कोरोना को हराने वालों के लिए अच्छी खबर:रिपोर्ट में दावा- संक्रमण से ठीक होने वाले 96% मरीजों में एक साल बाद भी मौजूद रहीं एंटीबॉडी
काबू में आने लगा कोरोना:स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- पिछले 20 दिनों से नए मामलों से ज्यादा लोग रिकवर हो रहे, 8 लाख एक्टिव केस कम हुए
कोरोनावायरस को हराने वाले मरीजों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। जापान की योकोहामा सिटी यूनिवर्सिटी ने एक स्टडी के बाद दावा किया है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले 96% मरीजों में एक साल बाद भी एंटीबॉडी मौजूद रहीं। जापानी क्योदो न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ने पिछले साल संक्रमित हुए करीब 250 लोगों पर यह स्टडी की है।
इन सभी लोगों की उम्र 21 से 78 साल के बीच है और ये सभी पिछले साल फरवरी से अप्रैल के बीच कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे। स्टडी में पाया गया कि जिन मरीजों में कोरोना के ज्यादा लक्षण पाए गए थे। उनमें एक साल बाद भी एंटीबॉडी मौजूद रहीं। जबकि जिनमें थोड़े या बिल्कुल भी लक्षण नहीं रहे, ऐसे 97% मरीजों में 6 महीने तक एंटीबॉडी मौजूद रहीं।
इस साल इन आंकड़ों में गिरावट देखी जा सकती है
यूनिवर्सिटी की स्टडी में पाया गया कि पिछले साल 69% मरीज, जिनमें थोड़े या बिल्कुल भी लक्षण नहीं पाए गए थे। उनमें करीब 6 महीने तक कोरोना के साउथ अफ्रीकी वैरिएंट से लड़ने लायक एंटीबॉडी मौजूद रही। 75% लोगों में भारतीय वैरिएंट को हराने वाली एंटीबॉडी बनी। साथ ही 81% में ब्राजीलियन वैरिएंट और 85% लोगों में ब्रिटेन वैरिएंट को हराने लायक एंटीबॉडी बनी। हालांकि, स्टडी में दावा किया गया कि इस साल इन सभी आंकड़ों में गिरावट देखी जा सकती है।
इन लोगों को वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी
स्टडी के मुताबिक, महामारी शुरू होने के पहले महीने में संक्रमित हुए लोगों को वैक्सीन लगाना बेहद जरूरी है। खासकर उन लोगों को जिनमें कोरोना के थोड़े या बिल्कुल भी लक्षण नहीं थे। यदि ये लोग वैक्सीन नहीं लगवाते हैं, तो उन्हें कोरोना के ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका और ब्राजीलियन वैरिएंट से खतरा है।
देश में पिछले 20 दिनों से कोरोना के मामलों में कमी आ रही है। एक और अच्छी बात यह है कि नए केस के मुकाबले ज्यादा लोग रिकवर हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। जॉइंट हेल्थ सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि इस दौरान देश में करीब 8 लाख एक्टिव केस कम हुए हैं। देश में अब सिर्फ 7 राज्य हैं जहां 10 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। 5 से 10 हजार मामलों वाले 6 राज्य हैं। 6 राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, यूपी, पंजाब और दिल्ली में सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं।
कंटेनमेंट जोन बढ़ाने पर जोर
अग्रवाल ने कहा कि अब भी हमारी कोशिश कंटेनमेंट जोन बनाने पर ज्यादा है। हम लगातार टेस्टिंग बढ़ा रहे हैं। यही वजह है कि संक्रमण का फैलाव रोकने में हम सफल होते दिख रहे हैं। 382 जिले ऐसे है, जहां 10% से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है। लिहाजा अभी हमें और काम करने की जरूरत है
वैक्सीन की बर्बादी घटी
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में वैक्सीन की बर्बादी भी घट रही है। कोवीशील्ड के खराब होने की दर 1 मार्च को 8% थी। अब यह घटकर 1% हो गई है। इसी दौरान में कोवैक्सिन के खराब होने की दर 17% से घटकर 4% हो गई है।धीरे-धीरे इसे शून्य पर लाने की कोशिश हो रही है। हाल में प्रधानमंत्री ने जिलों के कलेक्टर के साथ बैठक की। इसके बाद इन जिलों की जो बेहतर काम किए गए, उन्हें साझा किया है।
वैक्सीन पासपोर्ट पर एकराय नहीं
वैक्सीन पासपोर्ट पर लव अग्रवाल ने बताया कि अब तक कई देश WHO के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट वाले लोगों को इजाजत दे रहे हैं। वैक्सीन को लेकर जब विश्व स्तर पर आम सहमति बन जाएगी, तब कोई कार्रवाई की जाएगी। अब तक इस पर WHO के लेवल पर सहमति नहीं बन पाई है। अब भी चर्चा की जा रही है कि क्या वैक्सीन लगाने वालों को दूसरे देशों में जाने की अनुमति दी जाएगी।
फंगस इंफेक्शन रोकने के लिए गाइडलाइन जारी
लव अग्रवाल ने बताया कि फंगस इंफेक्शन कंट्रोल करने और इलाज के लिए सरकार ने गाइड लाइन जारी की है। ब्लैक फंगस के लिए एमफोटेरेसिन-बी की देश में सीमित उपलब्धता थी। इसे बढ़ाया जा रहा है। 5 और मैन्युफैक्चरर का लाइसेंस दिलाने का काम किया जा रहा है। अभी जो मैन्युफैक्चरर हैं, वे भी प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं।
कोरोना पर राहत की खबर
- 18 राज्यों में पॉजिटिविटी रेट 15% से ज्यादा है। लगभग इसमें लगातार कमी दर्ज की जा रही है। 5 से 15% पॉजिटिविटी वाले 14 राज्य हैं। 4 राज्यों में 5% से कम पॉजिटिविटी रेट है।
- 1 लाख से ज्यादा एक्टिव केस घटकर अब सिर्फ 8 राज्यों में रह गए हैं। 50 हजार से एक लाख के बीच एक्टिव केस वाले राज्य 8 हो गए हैं। 50 हजार से कम एक्टिव केस वाले 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं।
- पिछले 24 घंटों में देश में 2.57 लाख मामले दर्ज किए गए हैं। 3.57 लाख लोग रिकवर हुए हैं। 78% नए मामले 10 राज्यों से दर्ज किए जा रहे हैं। सिर्फ 7 राज्यों में रोज 10 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
- 3 मई को देश में 17.13% एक्टिव केस थे। अब यह 11.12% हो गए हैं। रिकवरी रेट भी 87.76% हो चुकी है। देश में 2 करोड़ 30 लाख से ज्यादा लोग रिकवर हो चुके हैं।
स्तनपान कराने वाली महिलाएं वैक्सीन लगवाएं, लेकिन बच्चे की फीडिंग न रोकें
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि स्तनपान कराने वाली महिलाएं वैक्सीन लगवा सकती हैं। उन्हें ऐसी सलाह नहीं है कि उस दौरान वे बच्चे की फीडिंग रोक दें। बच्चों में भी संक्रमण होता है। बच्चे इससे अलग नहीं रह सकते हैं। उनसे संक्रमण फैल भी सकता है। हालांकि उन्हें या तो कुछ नहीं होगा या माइल्ड इंफेक्शन होगा। गंभीर हालत के मामले बहुत ही कम हैं। ये सिर्फ 3 से 4% हो सकते हैं। बच्चों को भी इंफेक्शन से बचाना जरूरी है। उन्हें भी कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर करना सिखाएं।
ब्लैक फंगस के मामले बढ़ने पर पॉल ने कहा कि जरूरत से ज्यादा और हाई डोज दवाइयां नुकसान करती हैं। जब ये नियम टूटते है तो फंगस के मामले आते हैं। उन्होंने कहा कि देश के बड़े हिस्से में महामारी स्थिर हो रही है। पॉजिटिविटी रेट और एक्टिव केस में भी कमी आ रही है।