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एंटीलिया केस और मनसुख की मौत का मामला:दोनों साजिशों में इस्तेमाल सिमकार्ड एक फैक्ट्री के कर्मचारियों के नाम पर थे, गुजरात से एक व्यक्ति गिरफ्तार

यह कार दमन के एक बिजनेसमैन की बताई जा रही है। NIA की टीम ने उससे भी पूछताछ की है। मनसुख की मौत के मामले में ATS ने यह पहली कार बरामद की है। इससे पहले इससे जुड़े एंटीलिया केस में NIA ने 5 गाड़ियां जब्त की थीं। इनमें से दो मर्सिडीज, एक स्कॉर्पियो, एक प्राडो और एक सरकारी इनोवा शामिल है।

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मुंबई। महाराष्ट्र की एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) मुंबई में मनसुख हिरेन की कथित हत्या का केस भले ही सुलझाने का दावा कर रही है, लेकिन अभी भी उसकी छापेमारी बंद नहीं हुई है। ATS टीम ने दमन से एक वॉल्वो कार जब्त की है। जांच में सामने आया है कि इसका इस्तेमाल मनसुख की हत्या में हुआ था। फिलहाल कार को फॉरेंसिक जांच के लिए मुंबई लाया गया है।

यह कार दमन के एक बिजनेसमैन की बताई जा रही है। NIA की टीम ने उससे भी पूछताछ की है। मनसुख की मौत के मामले में ATS ने यह पहली कार बरामद की है। इससे पहले इससे जुड़े एंटीलिया केस में NIA ने 5 गाड़ियां जब्त की थीं। इनमें से दो मर्सिडीज, एक स्कॉर्पियो, एक प्राडो और एक सरकारी इनोवा शामिल है।

अहमदाबाद से गिरफ्तार व्यक्ति के पास मिले 11 सिम कार्ड
ATS ने सोमवार को अहमदाबाद से एक व्यक्ति को अरेस्ट किया। जिसने हत्या में इस्तेमाल हुए 11 सिम कार्ड उपलब्ध करवाए थे। इनमें से एक सिम से मनसुख को 4 मार्च की रात 8 बजे से 8.30 बजे तक वॉट्सऐप कॉल करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। इससे जुड़े एंटीलिया मामले की जांच करने वाली NIA टीम को यह पता चला है कि इस साजिश में सचिन वझे और मनसुख हिरेन के अलावा 11 लोग शामिल थे। इनमें से कुछ रिटायर्ड और कुछ मौजूदा पुलिसकर्मी हैं। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।

दूसरी ओर ATS मनसुख के 4 मार्च को लापता होने से लेकर 5 मार्च को मुंब्रा के रेती बंदर स्थित खाड़ी में उनकी लाश मिलने तक की एक-एक कड़ियों को जोड़ने में जुटी हुई है। हिरेन हत्या मामले में निलंबित सिपाही विनायक बालासाहेब शिंदे ( 51) और क्रिकेट बुकी नरेश रमणिकलाल गोरे (31) को गिरफ्तार किया है। दोनों क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट (CIU) के सस्पेंड किए गए असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे के साथ मनसुख की हत्या में शामिल थे।

एक फैक्ट्री के कुछ कर्मचारियों के नाम हैं ये सिम कार्ड
ATS की जांच में सामने आया है कि हत्या में इस्तेमाल सिम कार्ड अहमदाबाद की एक फैक्ट्री में काम करने वाले कुछ लोगों के नाम पर हैं। इस फैक्ट्री ने 30-40 कर्मचारियों को सिम कार्ड की सुविधा दी हुई है। जांच में पता चला कि इन सिम कार्ड का इस्तेमाल मनसुख की हत्या और उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो पार्क करने की साजिश रचने के लिए किया गया था।

मुंबई ATS और गुजरात पुलिस की टीम ने इस मामले में अहमदाबाद, पालनपुर और कच्छ के बोदकदेव में छापेमारी की और इस फैक्ट्री तक पहुंची। गिरफ्तार किया गया व्यक्ति फैक्ट्री का मालिक बताया जा रहा है। हालांकि, ATS अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रही है।

2 मार्च को शुरू हो गई थी मनसुख की हत्या की प्लानिंग
ATS सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार पूर्व कांस्टेबल विनायक शिंदे ने खुलासा किया है कि मनसुख की हत्या की प्लानिंग 2 मार्च को शुरू हो गई थी। वझे के कहने पर ही उसने मनसुख को रास्ते से हटाया। जेल से पैरोल पर आने के बाद उसके पास काम नहीं था। वह वझे को पहले से जानता था। वझे ने उसके परिवार की देखरेख का पूरा भरोसा दिया था। साथ ही कहा था कि वह अधिकारियों से बात करके उसकी पैरोल बढ़वाता रहेगा।

शिंदे के बयान पर ठाणे और भिवंडी में छापेमारी
इस मामले में सचिन वझे से पूछताछ किया जाना जरूरी है। इसके लिए ATS उसे हिरासत लेना चाहती है। ATS से पूछताछ में सस्पेंड कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे ने मनसुख की हत्या के कई राज उगले हैं। इन पर ATS सबूत जुटा रही है। इसी कड़ी में ATS की 2 टीमों ने सोमवार रात सचिन वझे के ठाणे के माजीवाड़ा कैम्पस में स्थित ऑफिस और दुकानों पर छापेमारी की। टीम ने भिवंडी स्थित मोटोजर्सन ऑटो मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर भी छापा मारा।

आरोपियों को हत्या वाली जगह ले गई ATS
ATS सोमवार को दोनों आरोपियों को मुंब्रा के रेती बंदर स्थित खाड़ी के पास ले गई, जहां 5 मार्च को मनसुख की लाश मिली थी। इससे पहले शिंदे को वझे के साकेत कैम्पस स्थित घर भी ले जाया गया। उसे कलवा स्थित आवास पर भी ले गए। पूरी साजिश में इन दो आरोपियों के अलावा कौन-कौन शामिल हैं, इसकी पड़ताल की जा रही है।​​ ATS को रविवार रात विनायक शिंदे और नरेश गोरे के घर से सिम कार्ड और फर्जी नंबर प्लेट के अलावा आपराधिक साजिश रचने से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।

NIA को जांच देने से केस में रुकावट आ सकती है
सोमवार को ATS प्रमुख जयजीत सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख से उनके ज्ञानेश्वरी बंगले पर जाकर मुलाकात की है। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने गृहमंत्री से शक जताया है कि अगर यह जांच NIA के हाथ में जाती है तो इसमें अड़चन आ सकती है। उन्होंने बताया कि ATS के DIG शिवदीप लांडे ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस केस को सुलझाने के लिए बहुत कोशिश की है। पूरे मामले पर जल्द खुलासा हो सकता है।

गावड़े नाम से होटल ट्राईडेंट में रुका था सचिन वझे
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एंटीलिया मामले में गिरफ्तार सचिन वझे से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वह 16 से 20 फरवरी के बीच मुंबई की ट्राइडेंट होटल में रह रहा था। इस दौरान उसने गावड़े नाम से रूम बुक करवाया था। ID प्रूफ भी उसने गावड़े का ही दिया था। NIA सूत्रों के मुताबिक, ट्राइडेंट होटल में ही इसकी साजिश रची गई।

होटल में मनसुख से मिलने वाले भी राडार पर
NIA की टीम सोमवार को ट्राइडेंट होटल में पहुंची और वहां के CCTV फुटेज की जांच की। वझे से होटल में कौन-कौन से लोग मिलने आए? NIA इसकी जांच कर रही है। NIA को मिले एक CCTV फुटेज में दो बैग लेकर होटल में जाते हुए वझे दिखाई दे रहा है।

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