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जहरीली शराब से 48 और मरे, 3 दिन में 87 की मौत, कई की आंखों की रोशनी गई, 3700 रुपए की 50 लीटर एल्कोहल से 15000 रुपए की तैयार करते हैं शराब, 3 जिलों के शहरी क्षेत्रों और 40 गांव तक सप्लाई

2 डीएसपी, 4 एसएचओ, 7 आबकारी कर्मी सस्पेंड

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जहरीली शराब के कहर से तीसरे दिन भी 48 और लोगों की मौत हो गई। अब तक 87 लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को तरनतारन में सबसे ज्यादा 44, अमृतसर में एक और बटाला में 3 की मौत हुई। शुक्रवार रात तक तरनतारन में 19 लोगों की मौत हो चुकी थी। पंजाब में अभी तक जहरीली शराब से मरने वाले लोगों की यह सबसे बड़ी संख्या है।

हालांकि आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है। सरकार के मुताबिक ‘तरनतारन में अब तक 63 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए वित्तीय मदद का एलान किया है। खुद सीएम अमरिंदर सिंह ने नकली शराब बनाने और बेचने को रोकने में पुलिस और आबकारी विभाग की नाकामी को शर्मनाक करार दिया। शनिवार को 48 मौतों की पुष्टि करने में ही सरकार के पसीने निकल गए।

पुलिस दिन भर 42 मौतों की वेरिफिकेशन के ही दावे करती रही। जबकि शाम होते-होते सरकार ने मान लिया कि आंकड़ा 87 हो गया है। बटाला में शनिवार को 3 और लोगों की मौत हो गई। मुआवजे का एलान होते ही तरनतारन में मारे गए लोगों के परिजन शनिवार को उनके शव ऑटो, टैंपो में अस्पताल लेकर पहुंचने लगे। कुल 14 लोगों के पोस्टमार्टम हुए, जिनमें से 6 शुक्रवार को मरने वालों के थे।

60 रुपए’च दो पाउच खरीदे सी, पीले रंग दी शराब जिवें जहर होवे, पीण तों अद्दे घंटे बाद रोशनी घट्ट गई

जहरीली शराब के कहर से बचे तिलक राज ने बताया, परसों हाथीगेट दे बाहरों जहरीली शराब दे 60 रुपए’च दो पाउच खरीदे सी, पीले रंग दी शराब दे इक्क घुट्‌ट तों लग रिहा सी जिवें जहर होवे। मैं फिर भी उसनूं पी लिया। पीण तो अद्दे घंटे बाद अक्खां दी रोशनी घट्‌ट गई। मैनूं धुंधला विखाई देण लग्गा। मैं डाक्टर कोल गया, उसने मैनूं टीका लगाया ते दवाई दित्ती। भगवान दी किरपा नाल मैं बच्च गया।

एसएसपी साहेब, ऐ जर्मन कौन है, इसदी इन्वेस्टीगेशन करो, इक्क एसएचओ वी धमका रही है कार्रवाई करो..

शिअद प्रधान सुखबीर बादल शनिवार शाम 4.50 बजे मृतकों के परिजनों से मिलने तरनतारन सिविल अस्पताल पहुंचे। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर दरी बिछाकर बैठे लोगों के साथ बैठे सुखबीर को भुल्लर गांव की कमलजीत काैर ने कहा, उनके भाई तरसेम सिंह (32) और जेठ प्रकाश सिंह (45) की जहरीली शराब पीने से मौत हुई है।

‘खडूर साहिब के कांग्रेसी एमएलए रमनजीत सिक्की के पीए जर्मनजीत सिंह के आदमियों ने सिविल अस्पताल में आकर मुझसे मारपीट की।’ इसपर बादल ने फोन पर एसएसपी से कहा ‘ एे जर्मन कौन है, जे सिक्की दा पीए है तां इसदी इन्वेस्टीगेशन करो, आप दी इक्क एसएचओ वी परिवार नूं धमका रही है कार्रवाई करो..नई तां पूरा अकाली दल इन्हां दे नाल खड़ा है।

2 डीएसपी, 4 एसएचओ, 7 आबकारी कर्मी सस्पेंड

घटना के तीसरे दिन सरकार ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए डीएसपी (जंडियाला देहाती) मनजीत सिंह व डीएसपी (सबडिवीजन तरनतारन गोइंदवाल) कंवलप्रीत सिंह मंड समेत थाना तरसिक्का, थाना सदर तरनतारन, थाना सिटी तरनतारन समेत थाना सिटी बटाला के एसएचओ को निलंबित कर दिया। सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा, गुरदासपुर से ईटीओ लवजिंदर बराड़, अमृतसर से ईटीओ बीएस चाहल और तरनतारन से ईटीओ मधुर भाटिया समेत गुरदासपुर से सब इंस्पेक्टर रवि कुमार , अमृतसर से गुरदीप सिंह और फतेहबाद से पुखराज और तरन तारन जिले में तरनतारन सिटी से हितेश प्रभाकर को भी निलंबित किया गया।

इधर पुलिस ने शराब तस्करों के खिलाफ पूरे दिन में अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर व पटियाला के राजपुरा समेत कई जिलों में 100 के करीब छापे मारे और 17 लोगों को भारी मात्रा में शराब के साथ गिरफ्तार किया। अब तक पुलिस ने 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। पटियाला जिला के शंभू, राजपुरा और बनूड़ के ढाबों जिनमें झिलमिल ढाबा, ग्रीन ढाबा, छिंदा ढाबा शामिल हैं, को सील किया गया है। आजाद ट्रांसपोर्ट का मालिक प्रेम सिंह और भिन्दा, जो कि तरनतारन पुलिस द्वारा वांछित को भी राजपुरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

राजपुरा से आई खेप, मास्टर माइंड गोबिंदा गिरफ्तार

शनिवार शाम को फिरोजपुर रेंज के डीआईजी हरदयाल सिंह मान ने कहा कि जहरीली शराब की यह खेप पटियाला के राजपुरा से आई थी। वहां से जिन लोगों के जरिए यह जंडियाला और तरनतारन पहुंची पुलिस ने उनमें कई को गिरफ्तार कर लिया है। अमृतसर देहाती पुलिस की चार सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने इस मामले के मास्टरमाइंड गोविंदरबीर सिंह उर्फ गोबिंदा को गिरफ्तार कर लिया है। बलविंदर कौर और मिट्‌ठू सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इन तीनों को अदालत में पेश कर रिमांड लिया

 तरनतारन, गुरदासपुर और अमृतसर जिले के 15 शहरी क्षेत्र और 40 गांवों तक जहरीली शराब पहुंच चुकी थी। अब तक 87 लाेगों की मौत हो चुकी है। ग्राउंड रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि एल्कोहल को इन तीन जिलों में पहुंचाने वाला नेक्सेस एक ही था। शराब बनाने की ज्यादातर भट्ठियां दरिया या छप्पड़ों के किनारे हैं। ड्रम में भरकर स्टाॅक को पानी में छिपा कर रखते हैं।

ये 3700 रुपए की 50 लीटर एल्कोहल खरीदकर उससे 15000 की शराब बना लेते थे। यह शराब इतनी तेज होती है कि अगर उसमें 10 गुना पानी मिलाकर किसी बर्तन में डाल दें तो बर्तन इतना गर्म हो जाता है कि उस बर्तन को 20 मिनट से पहले हाथ लागने पर जल सकते हैं। शराब इतनी घातक है कि आग कई मीटर से दूरी से खींच लेती है। तस्कर थोक में 650 की 5 बोतल बेचते थे।

छोटे ग्राहक को 200 रुपए बोतल हिसाब से। शराब का नशा करने वाले मानते हैं कि शराब में इतना ज्यादा नशा है, वह केवल गिलासी ही पीते हैं। सवाल उठ रहे हैं कि माझा में एल्कोहल का इतना बड़ा धंधा आखिर कहां से कौन करता था। तरनतारन व बटाला में दो बड़ी डिस्टलरी हैं। कहीं ऐसा तो नही कि यहां से एल्कोहल के ट्रक चोरी होकर गांवों तक पहुंचते हों।

पुलिस इस ओर सोचने में भी पुलिस डर रही है क्योंकि तरनतारन में डिस्टलरी राणा की है। बटाला में सरना की। दोनों पावरफुल नेता हैं। इधर, पंजाब में जहरीली शराब सप्लाई से तीन जिलों तरनतारन, अमृतसर व बटाला में हुई मौतों का आंकडा लगातार बढ़ता जा रहा है। अकेले तरनतारन में मरने वालों की संख्या 63 हो गई है। मरने वालों में ज्यादातर मजदूर हैं। इनमें एक एसजीपीसी मुलाजिम और एक ज्योतिषी भी था।

इसलिए शराब पीनेे से होती है मौत

इथाइल एल्कोहल का प्रयोग शराब बनाने में किया जाता है। इसके लिए इसकी तीव्रता घटानी पड़ती है। इसी तरह का दूसरा पदार्थ मिथाइल एल्कोहल होता है, जो जहरीला होता है। चूंकि, दोनों का मिलता-जुलता नाम है और ‘एल्कोहल’ शब्द भी जुड़ा है, इसलिए तस्कर भ्रम में मिथाइल एल्कोहल में पानी मिलाकर शराब के रूप में बेचते हैं। मिथाइल एल्कोहल का प्रयोग दिमागी कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। इससे शरीर में सुन्नपन व अंधेपन की समस्या आ सकती है। इसके सेवन मौत का कारण बन सकती है।

लैबोरेटरी नहीं होती, एल्कोहल की तीव्रता नहीं कम कर पाते तस्कर

प्रमाणित डिस्टलरी जहां पर शराब बनाई जाती है वहां लैब होती है। यहां पर विशेषज्ञ मानक के अनुरूप निश्चित मात्रा में इथाइल एल्कोहल की तीव्रता कम करते हैं। दूसरी तरफ, कच्ची शराब बनाने वालों के पास एल्कोहल की तीव्रता कम करने का मैकेनिज्म नहीं होता है। मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों से इथाइल और मिथाइल एल्कोहल दोनों सप्लाई होते हैं। कई बार मिथाइल एल्कोहल को टैंकर से निकालकर तस्करों को बेच देते हैं। कुछ अवैध शराब बनाने वाले लोग खरीद लेते हैं। बाद वे शराब बनाने की कोशिश करते हैं।

अब 3 इनोवा, ट्रैक्टर, करोड़ों की संपत्ति का मालिक, पुलिस भी नहीं लगाती हाथ

पंडोरी गोला में अब तक 6 मौतें जहरीली शराब पीने से हो चुकी है। मरने वाले सभी युवा है। पुलिस ने जहां के एक शराब तस्कर फीरा (कशमीर सिंह) को पकडा भी है। यह ऐसा तस्कर है जो, लगभग 10 साल से शराब के धंधे में जुडा है। इनका धंधा ज्यादातर थोक का था। पुलिस ने कभी उसे पकडा तक नही। इसकी बडे कैन में (अल्कोहल) शराब की खेप आती थी।

गांव के लोगों का कहना है कि यह दलित परिवार से सबंधित है, पहले यह दिहाडी का काम करता था, अब 3 इनोवाल गाडियों व अन्य वाहनों का मालिक बन गया है। साल 2013 में इसने गांव से सरंपच का चुनाव भी लडा था, लेकिन हार गया था। अब कहता था, एक बार एमएलए बनना है। गांव निवासियों ने अपना नाम छुपाते हुए कहा कि गांव में लगभग 25-30 लोग शराब का धंधा करते हैं। पुलिस ने कभी किसी को पकडा ही नहीं।

एक बोतल से बना लेते हैं 10 बोतल

गांव पंडोरी गोला के एक व्यक्ति ने कहा कि वह भी इस धंधे में जुड़ा था। वह अपनी शराब तैयार कर बेचता था। अल्कोहल सुबह 4 बजे उतरती है। एक बोतल से 10 बोतल बन जाती हैं। शराब उबलती है। उसे जिस बर्तन में डाला जाए 10 बोतल करने के बाद भी उसे 20 मिनट हाथ नहीं लगता। शराब लेने वाले ग्राहक उंगली पर शराब डाल कर दूर से माचिस से आग लगाते हैं, आग पेट्रोल की तरह दूर से शराब को आग पकड़ लेती है तो ग्राहक देख कर खुश हो जाता है। ऐसी शराब पीने से सीधा असर आंखों पर होता है, ज्यादातर की मौत भी पहले आंखों से न दिखने व बाद तड़पने से हुई है।

मरने वाले ज्यादातर दिहाड़ीदार मजदूर

जहरीली शराब से मरने वालों में ज्यादातर मजदूर थे। कोई एफसीआई व कोई अन्य एजेंसी में काम करता था। कोई रिक्शा चालक था, कोई अचार बेच कर गुजारा करता था। गांव बचड़े में तीन की मौत हुई है, एक आंखों से अंधा हो गया है। चारों मजदूर थे। गांव संघा में दो भाई ही चल बसे हैं। दोनों शराब लेकर आने के लिए पीकर चेक करने लगे थे, लेकिन शराब जहरीली होने से दोनों घर पहुंचते ही दम तोड़ गए।

तरनतारन के इन गांवों व मोहल्ले से हैं मरने वाले…12 गांव और शहर के 5 मोहल्लों से हैं। जिनमें गांव पंडोरी गोला, बचड़े, संघा, नोरंगबाद, कल्ला, कंग, कक्का कंडियाला, भुलर, मलिया, कद गिल, मल मोहरी, जोधपुर शामिल है। शहर से गुरु तेग बहादर नगर, सच्चखंड रोड, मोहला जसवंत सिंह, मुरादपुर, गोकलपुर व गली माता ज्वाला जी के थे।

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