चंडीगढ़. चीफ सेक्रेटरी और मंत्रियों के बीच उठे विवाद काे सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को एक बार फिर लंच डिप्लोमेसी का सहारा लिया। चंडीगढ़ के नजदीक सीएम के सिसवां स्थित फॉर्म हाउस पर हुए इस भोज में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल, तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, खेल राणा गुरमीत सिंह सोढी, आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी के साथ चीफ सेक्रेटरी करन अवतार शामिल हुए।
सूत्रों के अनुसार सीएम ने दोनों पक्षों को आमने सामने बिठाकर उनकी बात सुनी। हालांकि डेढ़ घंटे चली इस मीटिंग के निर्णय पर अभी सीएम ने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सीएम शायद तुरंत सीएस पर एक्शन लेने के मूड में अभी भी दिखाई नहीं दे रहे हैं, इसलिए उन्होंने इतनी लंबी बातचीत के बावजूद मंत्रियों को अपने फैसले से अवगत नहीं कराया।
यूं चला बैठक का दौर : बैठक के आरंभ में कैप्टन के पास सबसे पहले सांसद मनीष तिवारी और खेल मंत्री पहुंचे और उन्होंने इस मुद्दे के साथ प्रदेश के अन्य मुद्दों पर चर्चा की। जब यह चर्चा जारी थी तो तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी पहुंचे और वह भी चर्चा में शामिल हो गए। कुछ मिनटों के बाद वित्तमंत्री मनप्रीत बादल भी आ गए। जब मनप्रीत आए तब सीएम ने चीफ सेक्रेटरी करन अवतार सिंह काे भी बुला लिया, जो शायद आसपास ही थे, जो जल्द की उस मीटिंग में पहुंच गए। तब सीएम ने दोनों पक्षों को आमने सामने बिठाकर पूरी बात विस्तार से सुनी लेकिन सीएम ने अभी तक मामले में अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
इधर, कोरोना काल के दाैरान पहली बार 27 को कैबिनेट मीटिंग
देर रात मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 27 मई को मंत्रिमंडल की बैठक सीएम ऑफिस में ही बुलाने का फैसला कर लिया है। आश्चार्य की बात यह है कि यह बैठक 22 मार्च को कोरोना वायरस के दौरान जारी की गई गाइड़ लाइन के बाद सीएम अपने ही दफ्तर में मीटिंग बुला रहे हैं। इस बैठक में चीफ सेक्रेटरी करन अवतार भी मौजूद रह सकते हैं। हालांकि मंत्रियों ने कह रखा है कि जिस भी मीटिंग में सीएस मौजूद होंंगे वे शामिल नहीं होंगे। लेकिन लंच डिप्लोमेसी-2 के बाद माना जा रहा है कि सभी मंत्री शामिल हो सकते हैं।
मीटिंग में सुनील जाखड़ नहीं आए
बताया जाता है कि इस मीटिंग के लिए पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ को एक बार फिर बुलाया गया था, क्योंकि एक तो वह पिछली मीटिंग में मौजूद थे, दूसरा वे भी सीएस और अन्य अफसरों के खिलाफ सीएम से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन किन्हीं निजी कारणों के चलते वे आज की मीटिंग में शामिल नहीं हो सके।
इधर, पुलिस कर्मियों और अफसरों के लिए प्रमोशन पॉलिसी तैयार, अगले सप्ताह से ही हो सकती है लागू
कोरोना जंग में फ्रंट लाइन पर काम करने वाले पुलिस कर्मचारियों की प्रमोशन के लिए पुलिस विभाग विशेष पॉलिसी बना रहा है, ताकि प्रोत्साहन मिल सके। विभाग ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। सीएम से डिस्कस के बाद डीजीपी इसे अगले सप्ताह में लागू कर सकते हैं। हालांकि सरकार ने कहा था कि कोरोना जंग में फ्रंट लाइन पर 55 साल से अधिक उम्र वाले पुलिस वालों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी लेकिन अब पुलिस विभाग ने तय किया है उन्हें भी पॉलिसी के तहत वीआरएस लेने के साथ-साथ अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
42000 पुलिस फोर्स तैनात है कोरोना जंग में
कोरोना की जंग में 42000 पुलिस मुलाजिमों को लगाया गया है। इनमें कांस्टेबल से लेकर डीजीपी रैंक तक, स्पेशल प्रमोशन रेकंडमेशन, आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा। पहली बार हो रहा है कि कोरोना के तहत विशेष सेवाएं देने वालों को प्रमोशन का विशेष प्रावधान किया जा रहा है। वहीं तय भी तय किया है कि पंजाब पुलिस की 84000 पुलिस फोर्स के लिए विशेष तौर पर प्रशंसा पत्र दिया जाएं।
बेहतरीन रहा है पुलिस का काम : डीजीपी
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि कोरोना जंग के दौरान पुलिस ने बेहतरीन काम किया। इस दौरान उन्होंने झड़पें भी झेली। सभी अधिकारियों व कर्मचारियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिन्होंने करोना वायरस के दौरान विशेष जिम्मेदारी निभाई।