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अमरनाथ यात्रा से गायब रहेगी रौनक / कोरोना के कारण जुलाई के आखिर में 15 दिन के लिए यात्रा कराने पर विचार, हर रोज 500 श्रद्धालु ही गुफा तक जा पाएंगे, / बाबा बर्फानी के लाइव दर्शन आज से,

कोरोना संक्रमण के कारण अमरनाथ यात्रा पर आने-जाने जैसे कई नियम बदले जाएंगे अमरनाथ गुफा 3880 फीट की ऊंचाई पर, पहलगाम और बालटाल मार्ग से 42 दिन की यात्रा इस बार यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इसमें देरी हुई, कोरोना संक्रमण के कारण अमरनाथ यात्रा पर आने-जाने के लिए कई नियम बदले जाएंगे

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  • तस्वीर बाबा बर्फानी गुफा के प्रवेश द्वार की है। अमरनाथ यात्रा हर साल 42 दिन तक चलती है। इस बार यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण देरी हुई।तस्वीर बाबा बर्फानी गुफा के प्रवेश द्वार की है। अमरनाथ यात्रा हर साल 42 दिन तक चलती है। इस बार यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण देरी हुई।

जम्मू. कोरोना संक्रमण का असर जून-जुलाई में होने वाली अमरनाथ यात्रा पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा कि इस बार यात्रा पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। एक दिन में जम्मू से अमरनाथ गुफा तक सिर्फ 500 श्रद्धालुओं को ही जाने की इजाजत मिलेगी। पिछले साल 2 अगस्त को मार्ग में विस्फोटक मिलने के बाद यात्रा रोक दी गई थी। 3.42 लाख लोगों ने दर्शन किए थे।

अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सचिव ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में बाहर से आने लोगों को नियमों के मुताबिक कोरोना की जांच करानी होगी। इससे पहले यूटी प्रशासन और बोर्ड के सदस्यों की बैठक हुई, इसमें विशेष रूप से यात्रा के इंतजाम और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर चर्चा की गई।

जुलाई के अंत में 15 दिन के लिए यात्रा हो सकती है
अमरनाथ गुफा 3880 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां हर साल दो मार्गों अनंतनाग के पहलगाम और गांदेरबल के बालटाल से यात्रा शुरू होती है, जो कि 42 दिन तक चलती है। इस बार यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इसमें देरी हुई। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड जुलाई के अंत में 15 दिन के लिए यात्रा कराने की योजना बना रहा है।

जम्मू-कश्मीर आने वाले हर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट होगा

चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमण्यम यात्रा के स्वरूप पर काम कर रहे हैं। उन्होंने वैकल्पिक सड़क मार्ग नीलग्रथ से बालटाल में चल रहे कार्यों का जायजा लिया है। फुट ब्रिज, बेली ब्रिज, मील के पत्थर के निर्माण, बाल्टल बेस कैंप से डोमेल तक 1.25 किमी सड़क पर चल रहे काम की समीक्षा की। उनका कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यात्रा पर सख्त नियम लागू रहेंगे। कोरोना के मामले बढ़ने से हम राज्य में आने वाले हर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट कराना जरूरी होगा। जब तक टेस्ट निगेटिव ना आए जाए, लोगों को क्वारैंटाइन सेंटर में रहना होगा।

हेलिकॉप्टर से भी जा सकते हैं श्रद्धालु, 4 हैलीपेड तैयार

प्रशासन ने यात्रा के मार्ग पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों को पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट और अन्य सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए हैं। चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि कश्मीर के 10 में से 9 जिले कोरोना के रेड जोन में हैं। केंद्र शासित प्रदेश में 8019 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से 2825 एक्टिव केस हैं। 127 मौतें हुई हैं। मेडिकल स्टाफ बिजी है। यात्रा के लिए दूसरे राज्यों से भी डॉक्टर नहीं बुलाए जाते हैं।

 

  • तस्वीर बाबा बर्फानी गुफा के प्रवेश द्वार की है। अमरनाथ यात्रा हर साल 42 दिन तक चलती है। इस बार यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण देरी हुई।तस्वीर बाबा बर्फानी गुफा के प्रवेश द्वार की है। अमरनाथ यात्रा हर साल 42 दिन तक चलती है। इस बार यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण देरी हुई।
  • कोरोना संक्रमण के कारण अमरनाथ यात्रा पर आने-जाने के लिए कई नियम बदले जाएंगे
  • अमरनाथ गुफा 3880 फीट की ऊंचाई पर, पहलगाम और बालटाल मार्ग से 42 दिन की यात्रा
  • इस बार यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इसमें देरी हुई

जम्मू. पहली बार बाबा बर्फानी की विशेष पूजा का लाइव प्रसारण रविवार सुबह 7.30 बजे से होने जा रहा है। प्रसारण 3 अगस्त तक यानी रक्षाबंधन तक जारी रहेगा। इसके लिए दूरदर्शन की 15 लोगों की टीम गुफा परिसर में रहेगी। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को होने वाली विशेष पूजा में ले. गवर्नर गिरीश चंदर मूर्मू भी शामिल होंगे। कोरोना संक्रमण का असर अमरनाथ यात्रा पर भी पड़ा है।

पिछले साल 2 अगस्त को मार्ग में विस्फोटक मिलने के बाद यात्रा रोक दी गई थी। 3.42 लाख लोगों ने दर्शन किए थे। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन गिरीश चंदर मूर्मू की अध्यक्षता में यात्रा के स्वरूप पर एक से दो दिन में फैसला हो सकता है। हालांकि, प्रशासन ने कहा है कि इस बार यात्रा पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। अगर यात्रा की अनुमति मिलती है तो यह बालटाल के रास्ते ही होगी।

पहलगाम के पारंपरिक रास्ते से नहीं होगी। बालटाल वाले रास्ते में 16 किमी की चढ़ाई है। इसी रास्ते से यात्री एक से दो दिन में दर्शन करके लौट सकते हैं। हर दिन अमरनाथ गुफा तक सिर्फ 500 श्रद्धालुओं को ही जाने की इजाजत मिलेगी। बालटाल मार्ग में चार हैलीपैड और बेस कैंप तैयार हो गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बार हेलिकॉप्टर के जरिए भी यात्रा कराई जा सकती है।

जुलाई के अंत में 15 दिन के लिए यात्रा संभव
अमरनाथ गुफा 3880 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां हर साल दो मार्गों अनंतनाग के पहलगाम और गांदेरबल के बालटाल से यात्रा शुरू होती है, जो कि 42 दिन तक चलती है। इस बार यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इसमें देरी हुई। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड जुलाई के अंत में 15 दिन के लिए यात्रा कराने की योजना बना रहा है।

जम्मू-कश्मीर आने वालों का कोरोना टेस्ट होगा

चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमण्यम यात्रा के स्वरूप पर काम कर रहे हैं। उन्होंने वैकल्पिक सड़क मार्ग नीलग्रथ से बालटाल में चल रहे कार्यों का जायजा लिया है। फुट ब्रिज, बेली ब्रिज, मील के पत्थर के निर्माण, बाल्टल बेस कैंप से डोमेल तक 1.25 किमी सड़क पर चल रहे काम की समीक्षा की। उनका कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यात्रा पर सख्त नियम लागू रहेंगे। कोरोना बढ़ने से राज्य में आने वाले हर व्यक्ति का टेस्ट कराना जरूरी है। जब तक टेस्ट निगेटिव ना आए जाए, लोगों को क्वारैंटाइन सेंटर में रहना होगा।

कश्मीर के 10 में से 9 जिले कोरोना के रेड जोन में

प्रशासन ने यात्रा के मार्ग पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों को पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट और अन्य सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए हैं। चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि कश्मीर के 10 में से 9 जिले कोरोना के रेड जोन में हैं। केंद्र शासित प्रदेश में 8019 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से 2825 एक्टिव केस हैं। 127 मौतें हुई हैं। मेडिकल स्टाफ बिजी है। यात्रा के लिए दूसरे राज्यों से भी डॉक्टर नहीं बुलाए जाते हैं।

 

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