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कोरोना काल में हुए राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए अफसरों को टारगेट देगा वित्त विभाग

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चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने लॉकडाउन के दौरान सूबा सरकार के राजस्व में हुए घाटे को पूरा करने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। क्योंकि सूबा सरकार को राजस्व घाटे के गैप को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई मदद मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। सूबे में कर्फ्यू के दौरान सरकार को 4256 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा था। जिसके बाद वित्त विभाग के अधिकारियों ने उन मदों की ढूंढना शुरू कर दिया है जहां से सूबा सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी की गुंजाइश है।

अगर सरकार स्टांप ड्यूटी बढ़ाने के साथ शराब पर कोविड सेस लगा दे तो इससे सरकार को साल में 420 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। सरकार को सबसे ज्यादा रेवन्यू एक्साइज एवं राजस्व विभाग से आता है। दूसरे नंबर पर स्टांप एंड ड्यूटी से मोटा राजस्व मिलता है। माना जा रहा है कि सरकार स्टांप ड्यूटी और शराब पर कोविड सेस लगाने का मन बना चुकी है। अभी स्टांप डयूटी महिलाओं के लिए 4 फीसदी और पुरुषों के लिए 6 फीसदी है। पंजाब में हर साल 6 लाख रजिस्ट्रियां होती हैं जिससे सरकार को लगभग 3 हजार 600 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है।

  • कर्फ्यू खत्म होने के बाद भी रजिस्ट्री करवाने में आई कमी

अभी विभाग के अधिकारियों ने स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन विभाग को कफ्र्यू खत्म होने के बाद मई महीने में भी अभी रजिस्ट्रियों में इतनी तेजी नहीं आने पर चिंता सता रही है। आम दिनों में हर महीने जितनी रजिस्ट्री हो रही थी  फिलहाल उसकी आधी रजिस्ट्री से भी कम ही हो रही है। यानि सूबे में अगर हर महीने 50 हजार रजिस्ट्रियां होती थी तो अब 20 हजार रजिस्ट्रियां ही हो रही है। जिससे भी मई महीने में स्टांप ड्यूटी से सूबे के राजस्व में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।

  • शराब पर लगे सेस से सरकार हो सकती है मालामाल

इसी तरह से सरकार अब शराब पर 240 रुपए प्रति पेटी विशेष कोविड सेस लगाती है तो इससे सरकार को देशी और अंग्रेजी शराब को मिला कर 396 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व  मिल सकता है। इस लिए वित्त विभाग के अधिकारी स्टांप ड्यूटी बढ़ाने और विशेष कोविड सेस को लगाने को लेकर मंथन कर रहे है। विशेष कोविउ सेस को लगाने को लेकर सीएम ने भी एक कमेटी का गठन कर रखा है। जिसे अभी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है।

  • कोविड के चलते सरकार को राजस्व में हुए नुकसान को पूरा करने के लिए विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। 3 साल में राज्य को आर्थिक पटरी पर लाए थे कोविड से फिर स्थिति खराब हो गई। इसे पूरा करने को देखा जा रहा है कि सरकार कहां से राजस्व जुटा सकती है। -मनप्रीत बादल,वित्त मंत्री
  • सरकार काे कोविड सेस पर मंथन करना चाहिए कि वह किन-किन चीजों पर लगाया जा सकता है। जैसे वाहनों के खरीद एवं रजिस्ट्रेशन, बिजली के बिलों, कमर्शियल प्रापर्टी की रजिस्ट्रेशन, हथियार खरीदने, इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट,पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर कोविड सेस लगा कर करोड़ का राजस्व जुटा सकती है। -रवि प्रकाश, फाइनेंस एडवाइजर

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