अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में घोटाले का आरोप:मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन पर पूर्व मंत्री ने उठाए सवाल; कहा-10 मिनट में 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ की कैसे हो गई
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पलटवार किया है। उन्होंने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया है। चंपत राय ने कहा है कि मंदिर के लिए खरीदी जा रही जमीनें बाजार से बहुत कम रेट पर ली जा रही हैं। अब तक मंदिर के लिए खर्च हुए एक-एक पैसे का हिसाब रिकॉर्ड पर है।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए गए हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। पवन ने पूरे मामले में दस्तावेज पेश करते हुए इसकी जांच CBI से कराने की मांग की है। इस मामले को लेकर कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी ने भी यूपी सरकार पर हमला बोला है। वहीं ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि पूरे मामले का अध्ययन करने के बाद ही इस पर अपना पक्ष रखेंगे।
पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने बताया कि यह भूमि सदर तहसील क्षेत्र के बाग बिजैसी में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर है। यह भूमि रवि मोहन तिवारी नाम के एक साधु व सुल्तान अंसारी के नाम बैनामा हुई थी। ठीक 10 मिनट बाद इसी भूमि का ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के नाम 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया जाता है। बैनामा व रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18 मार्च, 2021 को किया गया।
आरोप है कि बैनामा व रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र और नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। उन्होंने आरटीजीएस की गई 17 करोड़ रुपए धनराशि की जांच कराने की मांग की है। कहा है कि यह धनराशि कहां-कहां गई इसका पता लगाया जाए और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
राम के नाम पर हो रही लूट, इसकी जांच होनी चाहिए
कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि आज जो आरोप विश्व हिंदू परिषद पर लग रहे हैं। उसमें 2 करोड़ की जमीन 5 मिनट में 18 करोड़ की हो जा रही है। क्या राम के नाम पर धन की लूट का काम तो नहीं हो रहा है। इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए। सरकार इसकी उच्चस्तरीय जांच कराए अगर ये लूट हुई है तो उन लोगों को साधारण लोगो से ज्यादा कई गुना ज्यादा सजा मिलनी चाहिए।
आप ने कहा- CBI और ED करे मामले की जांच
आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य व उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने भी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की है।
संजय सिंह ने कहा कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपये कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी। यह सीधे-सीधे मनी लॉड्रिंग का मामला है। सरकार इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराए। संजय सिंह ने कहा कि दो करोड़ की जमीन खरीद व 18 करोड़ के एग्रीमेंट, दोनों में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा गवाह हैं।
ट्रस्ट के महासचिव ने कहा- हम मामले की स्टडी करेंगे
भूमि खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कुछ भी कहने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि हम मामले की स्टडी करेंगे, इसके बाद ही कुछ कहेंगे। उन्होंने इतना जरूर कहा कि हम पर आरोप लगते रहते हैं। हम पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप भी लगा था।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीनों में घोटाले के आरोपों पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पलटवार किया है। उन्होंने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया है।
चंपत राय ने कहा है कि मंदिर के लिए खरीदी जा रही जमीनें बाजार से बहुत कम रेट पर ली जा रही हैं। अब तक मंदिर के लिए खर्च हुए एक-एक पैसे का हिसाब रिकॉर्ड पर है।
इसलिए ट्रस्ट को 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में मिली
ट्रस्ट का कहना है कि सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने करीब 10 साल पहले ही बाग बिजेसर की जमीन कुसुम पाठक और हरीश पाठक से खरीद ली थी। तब के हिसाब से इसका रेट दो करोड़ तय कर लिया था। इसकी रजिस्ट्री भी करा ली थी। जब मंदिर ने इस जमीन को खरीदने की इच्छा जताई तो सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने पाठक परिवार से इस जमीन का बैनामा तय रेट पर 18 मार्च 2021 को कराया। फिर उसे आज की रेट के हिसाब से मंदिर ट्रस्ट को बेचा। इसमें कहीं से भी कोई घोटाला और हेराफेरी नहीं है। ये केवल राम भक्तों को गुमराह करने के लिए साजिश है।
मंदिर परिसर के आसपास की जमीनें खरीद रहा ट्रस्ट
- राम मंदिर ट्रस्ट को 70 एकड़ जमीन केंद्र सरकार की तरफ से मिली थी। ये वो जमीन थी जिसे केंद्र सरकार ने अधिग्रहित किया था।
- ट्रस्ट ने मंदिर के विस्तार का प्लान बनाया। इसके लिए अब 108 एकड़ चाहिए। पहले मंदिर परिसर 3 एकड़ में बना था, जिसे अब 5 एकड़ में बनाया जाएगा।
- इसके आसपास के 70 एकड़ जमीन की खरीदारी हो रही है।
- हाल ही में ट्रस्ट ने पास के दो मंदिरों को भी 4-4 करोड़ रुपए में खरीदा है।
- जिन लोगों से ये जमीन ली जा रही है उन्हें दूसरी जगह स्थापित भी कराया जा रहा है। कोर्ट फीस और स्टाम्प पेपर की खरीदारी ऑनलाइन की जा रही है।
पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने लगाए हैं आरोप
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। पांडेय ने बताया कि यह जमीन सदर तहसील इलाके के बाग बिजैसी में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर है। यह जमीन रवि मोहन तिवारी नाम के एक साधु और सुल्तान अंसारी के नाम बैनामा हुई थी। ठीक 10 मिनट बाद इसी भूमि का ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के नाम 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया जाता है। बैनामा और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18 मार्च, 2021 को किया गया था।
पांडेय ने आरटीजीएस की गई 17 करोड़ रुपए रकम की जांच कराने की मांग की है। साथ ही कहा है कि यह धनराशि कहां-कहां गई, इसका पता लगाया जाए और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बैनामा और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र और नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं।