आपकी जेब को कोरोना से कितना नुकसान?:देश में हर व्यक्ति को इस महामारी से 27 हजार रुपए का नुकसान हुआ, दिल्लीवालों को 87 हजार से ज्यादा; आपके राज्य में कितना?
कोरोनावायरस की वजह से महाराष्ट्र को 5.39 लाख करोड़ का नुकसान हो सकता है, कोरोना के सबसे ज्यादा मामले भी यहीं उत्तर प्रदेश में हर व्यक्ति को 14 हजार रुपए से ज्यादा का नुकसान, मध्य प्रदेश में ये आंकड़ा 16 हजार 300 रुपए से ज्यादा का
आपकी जेब पर कोरोनावायरस ने कितना असर डाला? हो सकता है कि आप कहें कि कुछ नहीं। या ये भी कह सकते हैं कि हमारी नौकरी चली गई। लेकिन, इस कोरोना की वजह से आपकी जेब पर जो असर पड़ा है, वो आपको शायद पता भी नहीं चल सका। अगर आप भी उन्हीं में से हैं, जिसको इस बारे में पता नहीं चला, तो आपको बता दें कि कोरोनावायरस ने आपकी जेब पर 27 हजार रुपए का असर डाला है। ये हवा-हवाई बात नहीं है, बल्कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की रिपोर्ट में ये फैक्ट सामने आए हैं।
17 अगस्त को एसबीआई की एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में बताया गया कि कोरोनावायरस की वजह से राज्य सरकारों को 38 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है। ये नुकसान कितना बड़ा है, इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि नुकसान की रकम सभी राज्यों की कुल जीडीपी का करीब 17% है।
जिन राज्यों में कोरोनावायरस के मामले सबसे ज्यादा हैं, वहां सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। जैसे महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के करीब 7 लाख मामले हो गए हैं। इस वजह से सबसे ज्यादा नुकसान भी यहीं होगा। महाराष्ट्र को इस साल जीडीपी में 5.39 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो सकता है। यानी कोरोना से जितना नुकसान इस साल हो सकता है, उसमें से 14.2% अकेले महाराष्ट्र में होगा।
देश के हर व्यक्ति को 27 हजार रुपए का नुकसान
कोरोनावायरस की वजह से राज्य की जीडीपी को 38 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान होने का डर है, लिहाजा इसका असर यहां रह रहे लोगों की जेब पर भी पड़ेगा। देश के हर व्यक्ति को कम से कम 27 हजार रुपए का नुकसान होने की आशंका है।
जिस महाराष्ट्र की जीडीपी को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है, वहां के हर व्यक्ति 38 हजार 841 रुपए का नुकसान होने का अंदेशा है। जबकि, दिल्लीवालों के लिए ये आंकड़ा और भी ज्यादा है। हर दिल्लीवाले को 87 हजार 223 रुपए का नुकसान हो सकता है।
हालांकि, जिन राज्यों की आबादी कम है, वहां के लोगों की जेब पर असर भी ज्यादा पड़ने वाला है। जैसे कोरोना की वजह से गोवा की जीडीपी को 16 हजार 518 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। इस वजह से गोवा में रहने वाले हर व्यक्ति को 1.05 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान होने का अंदेशा है।
कोरोना से राज्यों पर बढ़ रहा कर्ज
हर साल बजट आता है। राज्य सरकारों का भी और केंद्र सरकार का भी। इस बजट में सरकार बताती है कि उसे इस साल कितना रेवेन्यू मिल सकता है और कितना खर्च हो सकता है। जब रेवेन्यू कम हो और खर्च ज्यादा हो, तो घाटा बढ़ता है। इस घाटे को पूरा करने के लिए सरकारें उधार लेती हैं। इसे स्टेट डेवलपमेंट लोन कहते हैं। इस लोन को आरबीआई मैनेज करता है।
डेटा पर काम करने वाली वेबसाइट फैक्टली की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनावायरस की वजह से राज्य सरकारों ने स्टेट डेवलपमेंट के जरिए बहुत सा कर्जा ले लिया है। इसके डेटा के मुताबिक, इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच 4 महीनों में राज्य सरकारों ने 1.88 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का उधार लिया है। जबकि, पिछले साल अप्रैल से जुलाई के बीच सरकारों ने 1.32 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। यानी, इस साल सरकारों ने पिछले साल की तुलना में 42% ज्यादा कर्ज लिया है।
सबसे ज्यादा कर्ज अप्रैल में लिया गया। इस साल अप्रैल में राज्य सरकारों ने 55 हजार 332 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। जबकि, अप्रैल 2019 में ये कर्ज 29 हजार 572 करोड़ रुपए था। हालांकि, मई से जुलाई तक हर महीने सरकारों ने 44 से 45 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है।