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लॉकडाउन में रिलेशनशिप / भारत में मानसिक बीमारी के मामलों में 20% का इजाफा; सास-बहू में झगड़े बढ़े, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स भी सामने आ रहे

कपल्स में स्ट्रेस, एंग्जाइटी, डिप्रेशंस के मामले अधिक, सबसे ज्यादा असर 35 से 49 साल की उम्र के लोगों में एक्सपर्ट्स की सलाह- कुछ वक्त अकेले रहें, जो अच्छा लगे उसे करें, एक-दूसरे के आसपास 24 घंटे न रहें कोरोना और लॉकडाउन में सबसे ज्यादा दिक्कत ऐसे कपल्स को, जिन्हें पहले घर पर बैठने की आदत नहीं थी

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♦गूगल ट्रेंड डेटा के मुताबिक लॉकडाउन के बाद से भारत में लोग स्ट्रेस और थैरेपी के बारे में बहुत ज्यादा सर्च कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसा आर्थिक स्थिति, काम, स्वास्थ्य, स्ट्रेस और रिलेशनशिप के चलते हो रहा है। इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी के मुताबिक कोराना के चलते भारत में मानसिक बीमारी से जुड़े मामलों में तकरीबन 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। खासकर, कपल्स में स्ट्रेस, एंग्जाइटी, डिप्रेशंस से जुड़े मामले अधिक देखे जा रहे हैं। सबसे ज्यादा असर 35 से 49 साल की उम्र के बीच के लोगों पर हुआ है।

सेलिब्रिटी साइकोलॉजिस्ट, इमोशनल इंटेलिजेंस कोच और रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. निशा खन्ना कहती हैं कि लॉकडाउन के बाद से रिलेशनशिप में भी तनाव बढ़े हैं। लगातार घर पर रहने की वजह से पति-पत्नी के बीच चिड़चिड़ापन बढ़ा है, सास-बहू में नोक-झोंक पहले से ज्यादा हो रही है, कपल सोशल मीडिया पर ज्यादा समय व्यतीत करने लगे हैं। एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर्स के खुलासे भी हो रही हैं।

डॉ. खन्ना बता रही हैं कि लॉकडाउन के वक्त उनके पास किस तरह के केस आ रहे हैं-

  • केस-1 

दिल्ली में एक वर्किंग कपल लॉकडाउन के चलते इन दिनों घर से ही काम कर रहा है। लेकिन बहू सास के तानों से परेशान हो रही। पहले वह ऑफिस जाती थीं, इसलिए सास के साथ ज्यादा वक्त नहीं रहना पड़ता था, पर अब ऐसा नहीं है। महिला का कहना है कि सास हमेशा उम्मीद करती हैं कि मैं सुपर वूमन बन जाऊं। मैं खाना बनाऊं और घर के सारे काम भी करूं। इस सब के चलते बहू और सास में झगड़े भी हो रहे। ऐसे में पति को मां और पत्नी के बीच में बैलेंस बनाने में मुश्किल आ रही है। उन्हें नहीं समझ आता कि वह पत्नी को समझाएं या मां को।

  • केस- 2

मामला, मुबई का है। लॉकडाउन से पहले पति ज्यादा वक्त बाहर रहते थे, तो पत्नी को नोटिस नहीं कर पाते थे। उनकी पत्नी पब्लिक फीगर हैं। वह ज्यादा वक्त सोशल मीडिया पर देती हैं। अब इसके वजह से उनके पति और बच्चों को दिक्कत हो रही है। उन्होंने नोटिस किया कि यदि उनकी पत्नी की किसी पोस्ट पर 200 कमेंट आते हैं, तो वे हर किसी को जवाब देती हैं। इससे बच्चे और पति दोनों परेशान हो रहे हैं।

  • केस-3

पति डॉक्टर हैं, पत्नी किसी परीक्षा की तैयारी करती हैं। पति अभी एक हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में तैनात हैं और वहीं रहते हैं। पत्नी को खाना बनाना नहीं आता है। घर की जिम्मेदारी भी नहीं देख पा रही हैं। कुक और नौकर छुट्‌टी पर हैं, इसलिए उन्हें काफी दिक्कत आ रही। पत्नी ने इन सारी बातों को लेकर सलाह ले रही हैं।

  • केस-4

पति-पत्नी दोनों के पहले से एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स थे। पहले वर्किंग होने के वहज से दोनों के पास इस पर खुलकर बात करने का वक्त नहीं होता था, लेकिन लॉकडाउन के बाद से दोनों घर पर ही हैं। ऐसे में वे एक-दूसरे से बात करने की कोशिश करते हैं तो ब्लैमगेम शुरू हो जाता है। दोनों अपने पास्ट से नहीं निकल पा रहे। यदि एक समझने की कोशिश करता है, तो दूसरा तैयार नहीं होता।

  • केस-5

लॉकडाउन के बीच एक पति ने पत्नी के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स को पकड़ लिया। पत्नी का कहना है कि पति गाली-गलौज और मारपीट करते थे, इसलिए मैंने अफेयर्स किया। हालांकि काउंसिलिंग में उसने अपनी गलती का एहसास किया। इसके बाद पति ने भी अपनी गलती मानी। दोनों ने कहा कि एक गलती मैंने की तो एक उसने की।

  • केस-6

लॉकडाउन के बीच में एक लव कपल ने शादी कर ली। इसके बारे में घर वालों को बताया भी नहीं। बाद में लड़के ने काउंसलर के जरिए पैरेंट्स को बताया कि उसने शादी कर ली है। दरअसल, दोनों के घर वाले पहले इस शादी के लिए राजी नहीं थे। हालांकि अब घर वालों ने उन्हें एक्सेप्ट कर लिया है।

बड़ी संख्या में लोग डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स का सहारा ले रहे हैं

डॉ. निशा खन्ना कहती हैं कि कोविड-19 के बाद से स्ट्रेस और डिप्रेशन केस बहुत ज्यादा आ रहे हैं। जो लोग यह सोचते हैं कि रिलेशनशिप से जुड़े मामलों के लिए सिर्फ विदेश में ही लोग डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स का सहारा लेते हैं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। भारत में भी रिलेशनशिप से जुड़े खूब सारे मामले आते हैं। बस ये बातें अंदरखाने में होती हैं, क्योंकि कोई पब्लिक प्लेटफार्म पर नहीं लाना चाहता है।

ऐसे लोगों में तनाव बढ़ा है, जिन्हें घर में पार्टनर नहीं समझ रहे हैं

डॉ. निशा के मुताबिक, लॉकडाउन में उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है, जिन्हें घर पर बैठने की आदत नहीं है। इसके अलावा ऐसे लोगों में तनाव बढ़ा है, जिन्हें घर में पार्टनर नहीं समझ रहे हैं। कोई भी रिश्ता जिसमें दो लोगों के टेंपरामेंट एक जैसे नहीं हैं, कंपरेबिलिटी नहीं है, तो वहां तनाव होना स्वाभाविक है। चाहे वो दो दोस्त हों, पार्टनर हों या पति-पत्नी हों।

कोरोना से लाइफस्टाइल और सोच में बहुत बदलाव आया है

डॉ. निशा कहती हैं कि बहुत सारे लोगों को खाली बैठने की आदत नहीं होती है। लेकिन लॉकडाउन और कोरोना के चलते ऐसे लोगों की संख्या बढ़ गई है। ऐसा होना स्वाभाविक है, क्योंकि आप पूरे हफ्ते-महीने फैमिली के साथ नहीं रह सकते। कितना टीवी देख लोगे, कितना वेबसीरीज देखोगे? पूरे दिन फिल्में नहीं दे सकते हो। मैं पूरे महीने जितना टीवी नहीं देखती थी, उतना इस वक्त एक हफ्ते में देख रही हूं। कोरोना से लाइफस्टाइल और सोच में बहुत बदलाव आया है। लेकिन यदि खुश रहना चाहते हैं, तो लाइफ में फूलों के साथ कांटों को भी हैंडल करना आना चाहिए।

लोग एनर्जी सही जगह नहीं लगा पा रहे, इसलिए भी तनाव बढ़ा

डॉ. निशा के मुताबिक, हाल में उनके पास एक ऐसा केस आया, जिसमें पता चलता है कि लगातार काम करने से भी तनाव बढ़ा है, एक मां जो पेशे डॉक्टर हैं, आजकल वह कोरोना मरीजों का इलाज कर रही हैं। एक दिन उन्होंने अपने 29 साल की बेटी पर हाथ उठा दिया, जबकि इससे पहले उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया था। इसके अलावा जिन लोगों को अकेले रहने की आदत नहीं है, अकेले बैठने की आदत नहीं है, वो इन दिनों अपनी एनर्जी सही जगह नहीं लगा पा रहे हैं। ऐसे लोगों में डिप्रेशन और तनाव बढ़ा है। ऐसे में कुछ बातों पर कपल्स को ध्यान देना चाहिए…

  • रिलेशनशिप बेहतर करने के लिए क्या करें?

कुछ वक्त अकेले बिताएं। जो अच्छा लगे उसे करें। एक-दूसरे के आसपास 24 घंटे न रहें। डिसिप्लिन रूटीन बनाएं। इमोशन के साथ टाइम स्पेंट करें। हेल्दी खाना खाएं। दोस्तों से फोन और सोशल मीडिया के जरिए बात करें। एक दूसरे की तारीफ करें। आलोचना न करें। एक-दूसरे पर कुछ थोपें भी न। निजी स्पेस दीजिए। एक्सरसाइज करें। ज्यादा बोलने से बचें।

  • वर्किंग कपल घर से काम के दौरान क्या करें?

काम के लिए निश्चित जगह तय करें। अलग-अलग कमरे में काम करें। काम पर फोकस करें। मूड अच्छा रखें। डिसिप्लिन में रहकर काम करें।

  • जो पार्टनर दूर-दूर हैं, वे क्या करें?

पार्टनर जिंदगी का हिस्सा हैं, लेकिन पूरी जिंदगी नहीं हैं। इसलिए बहुत ज्यादा एक-दूसरे पर निर्भर मत रहिए। अपनी पसंद का काम करिए। इसलिए सच को स्वीकार करें। दूर रहते हुए भी खुश रहें।

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