वर्ल्ड कराटे फेडरेशन (डब्ल्यूकेएफ) ने कराटे फेडरेशन ऑफ इंडिया (केएआई) को अस्थायी तौर पर सस्पेंड कर दिया है। डब्ल्यूकेएफ ने केएआई को पिछले साल नियमों के खिलाफ चुनाव कराने का दोषी माना है। केएआई के पास 21 दिन में डब्ल्यूकेएफ की लीगल कमेटी के पास अपील करने का मौका है।
डब्ल्यूकेएफ ने केएआई के अध्यक्ष हरिप्रसाद पटनायक को पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि डब्ल्यूकेएफ की कमेटी ने पाया है कि पिछले साल केएआई के जनवरी में हुए चुनाव में नियमों का पालन नहीं किया गया। साथ ही इंडियन फेडरेशन में काफी गुटबाजी भी बढ़ गई है। एक गुट भरत शर्मा को उपाध्यक्ष पद पर शामिल करवाने की पैरवी कर रहा है। इन सबके चलते 22 जून से अस्थायी तौर पर केएआई की मान्यता को सस्पेंड कर दिया है।
इंटरनेशनल टूर्नामेंट में डब्ल्यूकेएफ के झंडे के सात खेलना होगा
मान्यता रद्द होने के बाद अब इंडियन कराटे प्लेयर इंटरनेशनल टूर्नामेंट में तिरंगे के साथ नहीं खेल पाएंगे। खिलाड़ियों को अब डब्ल्यूकेएफ की टीम के तौर पर उनके ही झंडे के साथ खेलना होगा।
आईओए ने पहले ही चुनाव को मानने से कर दिया था इंकार
इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (आईओए) ने पहले ही केएआई के जनवरी में हुए चुनाव को मानने से इंकार कर दिया था। आईओए ने कहा था कि इलेक्शन में उनकी ओर से कोई चुनाव अधिकारी शामिल नहीं हुआ। ऐसे में यह चुनाव मान्य नहीं है। इसी के साथ आईओए ने भी फेडरेशन की मान्यता रद्द कर दी थी।