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अंडमान-निकोबार में सबमरीन केबल:मोदी ने कहा- 2300 किमी के नेटवर्क से लोगों को सस्ती और तेज इंटरनेट सेवा मिलेगी; ग्रेट निकोबार में 10 हजार करोड़ रुपए की लागत के पोर्ट का प्रस्ताव

इसकी लागत 1224 करोड़ रुपए आई है, 2018 में इसकी नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही रखी थी मोदी ने कहा- गहरे समुद्र में सर्वे, केबल की क्वालिटी मेंटेन करना और विशेष जहाजों के जरिए केबल बिछाना आसान नहीं था, सारी रुकावटों को दूर कर काम पूरा किया

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मोदी ने कहा कि अंडमान निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये प्रोजेक्ट ईज ऑफ लिविंग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को चेन्‍नई और पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल का उद्घाटन किया। मोदी ने कहा कि इस नेटवर्क से अंडमान-निकोबार के लोगों को सस्ती और तेज इंटरनेट सेवा मिल सकेगी। व्यापार बढ़ाने के लिए ग्रेट निकोबार में 10 हजार करोड़ की लागत से पोर्ट बनाने का भी प्रस्ताव है।

2300 किमी लंबी केबल बिछाने की लागत 1224 करोड़ रुपए आई। 2018 में इसकी नींव मोदी ने ही रखी थी। केबल से पोर्ट ब्‍लेयर को स्‍वराज द्वीप, लिटल अंडमान, कार निकोबार, कमोर्ता, ग्रेट निकोबार, लॉन्‍ग आईलैंड और रंगत को भी जोड़ा जा सकेगा।

मोदी के संबोधन की 6 अहम बातें

डेढ़ साल पहले योजना के शुभारंभ का मौका मिला

भारत की आजादी की तपोस्थली, संकल्प स्थली अंडमान निकोबार की भूमि और वहां रहने वाले सभी को नमस्कार। आज का दिन अंडमान निकोबार के दर्जनों द्वीपों में बसे लाखों लोगों के साथ ही पूरे देश के लिए भी अहम है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस को नमन करते हुए करीब डेढ़ साल पहले सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल योजना के शुभारंभ का अवसर मिला था। खुशी है कि आज इसके लोकार्पण का मौका भी मिला।

समुद्र में केबल बिछाना आसान नहीं था

स्वतंत्रता दिवस से पहले इसे मैं अंडमान के लोगों के लिए एक स्नेह भरे उपहार की तरह देखता हूं। गहरे समुद्र में सर्वे, केबल की क्वालिटी मेंटेन करना और विशेष जहाजों के जरिए केबल बिछाना आसान नहीं था। जितना बड़ा ये प्रोजेक्ट था, उतनी ही बड़ी चुनौतियां भी थीं। ये भी एक वजह थी कि वर्षों से इस पर काम नहीं हो पाया था, लेकिन खुशी है कि सारी रुकावटों को किनारे कर इस काम को पूरा किया गया।

देश के हर इलाके का विकास कर रहे
देश के हर जन, क्षेत्र तक आधुनिक सुविधाएं पहुंचें और हर नागरिक का जीवन आसान बने। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े बॉर्डर एरिया और समुद्री सीमा पर बसे क्षेत्रों का तेजी से विकास हो। अंडमान निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये प्रोजेक्ट ईज ऑफ लिविंग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। अब यहां के लोगों को मोबाइल कनेक्टिविटी और तेज इंटरनेट की सस्ती और अच्छी सुविधाएं मिल पाएंगी।

पर्यटकों और व्यापार को भी फायदा होगा
अंडमान को जो सुविधा मिली है, उसका बहुत बड़ा लाभ वहां जाने वाले पर्यटकों को भी मिलेगा। बेहतर कनेक्टिविटी किसी भी टूरिस्ट डेस्टिनेशन की पहली प्राथमिकता होती है। मुझे पूरा विश्वास है कि जो पर्यटक वहां जाते हैं वो लंबे समय तक रुकना पसंद करेंगे। लोग ज्यादा रुकेंगे तो इसका बहुत बड़ा प्रभाव रोजगार पर भी पड़ेगा। हिंद महासागर हजारों सालों से भारत के व्यापार और सामरिक सामर्थ्य का केंद्र रहा है।

अंडमान-निकोबार में प्रोजेक्ट तेजी से पूरे हो रहे
अंडमान के12 आईलैंड्स में हाईएंड प्रोजेक्ट का विस्तार किया जा रहा है। नॉर्थ और मिडिल अंडमान की रोड कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए दो बड़े ब्रिज पर तेजी से काम हो रहा है। पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट में एक साथ 1200 यात्रियों को हैंडल करने की कैपेसिटी कुछ महीनों में तैयार हो जाएगी। स्वराज द्वीप, शहीद द्वीप और लॉन्ग आइलैंड में वॉटर इन्फ्रास्ट्रक्टर भी कुछ समय में बनकर तैयार हो जाएंगे। उड़ान योजना के तहत सी-प्लेन सेवा शुरू हो जाएगी। इससे आइलैंड्स के बीच कनेक्टिविटी अच्छी हो जाएगी। कोच्चि शिपयार्ड में जो 4 जहाज बनाए जा रहे हैं उनकी डिलीवरी भी जल्द हो जाएगी।

ग्रेट निकोबार में बड़ा पोर्ट बनेगा
ऐसे अनेक प्रयासों के कारण देश के पोर्ट नेटवर्क की कैपेसिटी और कैपेबिलिटी का विस्तार हो रहा है। ग्रेट निकोबार में करीब 10 हजार करोड़ रुपए की लागत के पोर्ट का प्रस्ताव है। ये बनकर तैयार हो जाएगा तो समुद्री व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी, युवाओं को नए मौके मिलेंगे।

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