शॉकिंग न्यूज:61 साल के संजय दत्त को स्टेज 3 का लंग कैंसर, इलाज के लिए अमेरिका हुए रवाना; कल दोपहर में कहा था फिल्मों से ब्रेक ले रहा हूं
8 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ के बाद हॉस्पिटल में हुए थे भर्ती सोमवार को सारे टेस्ट होने के बाद किया गया था डिस्चार्ज
अभिनेता संजय दत्त फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित हैं और बताया जा रहा है कि वे इसकी स्टेज-3 में पहुंच चुके हैं। मंगलवार रात को संजू के एक करीबी दोस्त ने इस बात का खुलासा किया है। संजय दो दिन पहले सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी के लक्षणों के साथ मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। इसके बाद उनका कोविड टेस्ट लिया गया जो निगेटिव आया था। अब जब यह खबर सामने आई है तो सूत्रों के मुताबिक, वे इलाज के लिए अमेरिका रवाना हो चुके हैं।
इससे पहले संजय ने दोपहर में इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके फिल्मों से छोटा ब्रेक लेने की जानकारी दी थी।
दोपहर में कहा था- मैं जल्द ही वापस आऊंगा
संजय दत्त ने रिपोर्ट्स आने के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था। जिसमें वे अपने काम से शॉर्ट ब्रेक लेने की बात कह रहे थे। पोस्ट में लिखा था- ‘दोस्तों, मैं मेडिकल ट्रीटमेंट्स के लिए काम से एक छोटा सा ब्रेक ले रहा हूं। मेरा परिवार और दोस्त मेरे साथ हैं। मैं अपने सभी शुभचिंतकों से निवेदन करता हूं कि वे बिल्कुल भी चिंता न करें। साथ ही अनावश्यक रूप से अटकलें भी ना लगाएं। आपके प्यार और शुभकामनाओं से मैं जल्द ही वापस आऊंगा।’
लंग कैंसर की स्टेज-3 कितनी खतरनाक
रिपोर्ट के मुताबिक संजय दत्त लंग कैंसर की थर्ड स्टेज से गुजर रहे हैं जो जानलेवा मानी जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक लंग कैंसर दो प्रकार के होते हैं- स्मॉल सेल कैंसर और नॉन स्मॉल सेल कैंसर। स्मॉल सेल लंग कैंसर तेजी से फैलता है जबकि नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर कम तेजी से फैलता है। इसकी तीन स्टेज होती है –
अर्ली स्टेज – इस स्टेज में कैंसर की शुरुआत होती है। इस दौरान शरीर के किसी एक अंग में इसकी कोशिकाएं दो दूनी चार के अंदाज में बढ़ना शुरू होती हैं। इस स्टेज में ऑपरेशन से एक लंग या वह हिस्सा हटाया जा सकता है जिसमें कैंसर के लक्षण पाए गए हों।
इंटरमीडिएट स्टेज – जब कैंसर सेल शरीर के एक अंग से दूसरे अंग में फैलने लगते हैं। इस स्टेज में कीमोथेरेपी, रेडियोथैरेपी के साथ ऑपरेशन भी जरूरी हो जाता है।
एडवांस स्टेज – जब शरीर के दूसरे हिस्सों में कैंसर कोशिकाएं पूरी तरह फैल जाती है। इस स्टेज में मरीज के ठीक होने की संभावनाएं बहुत कम होती है, लेकिन एडवांस कीमोथैरेपी से लंबे समय तक इलाज चल सकता है।
पिछले 5 महीनों से परिवार से दूर हैं संजय
बॉलीवुड हंगामा की एक खबर के अनुसार संजय के दोस्त ने यह खुलासा किया है। उन्होंने कहा- बाबा तबाह हो गया है। उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं। वे अभी अपनी मां के साथ दुबई में हैं। लेकिन इस भयानक खबर को सुनना उनके लिए बहुत मुश्किल होगा। मुंबई के लीलावती अस्पताल में संजय दत्त के कई सारे टेस्ट हुए जिनकी रिपोर्ट मंगलवार को आई।
12 दिन पहले संजय ने मनाया था 61वां बर्थडे
29 जुलाई, 1959 को मुंबई में जन्में संजय ने 12 दिन पहले ही अपना 61वां जन्मदिन मनाया है। वे दिवंगत अभिनेता सुनील दत्त और अभिनेत्री नरगिस के इकलौते बेटे हैं। संजय ने तीन शादियां कीं है। उन्होंने तीसरी शादी 2008 में मान्यता से की, जिनसे उनके 2 जुड़वां बच्चे शाहजान और इकरा हैं।
28 अगस्त को रिलीज होगी संजय की नई फिल्म ‘सड़क 2’
वर्क फ्रंट की बात करें तो संजय दत्त की अपकमिंग फिल्म ‘सड़क 2’ 28 अगस्त को ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉट स्टार पर रिलीज होगी। महेश भट्ट के निर्देशन में बनी इस फिल्म में संजय दत्त के अलावा पूजा भट्ट, आलिया भट्ट और आदित्य रॉय कपूर भी नजर आएंगे।
मां और पहली पत्नी दोनों की जान कैंसर ने ली
संजय दत्त के परिवार में पहले भी कैंसर होने की इतिहास रहा है। संजय की मां नरगिस को भी पैंक्रियाटिक कैंसर था। जो 1981 में संजय की फिल्म रॉकी की रिलीज से 3 दिन पहले ही दुनिया से अलविदा कह गई थीं। नरगिस की याद में 1982 में सुनील दत्त ने नरगिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की थी।
कैंसर के बाद उन्हें बेटे संजय की काफी फिक्र रहती थी। इलाज करवाने के लिए जब वो अमेरिका का जा रही थीं तब उन्होंने सुनील को खत लिखकर संजय को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। उन्होंने लिखा था- ‘इस बात का खास ध्यान रखना कि संजय दोबारा बुरी आदतों में ना पड़े।’
संजय दत्त की पहली पत्नी और उनकी बेटी त्रिशाला की मां ऋचा शर्मा की मौत भी कैंसर से हुई थी। ऋचा को ब्रेन ट्यूमर था। संजय से उनकी शादी 1987 में हुई थीं और शादी के दो साल के भीतर ही उन्हें कैंसर डाइग्नोज हुआ था। उन्होंने लंदन में काफी समय तक कैंसर का इलाज कराया। 1996 में कैंसर के कारण 32 साल की ऋचा की मौत हो गई थी। वहीं, संजय दत्त 1993 मुंबई बम ब्लास्ट के केस में जेल चले गए थे।
सेलेब्स ने मांग रहे सलामती की दुआ
संजय दत्त को कैंसर होने की बात जैसे ही वायरल हुई उनके चाहने वालों और फिल्म इंडस्ट्री और शुभचिंतकों ने सोशल मीडिया के जरिए उनकी सलामती के लिए दुआ मांगी है।
संजू बाबा के ड्रग्स के किस्से:जब 9 साल तक कोकीन और हेरोइन के नशे में डूबकर संजय दत्त ने बर्बाद कर ली थी अपनी जिंदगी, पिता से कहा था- ‘बचा लो’
संजय दत्त को लंग कैंसर होने की खबर से फिल्म इंडस्ट्री और उनके फैन्स मायूस हैं। सूत्रों की मानें तो संजय तीसरी स्टेज के कैंसर से जूझ रहे हैं। संजय के लिए यह दौर बेहद मुश्किल है लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब संजय अपनी लाइफ में किसी हेल्थ प्रॉब्लम का सामना कर रहे हैं। संजय ने अपनी जिंदगी में इससे भी बुरे दौर देखे हैं जिनमें से एक वो दौर था जब उन्हें ड्रग्स की लत लग गई थी।
कम उम्र में ही ड्रग्स ले डूबी
कुछ सालों पहले सिमी ग्रेवाल के चैट शो में संजय ने उस दौर को याद किया था जब उन्हें ड्रग्स की लत लग गई थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें यह लत तब लगी थी जब वह कॉलेज में थे। उम्र 17-18 साल के बीच रही होगी। तब उनके लिए ड्रग्स ही सबकुछ थी। किसी ने उन्हें इसे एक बार ट्राय करने के लिए कहा और फिर इस लत ने उनकी जिंदगी के 9 साल बर्बाद कर दिए।
इसके बाद एक इंटरव्यू में संजय ने कहा था, ‘मैंने हर ड्रग्स का नशा किया लेकिन मुझे हेरोइन और कोकीन बहुत पसंद थीं। एक बार की बात है। मैंने एलएसडी (साइकेडेलिक ड्रग) का नशा किया हुआ था। पिताजी (सुनील दत्त) ने मुझे अपने ऑफिस बुलाया। मैंने वहां समय से पहुंच गया। वह मेरे सामने बैठे थे और मुझसे बात कर रहे थे लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या कह रहे हैं। वह स्लो मोशन में बात कर रहे थे और मैं जी-जी कहने की कोशिश कर रहा था। अचानक मुझे लगा कि उनके सिर के ऊपर मोमबत्ती जल रही है। यह देख मैं डर गया और उन्हें बचाने के लिए कूदा कि कहीं उनका चेहरा ना जल जाए।
‘यह देखकर पिताजी ने नौकर से कहा-इसको लेके जाओ, यह पागल हो गया है। आज जब मैं उस घटना के बारे में सोचता हूं तो लगता है पिताजी पर क्या बीती होगी।’
9 साल तक ली ड्रग्स
एक और इंटरव्यू में संजय ने एक और किस्सा सुनाते हुए कहा था, ‘एक बार मैंने हेरोइन ली हुई थी और सोने चला गया। फिर भूख लगी तो उठा। सुबह का समय था। मैंने नौकर से कहा कि मुझे कुछ खाने को चाहिए।
वह मुझे देखकर रोने लगा और बोला-‘आप दो दिन के बाद उठे हैं। पूरा घर जैसे मुझे देखकर पागल हो गया, सब मेरी चिंता करने लगे। मैंने अपने आपको शीशे में देखा। ड्रग्स से मेरा चेहरा सूज गया था और मुझे आभास हो गया था कि मैं मर जाऊंगा। मैं पिता जी पास गया और उनसे मदद मांगते हुए कहा-‘मुझे बचा लो पापा।’
रिहेब सेंटर में रहे संजय
इसके बाद संजय ने कहा, ‘तीन हफ्तों तक मैं ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती रहा और फिर इलाज के लिए अमेरिका के एक रिहेब सेंटर चला गया। इलाज करवाकर दो साल बाद इंडिया लौटा। किसी को नहीं पता था कि मैं वापस आ रहा हूं। जब घर पहुंचा तो मेरे नौकर ने कहा कि आपसे कोई मिलना चाहता है। वह मेरा ड्रग पेडलर था।
उसने मुझसे कहा- ‘कुछ नया माल आया है, आप रख सकते हैं। यह वो समय था कि मुझे तय करना था कि मुझे क्या करना है। मुझे ड्रग्स लेनी है या ड्रग्स बेचने वाले को भगा देना है। मैंने उस व्यक्ति को भगा दिया। उस दिन मुझे लगा कि मैं ड्रग्स के खिलाफ अपनी जंग जीत चुका हूं।’