काम की बात:पैन को आधार से लिंक नहीं करने पर FD और RD से मिलने वाले रिटर्न पर देना होगा दोगुना टैक्स, यहां जानें इसको लेकर क्या है नियम
अगर आपने अभी तक पैन को आधार से लिंक नहीं कराया है तो आज ही करा लें। सरकार ने पैन को आधार से जोड़ने के लिए 30 जून 2021 तक का समय दिया है। 30 जून तक इन्हें लिंक न कराने पर आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसका असर आपके बैंक डिपॉजिट और RD से मिलने वाले रिटर्न पर भी पड़ेगा। आपको आपके डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज पर दोगुना TDS देना होगा। हम आपको बता रहे हैं कि बैंकिंग से जुड़े कामों पर आधार-पैन लिंक न करने का क्या असर होगा।
देना होगा दोगुना TDS
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के संस्थापक व सीईओ पंकज मठपाल अब अगर कोई व्यक्ति 30 जून, 2021 तक अपने पैन को आधार से नहीं जोड़ता है तो इसे ज्यादा TDS देना होगा। क्योंकि पैन को आधार से लिंक न करने पर आपका पैन इनऑपरेटिव हो जाएगा। इनकम टैक्स एक्ट के तहत अगर किसी व्यक्ति के पास एक्टिव पैन नंबर नहीं है तो बैंक FD और RD से मिलने वाले ब्याज पर 20% की दर से TDS काटेगा।
अभी के नियम के अनुसार अगर 1 वित्त वर्ष में FD और RD से होने वाली आय 40 हजार (सीनियर सिटीजन के मामले में 50 हजार रुपए) तक है तो इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता। इससे ज्यादा आय होने पर 10% TDS काटा जाता है।
पैन हो जाएगा निष्क्रिय
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा था कि अगर कोई पैन कार्ड होल्डर्स पैन को आधार से लिंक नहीं कराता है तो, उनके पैन को इनऑपरेटिव घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद वित्तीय लेनदेन में पैन का इस्तेमाल नहीं हो पाएंगे। इसके अलावा 30 जून तक इन्हें लिंक न करने पर 1 हजार रुपए जुर्माना देना होगा। इस जुर्माने का प्रावधान इनकम टैक्स एक्ट 1961 में जोड़े गए नए सेक्शन 234H के तहत किया गया है। सरकार ने ऐसा 23 मार्च को लोकसभा से पारित हुए फाइनेंस बिल 2021 के जरिए किया है।
आधार को पैन से लिंक करना है जरूरी
सीए अभय शर्मा (पूर्व अध्यक्ष इंदौर चार्टर्ड अकाउंटेंट शाखा) बताते हैं कि एक्ट की धारा 139AA के तहत मांगे जाने पर पैन दिखाना अनिवार्य है। सेक्शन 139AA के तहत हर उस व्यक्ति के लिए अपने इनकम टैक्स रिटर्न और पैन कार्ड बनवाने की ऐप्लीकेशन में आधार नंबर का लिखना जरूरी है, जो आधार पाने का पात्र है। इसके अलावा जिन लोगों को 1 जुलाई 2017 तक PAN अलॉट हो चुका था और जो आधार नंबर पाने के पात्र हैं, उनके लिए पैन को आधार से लिंक करना जरूरी है। अगर व्यक्ति ऐसा नहीं करता है तो उसका पैन कार्ड इनऑपरेटिव हो जाएगा।
क्या होता है टीडीएस?
अगर किसी की कोई आय होती है तो उस आय से टैक्स काटकर अगर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाए तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को टीडीएस कहते हैं। सरकार टीडीएस के जरिएटैक्स जुटाती है। यह अलग-अलग तरह के आय स्रोतों पर काटा जाता है जैसे सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि पर। कोई भी संस्थान (जो टीडीएस के दायरे में आता है) जोभुगतान कर रहा है, वह एक निश्चित रकम टीडीएस के रूप में काटता है।