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शर्तों के साथ टूरिज्म / कोरोना निगेटिव होने पर ही उत्तराखंड, हिमाचल, गोवा आ सकेंगे डोमेस्टिक टूरिस्ट; इंटरनेशनल फ्लाइट्स बंद होने से टूरिज्म को 81 हजार करोड़ का नुकसान

कर्नाटक में दूसरे राज्यों और दूसरे जिलों से आने वाले टूरिस्ट्स के आने पर मनाही है, अगर आए तो कानूनी कार्रवाई होगी गोवा आने से पहले कोरोना की जांच कराना जरूरी है, अगर जांच नहीं करा पाएं हैं तो बॉर्डर पर ही जांच होगी जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में भी जल्द टूरिस्ट प्लेस खोलने की तैयारी, दोनों ही राज्यों में गाइडलाइन पर काम हो रहा

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नई दिल्ली. कोरोनावायरस की वजह से 4 महीने से बंद पड़ी टूरिज्म इंडस्ट्री अब धीरे-धीरे खुलने लगी है। 6 जुलाई से सरकार ने देशभर के सभी स्मारकों जैसे- ताजमहल, कुतुब मिनार, लाल किला, सांची स्तूप को टूरिस्ट्स के लिए खोलने की इजाजत दे दी है। हालांकि, आखिरी फैसला राज्य सरकारों पर ही छोड़ा है। 17 मार्च से ही देशभर में सभी 3 हजार 691 स्मारकों को कोरोनावायरस की वजह से टूरिस्ट्स के लिए बंद कर दिया गया था।

इसके अलावा अब कई राज्यों की सीमाएं भी डोमेस्टिक टूरिस्ट के लिए खुल गई हैं। हालांकि, यहां आने वाले टूरिस्ट्स के लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं।

इन 6 राज्यों में डोमेस्टिक टूरिस्ट को एंट्री
1. हिमाचल प्रदेश : आने से पहले कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव होना जरूरी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में राज्य में टूरिस्ट्स की एंट्री पर लगी रोक हटा दी है। हालांकि, अभी तक तारीख तय नहीं हुई है कि कब से यहां टूरिस्ट आ सकेंगे। फिर भी सरकार की तरफ से टूरिस्ट्स के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग यानी एसओपी जारी की गई है।

एसओपी के मुताबिक, राज्य में वही टूरिस्ट आ सकेंगे जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होगी। इसमें भी ये है कि कोरोना की जांच आने से कम से कम 72 घंटे पहले ही होनी चाहिए। इसके अलावा होटल में 5 दिन पहले बुकिंग करानी जरूरी होगी और टूरिस्ट्स को भी होटल में कम से कम 5 दिन तक रुकना ही होगा।

ये सब शर्तें उन्हीं टूरिस्ट्स के लिए है, जो दूसरे राज्यों से हिमाचल आएंगे। हिमाचल प्रदेश में पिछले साल 1.68 करोड़ से ज्यादा डोमेस्टिक और 3.82 लाख से ज्यादा फॉरेन टूरिस्ट्स आए थे।

कोरोना की क्या स्थिति है यहां : हिमाचल में कोरोना के अब तक 1 हजार 101 मरीज मिल चुके हैं। फिलहाल यहां 257 एक्टिव केस हैं। 833 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 11 लोगों की मौत हुई है।

2. गोवा : आने से पहले कोरोना जांच जरूरी
टूरिज्म मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक, डोमेस्टिक और फॉरेन टूरिस्ट्स की पसंद में गोवा टॉप-10 में भी नहीं है। फिर भी गोवा घूमने जाने का सपना हर किसी का रहता है। अप्रैल में ही गोवा ने खुद को कोविड फ्री स्टेट घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में वहां अचानक कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ गई थी।

गोवा की सरकार ने भी दूसरे राज्यों से यहां आने वाले टूरिस्ट्स के लिए एक एसओपी जारी की है। इसके मुताबिक, सिर्फ वही डोमेस्टिक टूरिस्ट यहां के होटलों में रुक सकेंगे, जिन्होंने पहले से ही कमरे बुक करवा रखे हों।

इसके अलावा दूसरे राज्यों से आने वाले टूरिस्ट्स को अपने साथ कोरोना की रिपोर्ट लेकर आनी होगी। अगर कोरोना जांच नहीं हुई है बॉर्डर पर ही टेस्ट होगा। टेस्ट निगेटिव होने पर ही एंट्री मिलेगी। अगर टेस्ट पॉजिटिव आता है तो उसका इलाज या तो गोवा में ही होगा या फिर उसे उसके राज्य वापस भेज दिया जाएगा।

कोरोना की क्या स्थिति है यहां : गोवा में अब तक 2 हजार 39 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। इनमेें से 1 हजार 207 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। राज्य में अभी 824 एक्टिव केसेस हैं, जबकि 8 लोगों की जान जा चुकी है।

3. उत्तराखंड : रिपोर्ट निगेटिव, तभी घूम सकेंगे, नहीं तो क्वारैंटाइन रहना होगा
उत्तराखंड सरकार ने भी अपनी सीमाएं डोमेस्टिक टूरिस्ट्स के लिए खोल दी है। हालांकि, यहां भी दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर आनी होगी। रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही राज्य में घूमने-फिरने की इजाजत होगी।

अगर कोई टूरिस्ट राज्य में आना चाहता है लेकिन कोरोना टेस्ट नहीं कराया है, तो उसे आकर 7 दिन तक होटल में क्वारैंटाइन रहना है। इस होटल की बुकिंग भी खुद ही करवानी होगी।

राज्य में चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ भी खुल गए हैं, लेकिन यहां मंदिर में न मूर्ति छू सकते हैं और न ही घंटी बजा सकते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद भी नहीं मिलेगा।

कोरोना की क्या स्थिति है यहां : उत्तराखंड में कोरोना मरीजों की संख्या 3 हजार 258 पर पहुंच गई है। हालांकि, इनमें से 2 हजार 650 ठीक होकर घर लौट चुके हैं। जबकि, 46 लोग दम तोड़ चुके हैं। यहां एक्टिव केसेस की संख्या 562 है।

4. राजस्थान : मास्क पहनना जरूरी, एक ग्रुप में 5 से ज्यादा नहीं
राजस्थान में अनलॉक-1 के दौरान ही कई टूरिस्ट प्लेस को टूरिस्ट्स के लिए खोल दिया गया था। यहां 342 स्मारक हैं, जो 18 मार्च से ही बंद थे। यहां टूरिस्ट्स की संख्या बढ़ाने के लिए शुरुआती दो हफ्ते तक किसी भी टूरिस्ट प्लेस पर कोई फीस नहीं ली गई थी।

यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी एसओपी जारी हुई थी। यहां हर टूरिस्ट प्लेस को सैनेटाइज करना जरूरी है। इसके साथ ही स्मारकों या टूरिस्ट प्लेस में आने वाले हर टूरिस्ट की थर्मल स्क्रीनिंग होनी जरूरी है, साथ ही मास्क लगाना भी जरूरी है। इसके अलावा अगर ग्रुप में लोग आ रहे हैं, तो एक ग्रुप में 5 से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए।

5. मध्य प्रदेश : अभी नेशनल पार्क खुले, एक गाड़ी में 4 से ज्यादा नहीं
कोरोना की वजह से टूरिस्ट्स के लिए बंद पड़े नेशनल पार्क को मध्य प्रदेश ने 15 जून से ही खोल दिया है। 5 राज्यों से घिरे मध्य प्रदेश का 77 हजार 700 वर्ग किमी का एरिया जंगल है। यहां 11 नेशनल पार्क और 24 वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी हैं। दूसरे राज्यों से आने वाले टूरिस्ट यहां तीन से चार दिन या वीकेंड पर भी आ सकते हैं।

हालांकि, यहां आने के लिए भी एसओपी है। होटल में भी सिर्फ उन्हें ही एंट्री मिलेगी, जो ठीक होंगे। मास्क पहनना जरूरी होगा और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा। इसके अलावा टूरिस्ट प्लेस के गेट पर ही स्क्रीनिंग होगी और सिर्फ स्वस्थ लोगों को ही एंट्री मिलेगी।

जो गाड़ियां सिर्फ टूरिज्म के लिए रजिस्टर्ड हैं, उनमें अगर एक ही परिवार के हैं तो 6 लोग, लेकिन अलग-अलग परिवार के हैं तो सिर्फ 4 लोग ही बैठ सकेंगे। इसके अलावा गाड़ियों को भी बार-बार सैनेटाइज किया जाएगा और ऐसी जगहें जहां टूरिस्ट इकट्‌ठे होते हैं, उन जगहों को भी बार-बार सैनेटाइज किया जाएगा।

कोरोना की क्या स्थिति है यहां : मध्य प्रदेश में अब तक 16 हजार 36 कोरोना मरीज मिल चुके हैं, जिसमें से 11 हजार 987 ठीक भी हो चुके हैं। कोरोना से यहां 629 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल यहां 3 हजार 420 एक्टिव केसेस हैं।

6. कर्नाटक : दूसरे राज्यों के लोगों की एंट्री ही नहीं होगी
बाकी राज्यों की तरह ही कर्नाटक की भी कई टूरिस्ट प्लेस को खोल तो दिया है, लेकिन इससे भी एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। पिछले हफ्ते ही कर्नाटक के पर्यटन मंत्री सीटी रवि ने लोगों से टूरिस्ट प्लेस पर न जाने की अपील भी की है। क्योंकि, टूरिस्ट प्लेस के पास रहने वाले लोग पर्यटकों के आने से परेशान हो रहे हैं। इतना ही नहीं कई जगहों को दोबारा बंद कर दिया गया है।

टूरिस्ट्स की भीड़ को देखते हुए सरकार ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है कि दूसरे राज्यों के लोग और दूसरे जिले के लोग नहीं आ सकेंगे। अगर दूसरे राज्य का कोई व्यक्ति या दूसरे जिले का कोई व्यक्ति घूमता हुआ पकड़ाता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 188 और डिजास्टर मैनेजमेंट के सेक्शन 51 के तहत कार्रवाई होगी।

कोरोना की क्या स्थिति है यहां : कर्नाटक में कोरोना के अब तक 28 हजार 877 मामले सामने आ चुके हैं। राज्य में कोरोना से अब तक 470 लोगों की जान भी जा चुकी है और 11 हजार 876 लोग ठीक भी हो चुके हैं। फिलहाल, यहां 16 हजार 531 एक्टिव केसेस हैं।

इन 2 राज्यों में भी टूरिस्ट प्लेस खोलने की तैयारी
1. महाराष्ट्र : 
कोरोना की सबसे बुरी मार इसी राज्य पर पड़ी है। यहां कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा सवा दो लाख के करीब पहुंच गया है, जबकि साढ़े 9 हजार लोगों की जान भी जा चुकी है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हाल ही में बताया है कि टूरिस्ट प्लेस को लेकर सरकार ने एसओपी तैयार कर ली है और जल्द ही इन्हें कुछ शर्तों के साथ खोला जाएगा।
2. जम्मू-कश्मीर : यहां कोरोना के 9 हजार 261 मामले हैं और 149 लोगों की जान जा चुकी है। जम्मू-कश्मीर को भी जल्द ही टूरिस्ट्स के लिए खोलने की तैयारी है। यहां के लेफ्टिनेंट गवर्नर जीसी मुर्मु ने राज्य के अधिकारियों को टूरिस्ट्स के लिए गाइडलाइन बनाने के आदेश दिए हैं।

हो सकता है कि 31 जुलाई से अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू हो, तो विदेशी पर्यटक भी आने लगेंगे
2019 में भारत में 1.08 करोड़ से ज्यादा फॉरेन टूरिस्ट्स आए थे। इससे सरकार को 2.10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई भी हुई थी। इसी साल कोरोनावायरस के फैलने से पहले भी भारत में फॉरेन टूरिस्ट्स की संख्या जनवरी में बढ़ी ही थी, लेकिन फरवरी और मार्च में कम हो गई।

भारत में 23 मार्च से ही इंटरनेशनल फ्लाइट्स बंद हैं और 31 जुलाई तक इन पर रोक लगी ही है। हो सकता है कि 31 जुलाई के बाद इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू हो जाएं। अगर ऐसा होता है तो फॉरेन टूरिस्ट्स भी आने शुरू हो सकते हैं।

हालांकि, इंटरनेशनल फ्लाइट्स बंद होने से अकेले टूरिज्म सेक्टर को ही अभी तक 80 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। पिछले साल मार्च से जुलाई के 5 महीनों में सरकार को विदेशी पर्यटकों से 80 हजार 997 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी।

इतना ही नहीं, पिछले साल जनवरी से मार्च के बीच सरकार को विदेशी पर्यटकों से 52 हजार 232 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी। जबकि, इस साल जनवरी से मार्च के बीच सरकार की 44 हजार 396 करोड़ रुपए की कमाई ही हो सकी। यानी पिछली बार से 7 हजार 836 करोड़ रुपए कम।

 

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