राम मंदिर भूमि पूजन का निमंत्रण पत्र:सनातनी परंपरा के साथ आधुनिकता का संगम, क्यूआर कोड केवल एक बार काम करेगा, कोई समारोह स्थल से बाहर गया तो नहीं मिलेगी एंट्री, राम नाम धुन की गूंज के साथ मंदिर-मंदिर और घर-घर गाए जा रहे हैं बधाई गीत, 4 किमी दूर हो रहे भूमिपूजन को टीवी पर देखेंगे अयोध्या के लोग
राम-सीता की कुलदेवियों और गणेश जी की पूजा के साथ मंदिर का भूमि पूजन शुरू, तैयारियों का जायजा लेने सीएम योगी भी पहुंचे
- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने निमंत्रण पत्र को पीले रंग में छपवाया, इस रंग को शुभ काम में बेहद शुभ माना गया है
- देश के 175 संत, नेता व समाजसेवियों को बांटा गया है भूमि पूजन समारोह का निमंत्रण पत्र
अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण की शुभ घड़ी आ गई है। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री राम जन्मभूमि पर मंदिर की नींव रखेंगे। सोमवार को माता सीता और प्रभु राम की कुलदेवियों और विघ्न विनाशक की पूजा अर्चना से समारोह का श्रीगणेश हो गया। इस समारोह में शामिल होने के लिए देशभर की सभी परंपराओं के संतों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है। यह निमंत्रण बेहद खास है। इसमें प्राचीन सनातनी परंपरा के साथ आधुनिकता का समागम है। एक तरफ जहां कार्ड को पीले रंग में छपवाया गया है। कारण सनातनी परंपरा में किसी भी शुभ काम के लिए पीला रंग शुभ माना जाता है। सुरक्षा के लिहाज से क्यूआर कोड लगाया गया है।
श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि हमने निमंत्रण पत्र छपवा दिया है। इसमें सिक्योरिटी कोड है। यह केवल एक बार ही काम करेगा। इसे लेकर कोई अंदर आया और फिर किसी काम से बाहर गया तो दोबारा यह सिक्योरिटी कोड काम नहीं करेगा। परिसर में मोबाइल, कैमरा या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की इजाजत नहीं होगी। हर एक कार्ड पर नंबर है, उसी नंबर की लिस्ट पुलिस को गेट पर दी जाएगी। नंबर और नाम क्रॉस चेक होगा तभी एंट्री मिलेगी। उन्होंने कहा कि निमंत्रण कार्ड अयोध्या में बांटने शुरू कर दिए। पहले उन लोगों को दे रहे हैं जिनका निवास अयोध्या में ही है। जैसे-जैसे लोग बाहर से आएंगे उन्हें उनका कार्ड सौंपा जाएगा।
क्या लिखा है निमंत्रण पत्र में?
निमंत्रण पत्र में लिखा है कि अयोध्या में पीएम मोदी द्वारा 5 अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किए जाने वाले ऐतिहासिक क्षण का आमंत्रण देते हुए हर्ष और उल्लास का अनुभव हो रहा
राम नाम धुन की गूंज के साथ मंदिर-मंदिर और घर-घर गाए जा रहे हैं बधाई गीत, 4 किमी दूर हो रहे भूमिपूजन को टीवी पर देखेंगे अयोध्या के लोग
- लोगों ने 5 अगस्त तक का राशन-सब्जी खरीद लिया है, जन्मभूमि के आसपास 4 किमी के दायरे मेंं 300 घर के लोग कुछ घंटों के लिए अपनी चौखट तक सीमित हो जाएंगे
- पूरी अयोध्या में भूमि पूजन के दिन 55 हजार किलो के देशी घी से बने बेसन के 14 लाख लड्डू बांटने की तैयारी है
अयोध्या की सरयू नदी अपनी अविरल धारा से आज सुबह 70 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। कुछ ऐसी ही उत्सुकता अयोध्या के लोगों में भूमिपूजन को लेकर है। राम नाम धुन की गूंज के साथ घर-घर बधाई गीत गाए जा रहे हैं। भूमि पूजन की शुभ घड़ी में शामिल होने के लिए पूरी अयोध्या तैयार हो गई है।
कोरोना की वजह से लोग कार्यक्रम देखने नहीं जा पा रहे हैं, लेकिन वे घर के बाहर रंगोली और छत पर केसरिया झंडा लगाकर लोग खुद की मौजूदगी दर्ज कराने में पीछे नहीं हैं। कुछ लोग केसरिया पट्टी गले में पहनकर घूम रहे हैं तो कुछ लोगों ने अपनी गाड़ियों पर झंडा लगा दिया है।
जन्मभूमि से 2-4 किलोमीटर दूर रहने वाले भी टीवी के जरिए उत्सव में शामिल होने का प्लान बना चुके हैं। 5 अगस्त का दिन जैसे-जैसे पास आ रहा वैसे-वैसे अयोध्या के मंदिर और लोग उत्सव के माहौल में रमते जा रहे हैं। पूरे अयोध्या में भूमि पूजन के दिन 55 हजार किलो के देशी घी से बने बेसन के 14 लाख लड्डू बांटने की तैयारी है।
कार्य सेवक पुरम में बाहरी लोगों की एंट्री बैन
भूमिपूजन से जुड़ी जो कुछ भी तैयारियां बाकी हैं, उसे चंपत राय और बाकी लोग 1992 में बने कार्य सेवक पुरम के एक बड़े कमरे में समेटने की कोशिश कर रहे हैं। हर 2 मिनिट बाद उस कमरे के दरवाजे से कोई निकलता तो कोई उसमें जाता दिखाई दे रहा था।
गेट के बाहर दो व्यक्ति पहरेदारी कर रहे हैं, वो पहचान वालों को एंट्री दे रहे हैं, जिसको नहीं पहचान रहे थे, उनका लंबा चौड़ा परिचय पूछकर ही उन्हें जाने दिया जा रहा है। इस बड़े कमरे के अलावा बाकी 45 कमरों में सन्तों के रुकने की व्यवस्था की गई है। कुछ संत पहुंच गए तो बाकी आज शाम तक पहुंच जाएंगे। जिम्मेदारियों को लेकर चिंता कई चेहरों पर नजर आ रही है। हालांकि, सभी चेहरे मास्क से ढंके हैं।
लोगों ने रक्षा बंधन के दिन से पांच अगस्त तक का राशन-सब्जी-सामान खरीद लिया है। जन्मभूमि के आसपास करीब चार किलोमीटर के दायरे में बने 300 से ज्यादा घर के लोग कुछ घंटों के लिए अपनी चौखट तक सीमित हो जाएंगे, आखिर सवाल सुरक्षा का है। ये लोग टीवी पर ही कार्यक्रम देख पाएंगे।
राम नवमी या दीपाली पर यहां दुनियाभर से यात्री जुटते हैं, वैसा ही खास नजारा लोगों में देखने को मिल रहा हैं। रानो पाली के रहने वाले आयुष कहते हैं कि हमें भी मोदी जी के आने का इंतजार है, लेकिन दुःख है कि हम उन्हें सामने से नहीं देख पाएंगे। वह अपने गेट पर खड़े होकर ही बाहर हो रही चहल-पहल देख रहे हैं।
साढ़े 3 लाख पैकेट में 14 लाख लड्डू बांटने जाएंगे
भूमिपूजन के दिन अयोध्या के हर घर में चार लड्डू वाला पैकेट पहुंचाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी निभा रहे ऋषि के मुताबिक, कुल14 लाख लड्डू बनाए जा रहे हैं जो कि साढ़े तीन लाख पैकेट में भरे जाएंगे। एक पैकेट में चार लड्डू हैं। जिला भाजपा की टीम इसे पूरे अयोध्या में पहुंचाएगी।
भूमिपूजन तक जाने वाले रास्ते के हर घर पर श्रीराम का झंडा, घर के बाहर रंगोली
अयोध्या की लगभग सभी सड़कों के किनारे बने घर झंडे से पटे पड़े हैं। इनपर श्रीराम और हनुमान के चित्र बने हैं। 50 हजार से ज्यादा झण्डे अयोध्या शहर से राम जन्म भूमि की तरफ आने वाली सभी सड़कों पर लगाए गए हैं। 40 महिलाओं का समूह मंगलवार सुबह से घरों के बाहर रंगोली बनाएगा। इसके साथ ही दीप जलाने का जिम्मा अवध विवि के फाइन आर्ट के छात्रों को दिया गया है।
- 4 अगस्त को होगी राम अर्चना, 5 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी मंदिर की आधारशिला रखेंगे
- अयोध्या में 5 अगस्त को दोपहर 12 बजे मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी, मोदी यहां 3 घंटे रहेंगे
- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से लोगों को निमंत्रण भेजा जा रहा
500 सालों के लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की शुभ घड़ी आ गई है। सोमवार को गणेश जी की पूजा के साथ तीन दिन का अनुष्ठान शुरू हुआ। इसके बाद माता सीता की कुलदेवी छोटी देवकाली और भगवान राम की कुलदेवी बड़ी देवकाली की पूजा की गई। अयोध्या और बनारस के 21 पंडित पूजा करा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी तैयारियों का जायजा लेने सोमवार को अयोध्या पहुंच गए।
योगी यहां कल ही आने वाले थे, लेकिन राज्य की कैबिनेट मंत्री कमल रानी के निधन के कारण उन्होंने दौरा टाल दिया था। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करेंगे।
सीता जी मायके से लाई थीं कुलदेवी की प्रतिमा
मान्यता है कि जनकपुर में विवाह के बाद जब माता सीता अयोध्या आईं तो अपनी कुलदेवी की प्रतिमा भी साथ लाई थीं। उन्होंने राम जन्मभूमि के पास ही इनकी स्थापना की थी। इसी तरह बेनीगंज में बड़ी देवकाली का मंदिर है। मान्यता है कि, महाराज सुदर्शन ने द्वापर युग में इन्हें स्थापित किया था।
प्रधानमंत्री पहले हनुमानजी का आशीर्वाद लेंगे
अयोध्या के हनुमानगढ़ी में मंगलवार को सुबह 8 बजे से राम अर्चना शुरू होगी। साल में एक बार होने वाली निशान पूजा भी होगी। अगले दिन 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। प्रधानमंत्री अयोध्या में सबसे पहले हनुमानगढ़ी जाएंगे। जहां वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंदिर में विशेष पूजा करेंगे।
हनुमानगढ़ी मंदिर के पुजारी मधुवन दास ने बताया कि बिना हनुमानजी को साथ लिए राम का कोई काम शुरू नहीं हो सकता है। इसलिए, मोदी और योगी हनुमानगढ़ी पर विशेष पूजा के लिए आ रहे हैं।
अयोध्या मार्ग पर रखे जाएंगे रंग बिरंगे घड़े
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सांस्कृतिक इकाई संस्कार भारती मिट्टी के 5100 घड़ों को कलात्मक ढंग से सजा रही है। इन्हें रंग, कपड़े, गोटे, आम के पत्तों और दीपों से सजाया जा रहा है। यह घड़े साकेत महाविद्यालय से गुजरने वाले अयोध्या मार्ग पर रखे जाएंगे।
योगी ने कहा- वे ही आएं, जिन्हें आमंत्रित किया गया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या के साथ-साथ देश और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा, जब प्रधानमंत्री मोदी जी अयोध्या में लगभग 500 वर्षों की इस परीक्षा के परिणाम के साथ भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखेंगे। इसके महत्व को समझते हुए, यहां अयोध्या में तैयारियों को देखने के लिए मैं आया हूं। कोरोना को लेकर प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन होगा। केवल वे ही यहां आएं, जिन्हें आमंत्रित किया गया है।
अयोध्या को सील किया गया
सुरक्षा को लेकर आज से अयोध्या को सील कर दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में 3 घंटे रहेंगे। वे यहां पारिजात का एक पौधा लगाएंगे। अयोध्या में साढ़े 12 बजे भूमि पूजन शुरू होगा, जो ठीक 10 मिनट तक चलेगा। इसके बाद प्रधानमंत्री शिलान्यास समारोह में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम करीब सवा घंटे चलेगा।