लॉकडाउन के चलते कई प्रवासी मजदूरों ने अपने घरों तक पहुंचने के लिए लंबे सफर तय किए हैं। इन्हीं में से एक हैं ज्योति कुमारी जिन्होंने अपने जख्मी पिता को घर पहुंचाने के लिए 1200 किलोमीटर साइकिल चलाई थी। ज्योति के इस कारनामे को अब एक फिल्म के जरिए दर्शकों तक पहुंचाया जाएगा जिसमें खुद ज्योति ही लीड रोल निभा रही हैं।
शाइन शर्मा जल्द ही ज्योति की कहानी को दिखाने के लिए आत्मनिर्भर फिल्म डायरेक्टर करने जा रहे हैं। फिल्म की कहानी ज्योति के गुरुग्राम से बिहार तक के सफर में आई दिक्कतों पर बनाई जाएगी। इसे हिंदी, इंग्लिश और मैथिली भाषा में बनाया जाएगा। फिल्म को डायरेक्ट करने के साथ शाइन ने अपने दोस्तों मिराज, फैरोज और सजित नाम्बियर के साथ इसे प्रोड्यूस भी किया है। इसे वीमेकफिल्म के बैनर तले बनाया जाएगा।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक आत्मनिर्भर फिल्म को असल लोकेशन पर ही फिल्माया जाएगा हालांकि ये डॉक्यूमेंट्री नहीं होगी। इस सफर के बारे में ज्योति कुमारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, अगर मैं इस सफर पर नहीं निकलती तो मेरे पिता भूख से मर जाते। लॉकडाउन के बाद परेशानियां बढ़ गई थीं। मकान मालिक हमें घर से भगाना चाहते थे। हमारे किराया ना देने पर उन्होंने दो बार पॉवर भी काट दिया था। मेरे पिता के पास कोई इनकम नहीं थी हमें किसी तरह घर पहुंचना था।
पुरानी साइकिल खरीदकर किया 1200 किमी सफर
इस बारे में आगे ज्योति ने बताया, मैंने अपने पिता से कहा कि मैं उन्हें साइकिल से लेकर जाउंगी मगर वो नहीं माने। वो मुझसे बार-बार कह रहे थे कि मैं नहीं कर सकती। मैंने बैंक से हजार रुपए निकाले और 500 रु और जमा करके पुरानी साइकिल खरीदी। मैं हर दिन 50-60 किमी साइकिल चलाती थी। बड़े ब्रिज में साइकिल चलाना मुश्किल था। हम पेट्रोल पंप में रात गुजारते थे रास्ते में लोगों से खाना पीना मिल जाता था।
इवांका ट्रम्प ने की थी सराहना
बिहार गर्ल ज्योति कुमारी महज 15 साल की हैं। उन्होंने तेज गर्मी में अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से दरभंगा तक का सफर तय किया। इनके इस हौंसले को देश के अलावा विदेश से भी सराहना मिली थी। डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ने भी ज्योति की जमकर तारीफ की थी। आत्मनिर्भर फिल्म को 20 भाषाओं के सबटाइटल के साथ भी दिखाया जाएगा साथ ही विदेशी लोगों के लिए इसका टाइटल ए जर्नी ऑफ माइग्रेंट है। फिलहाल उनके पिता का किरदार निभाने वाले एक्टर की तलाश जारी है।