हाथरस के बाद बलरामपुर में गैंगरेप:22 साल की दलित युवती से दुष्कर्म, अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ा; मां ने बताया- आरोपियों ने बेटी की कमर और पैर तोड़ दिए थे
घरवालों का कहना है बेटी सुबह 10 बजे घर से निकली और शाम 7 बजे लौटी, उसकी हालत बहुत खराब थी। कह रही थी कि पेट में तेज जलन हो रही है। कॉलेज की फीस जमा करने के लिए निकली थी, 9 घंटे बाद बेहोशी की हालत में लौटी न खड़ी हो पा रही थी, न बोल पा रही थी, बस इतना कह पाई- हम मर जाएंगे
उत्तर प्रदेश में हाथरस के बाद अब बलरामपुर जिले के गैंसड़ी इलाके में दलित युवती से गैंगरेप की घटना सामने आई है। यहां 22 साल की छात्रा को पहले किडनैप किया। फिर नशे के इंजेक्शन से बेहोश कर 2 आरोपियों ने दुष्कर्म किया। लड़की की हालत इतनी बिगड़ गई कि उसकी मौत हो गई। पुलिस ने साहिल और शाहिद नाम के आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ गैंगरेप और हत्या का केस दर्ज किया गया है।
युवती कॉलेज की फीस जमा करने के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे घर से निकली थी। शाम तक नहीं लौटी तो घरवालों ने फोन किया, लेकिन फोन बंद था। शाम करीब 7 बजे युवती गंभीर हालत में रिक्शे से घर पहुंची। उसके हाथ पर कैनुला लगा था, बेहोशी की हालत में थी। बोल भी नहीं पा रही थी। परिजन तुरंत डॉक्टर के पास ले गए। फिर डॉक्टर के कहने पर लखनऊ ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही युवती की मौत हो गई।
‘पेट में बहुत तेज जलन है, हम मर जाएंगे’
लड़की की मां ने बताया कि बेटी कॉलेज से लौट रही थी, रास्ते में कार में आए 3-4 लोगों ने उसे अगवा कर लिया। उसे नशे के इंजेक्शन देकर दुष्कर्म किया गया। आरोपियों ने बेटी की कमर और पैर भी तोड़ दिए, इसलिए न तो वह खड़ी हो पा रही थी और न ही बोल पा रही थी। बस इतना ही कह पाई कि पेट में बहुत तेज जलन हो रही है, हम मर जाएंगे।
पुलिस ने कहा- किराना स्टोर का मालिक ही मास्टरमाइंड
पुलिस का कहना है कि वारदात गैंसड़ी गांव में एक किराना स्टोर के पीछे के कमरे में हुई। पीड़ित की सैंडल उसी कमरे के बाहर मिली हैं। दुकान मालिक ही घटना का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। आरोपियों ने दुष्कर्म और मारपीट के बाद पास के ही डॉक्टर से पीड़ित का इलाज करवाने की कोशिश की थी।
डॉक्टर ने बताया- मुझे साहिल ने एक लड़की के इलाज के लिए बुलाया था
डॉक्टर ने बताया, ‘साहिल नाम के लड़के का शाम 5 बजे फोन आया था। वह मुझे अपनी दुकान पर ले गया। वहां पर उन्होंने कहा कि एक फैमिली मेंबर को देख लीजिए। मैंने देखा कि कमरे में लड़की के अलावा कोई और नहीं था, मैंने पूछा कि ये कौन है? उन्होंने कहा कि सरकारी सचिव की बेटी है। मैंने कह दिया कि जब तक कोई महिला या बड़ा व्यक्ति नहीं आता, इलाज नहीं कर सकता। उन्होंने मुझे कहा कि आप अपने क्लीनिक जाइए, हम सेक्रेटरी को फोन कर लड़की को वहीं पर ले आएंगे। उसके बाद मुझे पता नहीं वे कहां गए।” डॉक्टर के नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
पुलिस ने अंतिम संस्कार में फिर जल्दबाजी दिखाई
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतिम संस्कार में पुलिस ने हाथरस के मामले की तरह ही जल्दबाजी दिखाई। बलरामपुर की पीड़ित का का अंतिम संस्कार भी भारी पुलिस बल की तैनाती में मंगलवार रात को ही करवा दिया गया। यह बात भी सामने आ रही है कि पुलिस ने मामला दबाने की कोशिश की थी। हालांकि, लोगों का कहना है कि पीड़ित परिवार की सहमति से ही अंतिम संस्कार किया गया।
पुलिस का दावा- लड़की के हाथ-पैरों में चोट नहीं थी
एसपी देवरंजन वर्मा का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसा कोई जिक्र नहीं कि लड़की के हाथ-पैर टूटे हुए थे। मीडिया में चल रही खबरें गलत हैं।