॉजिटिविटी रेट में 6.3% की कमी आई है। उन्होंने कहा कि 7 मई को देश में एक दिन में 4.14 लाख नए केस दर्ज किए गए थे। अब ये एक लाख से भी कम हो गए हैं।

सरकार के मुताबिक, भारत में हर 10 लाख आबादी पर 20,822 केस आए हैं। 252 लोगों की मौत हुई है। यह दुनिया में सबसे कम है।

एक सप्ताह में नए केस में 33% की कमी
इसके अलावा पिछले 24 घंटों में देश में 86,498 मामले दर्ज किए गए हैं। यह 3 अप्रैल के बाद अब तक एक दिन के सबसे कम मामले हैं। 4 मई को 531 ऐसे जिले थे, जहां रोज 100 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे थे। ऐसे जिले अब 209 रह गए हैं। पिछले एक सप्ताह में नए केस में 33% और एक्टिव केस में 65% की कमी आई है। अब 15 राज्यों में पॉजिटिविटी रेट 5% से कम हो गई है।

वैक्सीनेशन ड्राइव पर फैसला लंबे एनालिसिस के बाद
प्रेस काॅन्फ्रेंस में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल से सवाल किया गया कि वैक्सीन पॉलिसी पर फैसला सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद लिया गया? इस पर उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट की चिंता का सम्मान करते हैं, लेकिन सरकार डी-सेंट्रलाइजेशन के मॉडल को लागू करने के बाद एक मई से ही इसकी समीक्षा कर रही थी। इस तरह के फैसले एक अरसे के दौरान एनालिसिस और विचार-विमर्श के बाद लिए जाते हैं।

प्राइवेट सेक्टर के लिए वैक्सीन की कीमत कंपनियां तय करेंगी
डॉ. वीके पॉल ने बताया कि प्राइवेट सेक्टर (हॉस्पिटल) के लिए कोरोना वैक्सीन की कीमतें इन्हें बना रहीं कंपनियां ही तय करेंगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही कहा था कि निजी अस्पताल वैक्सीन प्रोडक्शन का 25% हिस्सा सीधे खरीद सकेंगे। राज्य सरकारें इसकी निगरानी करेंगी कि निजी अस्पताल टीकों की कीमत के अलावा सिर्फ 150 रुपये सर्विस चार्ज ही लें।

डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि राज्य प्राइवेट सेक्टर की डिमांड पता करेंगे। इसका मतलब है कि वे देखेंगे कि हॉस्पिटल के पास कितनी सुविधाएं है और उसे कितने डोज की जरूरत है।

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