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अमेरिका में फ्लॉयड के बाद दूसरे अश्वेत की मौत / अटलांटा में गिरफ्तारी के दौरान अफसर ने गोली मारी, पुलिस चीफ का इस्तीफा; सड़कों पर उतरे लोग

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जॉर्जिया. अमेरिका के अटलांटा में पुलिस द्वारा अश्वेत को मारने का दूसरा मामला सामने आया है। अटलांटा के जॉर्जिया में गिरफ्तारी के दौरान 27 साल के अश्वेत रेशर्ड ब्रूक्स को अफसर ने गोली मार दी। ब्रूक्स को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। घटना के बाद अटलांटा की पुलिस चीफ ने इस्तीफा दे दिया है। घटना को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
जॉर्जिया ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन के मुताबिक, घटना 12 जून की है। रेशर्ड ब्रूक्स पार्किंग में कार में सो रहा था। पुलिस अफसरों को वह नशे में लगा। ब्रूक्स से जब पूछताछ की गई तो उसकी पुलिस से झड़प हुई। ब्रूक्स एक अफसर की टेजर (छोटी गन) छीनकर भागा। दूसरे अफसर ने उसका दौड़कर पीछा किया। इतने में ब्रूक्स पलटा और उसने अफसर पर टेजर तान दी। तभी अफसर ने उस पर गोली चला दी। अटलांटा की मेयर कीशा लांस बॉटम्स ने बताया कि घटना के चलते पुलिस चीफ एरिका शील्ड्स ने इस्तीफा दे दिया है।

अटलांटा में शनिवार को सड़कों पर उतरे लोग पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए

25 मई को फ्लॉयड की मौत हो गई थी
मिनेपोलिस में 25 मई को फ्लॉयड को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इससे पहले एक पुलिस अफसर ने फ्लॉयड को सड़क पर दबोचा और अपने घुटने से उसकी गर्दन को 8 मिनट 46 सेकंड तक दबाए रखा था। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें 40 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा। उसने कहा, ‘आपका घुटना मेरे गर्दन पर है। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं… ’’धीरे-धीरे उसकी हरकत बंद हो जाती है। इसके बाद अफसर कहते हैं, ‘उठो और कार में बैठो’ तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। अस्पताल में फ्लॉयड की मौत हो गई।

अटलांटा में शनिवार को अश्वेत रेशर्ड ब्रूक्स की हत्या के खिलाफ विरोध करते प्रदर्शनकारी

फ्लॉयड के समर्थन में दुनियाभर में विरोध
फ्लॉयड की मौत के बाद कैलिफोर्निया, कोलोराडो, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इलिनॉय, केंटकी, मिनेसोटा, न्यूयॉर्क, ओहायो, ओरेगन, पेंसिल्वेनिया, साउथ कैरोलिना, टेनेसी, उटाह, वॉशिंगटन, विस्कॉन्सिन में लोग सड़कों पर उतरे थे। 140 से ज्यादा शहरों में नस्लभेद के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किए गए। सरकार ने 40 से ज्यादा शहरों में कर्फ्यू लगाया था। अमेरिका के साथ-साथ दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, जापान, डेनमार्क, नीदरलैंड्स, फिनलैंड और दक्षिण अफ्रीका में हजारों लोग विरोध जताने सड़कों पर उतरे।

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