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लाल किले से प्रधानमंत्री का संबोधन: प्रधानमंत्री ने कहा- एलओसी से एलएएसी तक जिस किसी ने आंख उठाई, देश के वीर जवानों ने उन्हें उसी भाषा में जवाब दिया, मोदी ने कहा- आत्मनिर्भर होने के लिए हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड मंत्र को लेकर आगे बढ़ना होगा

स्वतंत्रता दिवस पर नया रिकॉर्ड बना:पीएम मोदी ने सातवीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराया, अटलजी को पीछे छोड़ा; नेहरूजी ने सबसे ज्यादा 17 बार झंडा फहराया था

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लाल किले से प्रधानमंत्री का संबोधन LIVE:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- कई लोगों को कोरोना के कारण जान गंवानी पड़ी, उनके परिवारों के प्रति भी संवेदनाएं जताता हूं
  • उन्होंने कहा- भारत विस्तारवाद के लिए चुनौती बना, कोरोना के बीच 130 करोड़ लोगों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया है

कोरोना काल में देश आज 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7वीं बार लालकिले पर झंडा फहराया। उन्होंने कहा, ‘हम ये भी जानते हैं कि वो कालखंड था कि विस्तारवाद की सोच वालों ने जहां भी फैल सके, वहां फैलने का प्रयास किया, अपने झंडे गाड़ने की कोशिश की, लेकिन भारत की आजादी का आंदोलन दुनिया के अंदर भी प्रेरणा का पुंज बन गया, दिव्य स्पंद बन गया और दुनिया में भी आजादी की ललक जली।’

उन्होंने कहा, ‘जो विस्तारवाद की अंधी दौड़ में लगे थे, उन्होंने अपने विस्तारवाद के मंसूबों को पूरा करने के लिए दुनिया को दो-दो विश्व युद्ध में झोंक दिया। दुनिया को तबाह कर दिया। भारत विस्तारवाद के लिए चुनौती बना है। अब कोरोना के बीच 130 करोड़ लोगों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया है। हम यह करके रहेंगे। दुनिया के अनेक बिजनेस भारत को दुनिया के सप्लाई चेन को देख रहे हैं। हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड को लेकर आगे बढ़ना है।’

15 अगस्त आजादी के वीरों, रणबांकुरों को नमन करने का पर्व है
उन्होंने कहा कि आजादी के इस पावन पर्व की सभी देशवासियों को शुभकामनाएं। आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग-बलिदान और समर्पण है। आज आजादी के वीरों, रणबांकुरों का नमन करने का पर्व है। हमारी सेना-अर्धसैनिक बलों के जवान, पुलिस के जवान, सुरक्षाबलों से जुड़े हर कोई, मां भारती की रक्षा में जुटे रहते हैं। आज उनकी सेवा को भी नमन करने का पर्व है। अरविंद घोष की आज जयंती है। क्रांतिकारी से आध्यात्मिक ऋषि बने। आज उन्हें भी याद करने का दिन है। कोरोना के चलते आज बच्चे नजर नहीं आ रहे। कोरोना के संकट में मैं कोरोना वॉरियर्स को नमन करता हूं।

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लाल किले से प्रधानमंत्री का संबोधन:प्रधानमंत्री ने कहा- एलओसी से एलएएसी तक जिस किसी ने आंख उठाई, देश के वीर जवानों ने उन्हें उसी भाषा में जवाब दिया

नई दिल्ली3 मिनट पहले
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- कई लोगों को कोरोना के कारण जान गंवानी पड़ी, उनके परिवारों के प्रति भी संवेदनाएं जताता हूं
  • उन्होंने कहा- भारत विस्तारवाद के लिए चुनौती बना, कोरोना के बीच 130 करोड़ लोगों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया है
  • पीएम मोदी ने कहा- आत्मनिर्भर होने के लिए हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड मंत्र को लेकर आगे बढ़ना होगा

कोरोना काल में देश आज 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7वीं बार लालकिले पर झंडा फहराया। उन्होंने कहा, ‘हम ये भी जानते हैं कि वो कालखंड था कि विस्तारवाद की सोच वालों ने जहां भी फैल सके, वहां फैलने का प्रयास किया, अपने झंडे गाड़ने की कोशिश की, लेकिन भारत की आजादी का आंदोलन दुनिया के अंदर भी प्रेरणा का पुंज बन गया, दिव्य स्पंद बन गया और दुनिया में भी आजादी की ललक जली।’

उन्होंने कहा, ‘जो विस्तारवाद की अंधी दौड़ में लगे थे, उन्होंने अपने विस्तारवाद के मंसूबों को पूरा करने के लिए दुनिया को दो-दो विश्व युद्ध में झोंक दिया। दुनिया को तबाह कर दिया। भारत विस्तारवाद के लिए चुनौती बना है। अब कोरोना के बीच 130 करोड़ लोगों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया है। हम यह करके रहेंगे। दुनिया के अनेक बिजनेस भारत को दुनिया के सप्लाई चेन को देख रहे हैं। हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड को लेकर आगे बढ़ना है।’

मोदी ने कहा- जिस किसी ने आंख उठाई, हमारी सेना ने और हमारे वीर जवानों ने उसी भाषा में जवाब दिया

मोदी ने कहा, ‘जब हम एक असाधारण लक्ष्य लेकर असाधारण यात्रा पर निकलते हैं तो रास्ते में चुनौतियों की भरमार होती है और चुनौतियां भी असामान्य होती हैं। सीमा पर देश के सामर्थ्य को चुनौती देने के प्रयास हुए। लेकिन एलओसी लेकर एलएसी तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई, देश की सेना ने और हमारे वीर जवानों ने उसी भाषा में जवाब दिया है।

उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद हो या विस्तारवाद, आज भारत डटकर मुकाबला कर रहा है। दुनिया का भारत पर विश्वास मजबूत हुआ है। पिछले दिनों भारत संयुक्त राष्ट्र में 192 में से 184 वोट हासिल कर अस्थायी सदस्य चुना गया। विश्व में हमने कैसे यह पहुंच बनाई है, यह इसका उदाहरण है। जब भारत मजबूत हो, भारत सुरक्षित हो, तब यह संभव होता है। भारत का लगातार प्रयास है कि अपने पड़ोसी देशों के साथ अपने सदियों पुराने सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्तों को और गहराई दें। दक्षिण एशिया में दुनिया की एक चौथाई जनसंख्या रहती है।’

मोदी के भाषण की अहम बातें

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियों! आजादी के वीरों को याद कर नई ऊर्जा का यह संकल्प होता है। एक प्रकार से हमारे लिए यह नई प्रेरणा लेकर आता है। नई उमंग, नया उत्साह लेकर आता है। हमारे लिए नया संकल्प लेना जरूरी भी है। अगले साल हम 75वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। यह अपने आप में बहुत बड़ा अवसर है। इसलिए आज आने वाले दो साल के लिए बहुत बड़े संकल्प लेकर हमें चलना है। आजादी के 75 साल में जब हम प्रवेश करेंगे और 75 साल जब पूरे होंगे, तब हम हमारे संकल्पों की पूर्ति के महापर्व के रूप में मनाएंगे।’
  • ‘हमारे पूर्वजों ने अखंड एकनिष्ठ तपस्या करके हमें जिस प्रकार से आजादी दिलाई, उन्होंने न्योछावर कर दिया खुद को। हम ये न भूलें कि गुलामी के इतने कालखंड में कोई भी पल या क्षेत्र ऐसा नहीं था, जब आजादी की ललक न उठी हो। आजादी की इच्छा को लेकर किसी न किसी ने प्रयास न किया हो या त्याग न किया हो। जवानी जेलों में खपा दी। फांसी के फंदों को चूमकर जीवन आहूत कर दिया। एकतरफ सशस्त्र क्रांति का दौर, एकतरफ जनआंदोलन का दौर। बापू ने आजादी के आंदोलन को एक ऊर्जा दी। इस आजादी की जंग में भारत की आत्मा को कुचलने के भी निरंतर प्रयास हुए।’
  • ‘भारत को अपनी संस्कृति, परंपरा, रीत-रिवाज से उखाड़ फेंकने के लिए क्या कुछ नहीं हुआ। वह सैकड़ों कालों का कालखंड था। साम-दाम-दंड-भेद, सब कुछ अपने चरम पर था। कुछ लोग ये मानकर चलते थे कि यहां पर राज करने के लिए आए हैं। लेकिन आजादी की ललक ने उनके सारे मंसूबों को जमींदोज कर दिया। उनकी सोच थी कि इतना बड़ा विशाल देश, अनेक राजे-रजवाड़े, भांति-भांति की बोलियां, खानपान, अनेक भाषाएं, इतनी विविधताओं के कारण बिखरा देश कभी एक होकर आजादी की लड़ाई नहीं लड़ सकता। लेकिन वे यहां की प्राण शक्ति नहीं पहचान पाए।’
  • ‘ऐसे कालखंड के बीच भी देश ने अपनी आजादी की ललक को नहीं छोड़ा। कष्ट झेलता रहा। भारत की इसी लड़ाई ने दुनिया में आजादी के लिए एक माहौल बना दिया। भारत की एक शक्ति ने दुनिया में बदलाव लाया। विस्तारवाद के लिए चुनौती बन गया भारत। इतिहास इस बात को नहीं नकार सकता। आजादी की लड़ाई में पूरे विश्व में भारत ने अपनी एकजुटता की ताकत, अपनी सामूहिकता की ताकत, अपने उज्ज्वल भविष्य के प्रति अपना ऊर्जा, संकल्प और प्रेरणा लेकर देश आगे बढ़ता चला गया।’
  • ‘कोरोना के बीच 130 करोड़ भारतवासियों ने संकल्प किया आत्मनिर्भर बनने का। आत्मनिर्भर भारत आज हर भारतवासी के मन-मस्तिष्क में छाया हुआ है। इस सपने को संकल्प में बदलते देख रहे हैं। ये आज 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है। जब मैं आत्मनिर्भर की बात करता हूं, तो कई लोगों ने सुना होगा कि अब 21 साल के हो गए हो, अब पैरों पर खड़े हो जाओ। 20-21 साल में परिवार अपने बच्चों से पैरों पर खड़े होने की अपेक्षा करता है। आज आजादी के इतने साल बाद भारत के लिए भी आत्मनिर्भर बनना जरूरी है। जो परिवार के लिए जरूरी है, वो देश के लिए भी जरूरी है। भारत इस सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मुझे इस देश के सामर्थ्य, प्रतिभा पर गर्व है।’
  • ‘कोरोना के संकट में हमने देखा कि दुनिया में कठिनाई हो रही है। दुनिया चीजें नहीं दे पा रहीं। इस देश में एन-95 मास्क नहीं बनता था, पीपीई किट नहीं बनती थीं, वेंटिलेटर नहीं बनते थे, अब बनने लगे। आत्मनिर्भर भारत दुनिया की कैसे मदद कर सकता है, यह आज हम देख सकते हैं। …बहुत हो चुका। आजाद भारत की मानसिकता क्या होनी चाहिए। वोकल फॉर लोकल। स्थानीय उत्पादों का गौरव गान करना चाहिए। ऐसा नहीं करेंगे तो उसकी हिम्मत नहीं बढ़ेगी। हम मिलकर संकल्प लें कि 75 साल की तरफ जब हम बढ़ रहे हैं तो वोकल फॉर लोकल का मंत्र अपनाएं।’
  • ‘हमारा देश कैसे-कैसे कमाल करता है और आगे बढ़ता है, इस बात को हम समझ सकते हैं। कौन सोच सकता था कि कभी गरीबों के जनधन खातों में लाखों-करोड़ों रुपए सीधे ट्रांसफर हो जाएंगे। कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए कानून में बदलाव हो सकते हैं। कौन सोचता था कि हमारा स्पेस सेक्टर हमारे देश के युवाओं के लिए खोल दिया जाएगा। आज हम देख रहे हैं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति हो, वन नेशन वन कार्ड की बात हो, वन नेशन वन ग्रिड की बात हो, वन नेशन वन टैक्स की बात हो, बैंकरप्सी कोड की बात हो या बैंकों को मर्ज करने का प्रयास हो, भारत के परिवर्तन के इस कालखंड में रिफॉर्म के पैमानों को दुनिया देख रही है।’
  • ‘बीते वर्ष भारत में एफडीआई ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। बीते वर्ष भारत में एफडीआई 18% बढ़ा। इसलिए कोरोनाकाल में भी दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत की ओर रुख ले रही हैं। ये विश्वास ऐसे ही पैदा नहीं हुआ। ऐसे ही दुनिया मोहित नहीं हुई। इसके लिए भारत ने अपनी नीतियों और अपने लोकतंत्र की मजबूती पर काम किए हैं, उसने यह विश्वास जगाया है।’
  • ‘देश आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ता गया। देश की अर्थव्यवस्था को कोरोना के प्रभाव से जल्द से जल्द बाहर निकालना हमारी प्राथमिकता है। इसमें अहम भूमिका रहेगी नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की। इस पर 110 लाख करोड़ से भी ज्यादा खर्च किए जाएंगे। अलग-अलग सेक्टर में 7 हजार प्रोजेक्ट्स की पहचान कर ली गई है। इससे देश के ओवरऑल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को नई दिशा और गति मिलेगी। ऐसे संकट की घड़ी में इन्फ्रास्ट्रक्चर को जितना बल दिया जाए, उतना फायदा है।’
  • ‘आत्मनिर्भर की पहली प्राथमिकता आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान है। एक के बाद एक रिफॉर्म किसानों के लिए हुए हैं। किसानों को तमाम बंधनों से मुक्त करने का काम हमने किया। आप कपड़ा, साबुन बनाते हैं तो उसे देश में कहीं बेच सकते हैं। देश का किसान न अपनी मर्जी से बेच सकता था, न जहां बेचना चाहता था, वहां बेच सकता था। उसके सारे बंधनों को हमने खत्म कर दिया है। अब देश का किसान दुनिया के किसी भी कोेने में अपनी शर्तों पर उपज बेच सकता है।’
  • ‘किसानी में इनपुट कॉस्ट कैसे कम हो, सोलर पम्प उन्हें कैसे मिलें। मछलीपालन जैसी चीजें कैसे उसके साथ जुड़ जाएं, उस दिशा में हम काम कर रहे हैं। पिछले दिनों एक लाख करोड़ रुपए एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत सरकार ने आवंटित किए हैं। इससे विश्व बाजार में भारत के किसान में उसकी पहुंच बढ़ेगी।’
  • ‘ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष तौर पर आर्थिक क्लस्टर बनाए जाएंगे। किसानों के लिए किसान उत्पादक संघ बनाने की कोशिश की है। मैंने पिछली बार यहां जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। हमने सपना लिया है कि पीने का शुद्ध जल सभी को मिलना चाहिए। अर्थव्यवस्था में भी इसका योगदान होता है। मुझे संतोष है कि हर दिन हम 1 लाख से ज्यादा घरों में पाइप से जल पहुंचा रहे हैं। पिछले एक साल में दो करोड़ परिवारों तक जल पहुंचाने में कामयाब रहे हैं। आदिवासियों के घर तक इसे पहुंचाने का काम चला है। जल जीवन मिशन ने देश में तंदरूस्त स्पर्धा का माहौल बनाया है।’
  • ‘भारत का मध्यमवर्ग दुनिया में अपना डंका बजा रहा है। मध्यमवर्ग को जितने अवसर मिलते हैं, वह उतनी बड़ी ताकत के साथ उभरकर सामने आता है। उसके लिए खुला मैदान चाहिए। हमारी सरकार इसके लिए काम कर रही है। ईज ऑफ लिविंग का सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को होगा तो मध्यमवर्ग परिवारों को होगा। हवाई जहाजों की टिकटें सस्ती होना, इंटरनेट मिलना, इन चीजों से मध्यमवर्ग की ताकत बढ़ेगी। उसका सपना अपना घर बनाने का होता है। होम लोन अब सस्ते हैं। उसे छह लाख रुपए तक छूट मिल जाती है। गरीब परिवारों ने पैसे लगाए, लेकिन योजनाएं पूरी नहीं होने से उन्हें घर नहीं मिल रहा था। हमने 25 हजार करोड़ रुपए का फंड इसके लिए बनाया है।’
  • ‘आत्मनिर्भर भारत और आधुनिक भारत के निर्माण में देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है। इसी सोच के साथ देश को तीन दशक के बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को देने में हम सफल रहे हैं। ये शिक्षा नीति हमारे बच्चों को जड़ से जोड़ेगी, लेकिन साथ-साथ एक ग्लोबल सिटिजन बनाने का भी सामर्थ्य देगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन पर बल दिया गया है। इससे देश को आगे ले जाने में ताकत मिलेगी।’
  • ‘आपने सोचा होगा कि क्या इतनी तेजी से गांवों तक ऑनलाइन क्लासेस का माहौल बन जाएगा? कोरोना में यह कल्चर बन गया। ऑनलाइन डिजिटल ट्रांजैक्शन भी बढ़ रहे हैं। पिछले एक महीने में भारत जैसे देश में 3 लाख करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है। 2014 से पहले हमारे देश में 5 दर्जन पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर था। 5 साल में डेढ़ लाख पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंच चुका है। गांवों की भी डिजिटल इंडिया में भागीदारी जरूरी हो गई है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने हर पंचायत तक पहुंचने का कार्यक्रम बनाया था। हमने तय किया है कि 6 लाख से ज्यादा गांवों में ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाएंगे। लाखों किलोमीटर तक ऑप्टिल फाइबर बिछाई जाएगी। एक हजार दिन में देश के 6 लाख से ज्यादा गांवों में ऑप्टिकल फाइबर का काम पूरा कर दिया जाएगा।’
  • ‘साइबर स्पेस में हम आत्मनिर्भर होते जा रहे हैं। इससे देश के सामाजिक ताने-बाने और विकास पर भी खतरा पैदा हो गया है। भारत बहुत सचेत और सतर्क है। इसका सामना करने के लिए फैसले ले रहा है। नई योजनाएं भी विकसित हो रही हैं। आने वाले समय में सब इकाइयों को जोड़कर हमें एकसाथ चलना होगा। भारत में महिला शक्ति को जब-जब अवसर मिले तो उन्होंने देश को नई मजबूती दी है। आज देश प्रतिबद्ध है। आज भारत में महिलाएं कोयले की खदानें काम कर रही हैं तो देश की बेटियां फाइटर प्लेन उड़ाकर आसमान की बुलंदियों को चूम रही हैं। आज देश की सेनाओं में महिलाओं को कॉम्बैट रोल में शामिल किया जा रहा है। तीन तलाक के कारण पीड़ित मुस्लिम बहनों को हमने इससे आजादी दिलाई है।’
  • ’40 करोड़ जनधन खातों में से 22 करोड़ खाते महिलाओं के हैं। 25 करोड़ मुद्रा लोन में 70% लोन महिलाओं को दिया गया है। गरीब बहन-बेटियों के बेहतर स्वास्थ्य की चिंता यह सरकार लगातार कर रही है। हमने छह हजार जनऔषधि केंद्रों में हमने एक रुपए में 5 करोड़ से ज्यादा सैनेटरी पैड्स मुहैया कराए हैं। बेटियों की शादी की उम्र के बारे में भी जल्द उचित फैसले लिए जाएंगे।’ ‘आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी सीख हमें हेल्थ सेक्टर ने सिखा दी है। हमें इसमें आगे भी बढ़ना है। हमारे देश में पहले एक ही लैब थी कोराेना टेस्टिंग के लिए। आज 1400 लैब हैं। एक दिन में 300 टेस्ट हो रहे थे, आज 7 लाख से ज्यादा टेस्ट कर पा रहे हैं। देश में नए एम्स और नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। 5 साल में एमबीबीएस और एमडी में 45 हजार से ज्यादा सीटें बढ़ाई गई हैं। गांवों में डेढ़ लाख से ज्यादा वेलनेस सेंटर हैं।’
  • ‘हेल्थ सेक्टर में आज से बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। आज से नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत हो रही है। भारत के हेल्थ सेक्टर में यह नई क्रांति लाएगा। हर भारतीय को हेल्थ आईडी दी जाएगी। यह उसके खाते की तरह काम करेगी। आपकी बीमारी, किस डॉक्टर ने क्या दवा दी, रिपोर्ट क्या थी। यह सारी जानकारी इसमें शामिल की जाएगी। पैसा जमा करना हो, अस्पताल में पर्ची बनवाने की भागदौड़ हो, इससे मुक्ति मिलेगी। उत्तम स्वास्थ्य के लिए हर नागरिक सही फैसले कर पाएगा।’ ‘कोरोना की वैक्सीन कब तैयार होगी, यह बड़ा सवाल है। देश के हमारे वैज्ञानिक ऋषि-मुनियों की तरह जी-जान से जुटे हुए हैं। वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। भारत में एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन वैक्सीन टेस्टिंग के अलग-अलग चरण में हैं। जब वैज्ञानिकों से हरि झंडी मिलेगी तो बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन होगा। इसकी तैयारियां पूरी हैं। हर भारतीय तक वैक्सीन कम से कम समय में कैसे पहुंचे, इसका खाका भी तैयार है।’
राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते मोदी।

सिटिंग अरेंजमेंट में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखा गया है। मोदी ‘दो गज की दूरी’ की बात कहते रहे हैं, लिहाजा दो सीटों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी रखी गई है। सुरक्षाकर्मी पीपीई किट पहनकर तैनात रहेंगे। लाइन न लगे, इसलिए अतिरिक्त मेटल डिटेक्टर डोर लगाए गए हैं।

अपडेट्स…

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने घर पर तिरंगा फहराया। कहा कि स्वतंत्रता के सही मायने हैं भारत को आत्मनिर्भर बनाना। आज हमें इसका संकल्प लेना होगा।
  • महामारी से बचाव को लेकर कुछ खास इंतजाम किए गए। इस बार लाल किले पर समारोह में स्कूली बच्चों की बजाय 1500 ऐसे लोग शामिल हुए, जिन्होंने कोरोना पर जीत हासिल की।

4000 मेहमान आए
इस बार नेताओं, अफसर, डिप्लोमैट्स और मीडियाकर्मियों समेत 4 हजार से कुछ ज्यादा लोगों को न्योता दिया गया। समारोह में इनविटेशन कार्ड से ही एंट्री मिलेगी। पिछले साल तक प्रधानमंत्री के भाषण को देखने के लिए कम से कम 10,000 लोग समारोह में शामिल होते थे। कार्यक्रम खत्म होने के बाद एक्जिट को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं। हर सीट पर लिखा गया है- अपनी बारी का इंतजार करें। लोग निकलने की जल्दबाजी न करें, इसको लेकर समय-समय पर घोषणा भी की जाएगी।

 

 

 

  • 14-15 अगस्त की रात को भारत को आजादी मिली थी, लेकिन पहली बार झंडा 16 अगस्त को फहराया गया
  • गुलजारीलाल नंदा और चंद्रशेखर ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जिन्हें लाल किले पर झंडा फहराने का मौका नहीं मिला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 74वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर पर सातवीं बार तिरंगा फहराया। इसके साथ मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पीछे छोड़ दिया। अटलजी पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने 6 बार लाल किले पर तिरंगा फहराया था। लाल किले पर सबसे ज्यादा बार तिरंगा फहराने वाले प्रधानमंत्रियों की लिस्ट में मोदी चौथे नंबर पर आ गए हैं।

प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सबसे ज्यादा 17 बार लाल किले से झंडा फहराया था। दूसरे नंबर पर इंदिरा गांधी हैं, जिन्हें 16 बार यह मौका मिला। जबकि मनमोहन सिंह (10 बार) तीसरे नंबर पर हैं। वहीं, राजीव गांधी ने 5 बार लाल किले से झंडा फहराया था।

पहले स्वतंत्रता दिवस पर 16 अगस्त को फहराया गया था तिरंगा

14-15 अगस्त की रात को भारत को आजादी मिली थी, लेकिन पहले स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त को नहीं, बल्कि 16 अगस्त को लाल किले पर तिरंगा फहराया गया था। इसके बाद से ही हर साल लाल किले से तिरंगा फहराने की परंपरा शुरू हुई।

प्रधानमंत्री कार्यकाल कितनी बार तिरंगा फहराया?
जवाहरलाल नेहरू अगस्त 1947 से मई 1964 17 बार : 1947-1963
लाल बहादुर शास्त्री जून 1964 से जनवरी 1966 2 बार : 1964-1965
इंदिरा गांधी जनवरी 1966 से मार्च 1977 और जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 16 बार : 1966-1976 और 1980-1984
मोरारजी देसाई मार्च 1977 से जुलाई 1979 2 बार : 1977-1978
चरण सिंह जुलाई 1979 से जनवरी 1980 1 बार : 1979
राजीव गांधी अक्टूबर 1984 से दिसंबर 1989 5 बार : 1985-1989
वीपी सिंह दिसंबर 1989 से नवंबर 1990 1 बार : 1990
पीवी नरसिम्हा राव जून 1991 से मई 1996 5 बार : 1991-1995
एचडी देवेगौड़ा जून 1996 से अप्रैल 1997 1 बार : 1996
इंद्रकुमार गुजराल अप्रैल 1997 से मार्च 1998 1 बार : 1997
अटल बिहारी वाजपेयी मई 1996 से जून 1996 और मार्च 1998 से मई 2004 6 बार : 1998-2003
मनमोहन सिंह मई 2004 से मई 2014 10 बार : 2004-2013
नरेंद्र मोदी मई 2014 से अब तक 7 बार : 2014-2020

गुलजारीलाल नंदा और चंद्रशेखर ऐसे प्रधानमंत्री, जिन्हें यह मौका नहीं मिला

गुलजारीलाल नंदा दो बार 13-13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने। पहली बार 27 मई से 9 जून 1964 तक और दूसरी बार 11 जनवरी से 24 जनवरी 1966 तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे। वहीं, चंद्रशेखर 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक करीब 8 महीनों तक प्रधानमंत्री रहे। लेकिन, इन दोनों को लाल किले से झंडा फहराने का मौका नहीं मिला।

कोरोना पर मोदी का ऐलान:प्रधानमंत्री ने कहा- भारत में 3 कोरोना वैक्सीन की टेस्टिंग अलग-अलग चरणों में है, हर भारतीय तक कम समय में वैक्सीन पहुंचाने की तैयारी पूरी

74वां स्वतंत्रता दिवस कोरोना काल में आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायरस की रोकथाम को लेकर घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वैक्सीन की टेस्टिंग अलग-अलग चरणों में है। हर भारतीय तक कम समय में वैक्सीन पहुंचाने की पूरी तैयारी है।

माना जा रहा था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से मोदी वैक्सीन को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने इसे लेकर स्थिति साफ कर दी।

लाल किले पर क्या बोले मोदी?

‘‘कोरोना की वैक्सीन कब तैयार होगी, यह बड़ा सवाल है। देश के हमारे वैज्ञानिक ऋषि-मुनियों की तरह जी-जान से जुटे हुए हैं। वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। भारत में एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन वैक्सीन टेस्टिंग के अलग-अलग चरण में हैं। जब वैज्ञानिकों से हरि झंडी मिलेगी तो बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन होगा। इसकी तैयारियां पूरी हैं। हर भारतीय तक वैक्सीन कम से कम समय में कैसे पहुंचे, इसका खाका भी तैयार है।’’

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