कठघरे में punjab पुलिस:जहरीली शराब पीने से 32 और मरे, 18 का बिना पोस्टमार्टम के संस्कार, 48 घंटे में न मौतें रोक सकी और न ही सप्लाई की चेन का पता लगा सकी पुलिस
बढ़ सकता है मृतकों का आंकड़ा, बटाला में अकाली नेत्री समेत 8 अरेस्ट, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश अपुष्ट सूत्रों के अनुसार देर रात आंकड़ा 45 से 49 तक पहुंचा
पंजाब के अमृतसर, तरनतारन और गुरदासपुर जिलों में जहरीली शराब पीने की अलग-अलग घटनाओं में शुक्रवार को 32 लोगों की मौत हो गई। सरकार के मुताबिक शुक्रवार शाम तक अमृतसर ग्रामीण में ज़हरीली शराब पीने वाले 11 व्यक्ति, बटाला में 9 और तरनतारन में 19 व्यक्तियों की मौत हुई है। वीरवार को अमृतसर में 7 लोगों की मौत हुई थी। अब जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। हालांकि, अपुष्ट सूत्रों के अनुसार देर रात मौतों का आंकड़ा 45 से 49 तक पहुंच गया है। अगर पुलिस घटना की सूचना मिलने के बाद तुरंत एक्शन में आती तो मौतों का बढ़ने वाला आंकड़ा रोका जा सकता था। शुक्रवार को भी 13 लोगों के पोस्टमार्टम के बिना संस्कार हो जाना भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता है। इधर, सीएम अमरिंदर सिंह ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा, शुक्रवार को अमृतसर ग्रामीण, बटाला और तरनतारन से शराब की तस्करी करने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारियां और बढ़ सकती हैं। क्योंकि कई इलाकों में ज़हरीली शराब बेचने वालों का नैटवर्क फैला है। तरनतारन में गिरफ्तार मिट्ठू ने तस्करी करना माना है। बटाला से अकाली नेत्री दर्शन रानी व राजन की गिरफ्तारी हुई है। कश्मीर सिंह, अंग्रेज़ सिंह, अमरजीत व बलजीत तरनतारन से गिरफ्तार किए गए। बलविंदर कौर को वीरवार को गिरफ्तार किया था। बटाला में बूटा राम निवासी काजी मोरी, भूपिंदर कुमार, जतिंदर कुमार, बिट्टा निवासी हाथी गेट, बिट्टू, कालू निवासी कपूरी गेट, जस, लाडी महाजन वासी ठठियारी गेट बटाला की मौत हुई है।
कोई घर आकर मरा तो कोई रास्ते में गिर ही गया
जहरीली शराब का असर इतना तेज था कि ज्यादातर लाेगाें ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम ताेड़ दिया। कुछ लाेगाें के शव गलियाें में मिले। तरनतारन में रेहड़ी लगाने वाले प्यारा सिंह (40) निवासी सरहाली रोड की माैत शुक्रवार सुबह 5 बजे हुई। प्यारा सिंह के घर के पास रहने वाले भागमल (46) की लाश घर के नजदीक गली में पड़ी मिली। घरवालों को सूचना सुबह सैर जाने वाले युवक ने दी। मलमोहड़ी गांव केे 60 साल के नाजर सिंह, उसके बेटे जतिंदर (36) ने घर में ही दम तोड़ दिया।
आरोपी महिला के पति समेत मुच्छल गांव में 4 और ने दम तोड़ा, आज भी नहीं हुए पोस्टमार्टम
अमृतसर जिले के मुच्छल गांव में जहरीली शराब पीने से बीमार हुए 4 और लोगों ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। दम तोड़ने वालों में जसवंत सिंह जस्सा भी शामिल है, जो जहरीली शराब बेचने की आरोपी बलविंदर कौर का पति है। बलविंदर कौर को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। तीन अन्य मृतकों में मंगल सिंह (45), जोगा सिंह (38) और जसविंदर सिंह (40) शामिल हैं। लापरवाही का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। तरनतारन के प्यारा सिंह (40), भागमल (46) निवासी सरहाली रोड, लखविंदर सिंह (50), हरजीत सिंह (65), अमरीक सिंह (55) सचखंड रोड निवासी, जोधपुर निवासी सतनाम सिंह बिट्टू (45), मलमोहड़ी निवासी नाजर सिंह (60) और जतिंदर सिंह (36) का बिना पोस्टमार्टम संस्कार करवा दिया गया।
जंडियाला गुरु से जुड़े हैं जहरीली शराब के तार
1.बटाला में जहरीली शराब तस्करी के कई मामले दर्ज हैं जिसके आरोपी जंडियाला गुरु से आते हैं। ये आरोपी यहीं से शराब लाकर बटाला के इलाकों में बिकवाते थे। एक्साइज की टीम ने यहीं का एक तस्कर भी पकड़ा है। 2. बटाला स्थित बड़ी डिस्टलरी के एल्कोहल वाले ट्रक से अक्सर चोरी होती है। इसी एल्कोहल में पानी अथवा स्प्रिट मिलाकर शराब बनाई जाती है। 3. सूबे में कच्ची शराब (लाहन) की तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। इसमें एल्कोहल की मात्रा का कोई पैमाना नहीं होता। तस्कर दरियाओं के किनारे लाहन और भट्ठी जमीन में दबाए रहते हैं।
पुलिसिया तंत्र पर बड़े सवाल
- पुलिस को खुफिया तंत्र/मुखबिरों से मौतों की जानकारी क्यों नहीं मिली?
- जिन गांवों में मौतें हुईं, वह अवैध शराब के लिए पहले से बदनाम हैं। पुलिस ने सख्ती क्यों नहीं बरती?
- ग्रामीणों अनुसार इन गांवों में रोज शाम को शराबियों का मजमा लगता है। पुलिस को जानकारी के बावजूद लापरवाही क्यों बरती गई?
- लॉकडाउन में नशे और अवैध शराब पर नकेल कसने के पुलिस के दावों की इन मौतों ने हवा निकाल दी। वह भी तब जब रोज शाम लाॅकडाउन की वजह से नाके लगाए जा रहे हैं।
- अमृतसर, तरनतारन, बटाला में जहरीली शराब की सप्लाई के पीछे एक ही गिरोह या व्यक्ति तो नहीं है?
- मानसून सीजन में अवैध शराब निकालने वाले इसमें कैमिकल और नशीली दवाएं इस्तेमाल करते हैं। इस एंगल से सख्ती क्यों नहीं की?
- जिन गांवों में मौतें हुई हैं, वह सत्ताधारी कांग्रेसी नेताओं के दबदबे वाले हैं। क्या पुलिस ने जानबूझकर लापरवाही बरती?