एयरलाइंस कंपनियां 33% क्षमता के साथ उड़ान भर रही हैं, टूरिस्ट रूट से अब भी डिमांड जीरो, बड़े शहरों से छोटे शहरों की ओर ज्यादा मांग, वापसी में खाली आ रहे हैं विमान
नई दिल्ली. देशव्यापी लॉकडाउन के चलते करीबन 62 दिन के बाद 25 मई से घरेलू रूट्स पर फ्लाइट को चलाने की मंजूरी मिल चुकी है। पिछले 15 दिनों में सभी कंपनियां एयर ट्रैफिक रेगुलेटर डीजीसीए के निर्देशों के आधार पर फ्लाइट को ऑपरेट कर रही हैं। पिछले 20 दिनों के आंकड़ों से पता चलता है कि विमानन कंपनियां अभी 33 प्रतिशत क्षमता के साथ उड़ान भर रही हैं। बड़े शहरों से छोटे शहरों की ओर जानेवालों की संख्या ज्यादा है। जबकि टूरिस्ट रूट पर डिमांड जीरो है।
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स पर अभी भी प्रतिबंध है। लेकिन विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए कंपनियां चाहें तो चार्टर्ड फ्लाइट या किसी भी फ्लाइट का उपयोग कर सकती हैं। यह वंदे भारत के अलावा है। चार्टर्ड फ्लाइट पर रोक नहीं है। वर्तमान में चार प्रमुख विमानन कंपनियां इंडिगो, स्पाइस जेट, एअर इंडिया, गो एयर फ्लाइट्स चला रही हैं।
भारत में कुल कितनी फ्लाइट्स ऑपरेट हो रही हैं ?
सामान्य दिनों में 2,700 डोमेस्टिक फ्लाइट्स ऑपरेट होती थीं। इस समय केवल एक तिहाई फ्लाइट को ही चलाया जा रहा है। यानी करीब 900 फ्लाइट्स चल रही हैं।
वर्तमान में कितने रूट्स पर फ्लाइट्स ऑपरेट हो रही है ?
लॉकडाउन के बाद करीब 383 रूट्स पर फ्लाइट चल रही हैं। यह 33 फीसदी कैपासिटी के साथ ऑपरेट हो रही हैं। इस समय नॉन मेट्रो सिटी रूट्स के लिए सबसे अधिक बुकिंग मिल रही है। सबसे ज्यादा बुक होने वाले रूट्स दिल्ली-पटना और मुंबई-बनारस हैं। इसके साथ ही दिल्ली-बागडोंगरा, बेंगलुरू-पटना, दिल्ली-श्रीनगर है। यानी कि पटना, जयपुर, लखनऊ, अहमदाबाद, गुवाहाटी जैसे शहरों के लिए सबसे अधिक फ्लाइट्स की बुकिंग हो रही है।
किस रूट पर कितना आक्युपेंसी है? किस रूट पर ज्यादा और कम है?
ज्यादा आक्यूपेंसी मुंबई से वाराणसी, लखनऊ, पटना, रांची के लिए है। थोड़ा बहुत बंगलुरू के लिए भी है।
अभी टूरिस्ट प्लेस पर क्या स्थिति है?
इस समय लोग बस कहीं फंसे हैं तो वही जा रहे हैं। टूरिस्ट प्लेस पर कोई नहीं जा रहा है। क्योंकि जाने के बाद 14 दिन और आने के बाद 14 दिन का क्वारंटाइन का नियम लागू हो सकता है। इसलिए टूरिस्ट पूरी तरह से बंद है। साथ ही गोवा या कहीं भी होटल बंद हैं, केसीनो बंद हैं, शराब बंद हैं। ऐसे में कोई टूरिज्म के लिए या घूमने नहीं जा रहा है।
टोटल रूट्स पर पहले कितना लोड फैक्टर था और अब कितना है?
लोड फैक्टर कोविड के पहले 80-90 प्रतिशत था। इस समय 60 प्रतिशत है। हालांकि पहले भी कभी-कभी सीजन नहीं होने पर लोड फैक्टर 60 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।
क्या कहना है डीजीसीए का ?
डीजीसीए चीफ अरुण कुमार बताते हैं कि हमने विमानन कंपनियों को अभी जो शेड्यूल दिया है उसके मुताबिक, 33 प्रतिशत रूट पर फ्लाइट ऑपरेट करना है। वर्तमान में वे 23-25 प्रतिशत पर ऑपरेट कर रहे हैं क्योंकि हर राज्यों के अपने नियम हैं। डीजीसीए के मुताबिक पहले चरण में फ्लाइट सभी रूट पर ऑपरेट की जाएंगी। इसके तहत कुल 35 शहरों से फ्लाइटें उडेंगी और 39 शहरों में यह उतरेंगी।