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राजस्थान में सियासी घमासान LIVE:स्पीकर ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, तुरंत सुनवाई की मांग पर सीजेआई ने रजिस्ट्रार के सामने मेंशन करने को कहा, गहलोत और पायलट गुट की बाड़ेबंदी का एक दिन का खर्चा करीब 15 लाख रुपए, वकीलों की फीस भी 50 लाख तक

स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि उन्हें बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस भेजने का हक है सचिन पायलट खेमे को भेजे गए अयोग्यता नोटिस पर हाईकोर्ट अब 24 जुलाई को फैसला सुनाएगा स्पीकर जोशी ने कोर्ट के कहने पर पायलट समेत 19 विधायकों पर कार्यवाही 3 दिन और टाली, राजस्थान में केंद्रीय एजेंसियों की छठवीं कार्रवाई:अब सीएम गहलोत के बड़े भाई के घर ईडी का छापा, फर्टिलाइजर घोटाले में कार्रवाई; कांग्रेस बोली- मोदी ने देश में रेड राज चलाया

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राजस्थान में सियासी घमासान का आज 13वां दिन है। विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनके वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे से इस पर आज ही सुनवाई करने को कहा। लेकिन सीजेआई ने याचिका को रजिस्ट्रार के सामने मेंशन करने को कहा।

इससे पहले सीपी जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि स्पीकर को बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस भेजने का हक है। उन्होंने कहा, ‘संविधान और सुप्रीम कोर्ट ने जिम्मेदारियां तय की हैं। स्पीकर होने के नाते मैंने कारण बताओ नोटिस दिया। अगर अथॉरिटी कारण बताओ नोटिस जारी नहीं करेगी तो उसका काम क्या होगा।’ मंगलवार को 19 विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस मामले में हाईकोर्ट ने लगातार दूसरे दिन सुनवाई की थी। बहस पूरी होने के बाद 24 जुलाई तक फैसला सुरक्षित रख लिया। तब तक स्पीकर इन विधायकों के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर सकते हैं।

जोशी ने 14 जुलाई को नोटिस दिया था

दरअसल, कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी की शिकायत पर स्पीकर ने 14 जुलाई को इन विधायकों को दल बदल विरोधी कानून के तहत सदस्यता खारिज करने का नोटिस दिया था। स्पीकर से शिकायत में कहा गया था कि विधायक दल की बैठक के लिए पार्टी ने व्हिप जारी किया था, लेकिन पायलट खेमे ने इसका पालन नहीं किया। उधर, पायलट खेमे का कहना है कि व्हिप विधानसभा सत्र के दौरान लागू होता है ना कि पार्टी बैठक के लिए।

फोन टैपिंग में नियमों का पालन हुआ

उधर, फोन टैपिंग मामले में राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार ने रिपोर्ट में कहा है कि फोन टैपिंग में नियमों का पालन किया गया। राज्य के गृह सचिव की अनुमति के बाद ही टैपिंग की गई। साथ ही, किसी भी राजनीतिक व्यक्ति का फोन टैप नहीं किया गया। शनिवार को गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव से फोन टैपिंग को लेकर रिपोर्ट मांगी थी।

अब तक क्या हुआ?
14 जुलाई: स्पीकर ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस दिया और 17 जुलाई को दोपहर 1:30 बजे तक जवाब मांगा।
16 जुलाई: नोटिस के खिलाफ पायलट सहित 19 विधायक हाईकोर्ट चले गए। पीछे-पीछे व्हिप चीफ महेश जाेशी ने सरकार की तरफ से कैविएट लगा दी कि कोई भी फैसला किए जाने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए।
17 जुलाई: हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सुनवाई की और मामला दो जजों की बेंच में भेजा। इस बेंच ने 18 जुलाई को सुनवाई तय की।
18 जुलाई: अगली सुनवाई 20 जुलाई तय की और स्पीकर से कहा कि वे 21 जुलाई तक नोटिस पर कार्यवाही नहीं करें। स्पीकर ने भी इसकी पालना करते हुए कार्यवाही टाली।
20 जुलाई: हाईकोर्ट ने बहस पूरी न हो पाने के कारण कहा- 21 जुलाई को भी सुनवाई होगी।
21 जुलाई: हाईकोर्ट ने फिर मामले को सुना और फैसला 24 जुलाई के लिए सुरक्षित रख लिया। स्पीकर को भी तब तक के लिए कोई निर्णय नहीं करने के लिए कहा।

हाईकोर्ट का फैसला पायलट खेमे के पक्ष में आया तो
पायलट सहित 19 विधायकों की सदस्यता बची रहेगी। अगर गहलोत सरकार ने व्हिप जारी कर फ्लोर टेस्ट किया, तब इन्हें सरकार के पक्ष में वोट करना होगा। अगर नहीं किया तो सदस्यता जाने का खतरा रहेगा। फ्लोर टेस्ट से बाहर रहे तो फिर भी सदस्यता जा सकती है।

और स्पीकर के पक्ष में आया तो
सभी 19 विधायकों की सदस्यता जा सकती है। हालांकि, हाईकोर्ट में चली बहस में स्पीकर के वकीलों ने दलील दी कि नोटिस के मामले में सभी विधायकों पर एक साथ कार्रवाई नहीं होगी। बल्कि केस टू केस मामला देखा जाएगा। ऐसे में जो विधायक पायलट खेमा छोड़ने को तैयार होगा उसे राहत मिल सकती है।

यह फोटो होटल का है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को यहां विधायक दल की बैठक की थी।

राजस्थान के सियासी घमासान के एपिसेंटर बने 2 होटल:गहलोत और पायलट गुट की बाड़ेबंदी का एक दिन का खर्चा करीब 15 लाख रुपए, वकीलों की फीस भी 50 लाख तक

जयपुर-दिल्ली रोड़ पर कूकस में स्थित होटल फेयरमोंट। जहां हर लग्जरी सुविधा उप्लब्ध है। (फाइल फोटो)
  • जयपुर-दिल्ली रोड़ स्थित इस होटल फेयरमोंट में कुल 245 कमरे हैं, जिसमें से 120 बुक कराए गए
  • वहीं, पायलट गुट द्वारा करीब 22 कमरे बुक करवाए गए हैं, जिसमें 19 विधायक मौजूद हैं

राजस्थान के सियासी घमासान का होटल फेयरमोंट एपीसेंटर बन चुका है। यहां दिन-रात मीटिंग का दौर लगातार चल रहा है। गहलोत सरकार ने इस होटल को अपना एक अभेद्य किला बना किया है। जयपुर-दिल्ली रोड़ स्थित इस होटल फेयरमोंट में कुल 245 कमरे हैं। सूत्रों की माने तो इनमें से 120 कमरे विधायकों और नेताओं के लिए बुक करवाए गए हैं। जिसका रोज का खर्च 12 लाख रुपए बताया जा रहा है।

जानकारी अनुसार, होटल के खर्च में रहने-खाने की साथ सभी व्यवस्थाएं शामिल हैं। साथ ही होटल मे भी सभी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। जिसमें विधायक दल की मीटिंग भी शामिल है। साथ ही मंत्रियों के ऑफिस के काम भी बाड़ेबंदी से ही निपटाए जा रहे हैं।

पायलट गुट के 11 दिन में 25 लाख खर्च हुए

वहीं, पायलट गुट के विधायक भी करीब 11 दिन से मानेसर स्थित होटल में मौजूद हैं। सूत्रों की माने तो वहीं भी हर दिन ढाई लाख रुपए का खर्च आ रहा है। जहां करीब 22 कमरे बुक करवाए गए हैं, लेकिन विधायक 19 ही मौजूद हैं। जिसके अनुसार करीब 25 लाख रुपए अब तक होटल मे रहने के लिए खर्च किया जा चुका है।

पायलट गुट के होटल से अब तक एक ही वीडियो सामने आया है। जिसमें सभी विधायक एक साथ बैठे दिख रहे।

फेयरमोंट होटल में हर लग्जरी सुविधा

गहलोत गुट के लग्जरी होटल में नॉर्मल रूम से लेकर सुइट्स तक हैं। यहां पर कमरों को कुल पांच कैटेगरी में बांटा गया है। जिसमें फेयरमोंट रूम, डीलक्स रूम, सिग्नेचर रूम, फेयरमोंट गोल्ड और सुइट्स हैं। जिनके एक दिन का किराया 7650 से 38350 तक है। साथ ही होटल में इनडोर गैम्स के साथ फिल्म देखने, जिम, स्पा और स्वीमिंग पूल की भी व्यवस्था है। गौरतलब है कि फेयरमोंट एक अंतराष्ट्रीय होटल ब्रांड है। जिसका भारत में सिर्फ एक होटल जयपुर में है।

होटल फेयरमोंट से गहलोत गुट के विधायकों की मीटिंग की तस्वीरें लगातार सामने आ रहीं।

होटल की सुरक्षा में 100 से अधिक पुलिस जवान तैनात

जहां, एक तरफ पायलट गुट के विधायकों के लिए होटल के बाहर हरियाणा पुलिस तैनात की गई है। वहीं, दूसरी तरफ गहलोत गुट ने होटल फेयरमोंट के बाहर पहले 2 लेयर में सुरक्षा तैनात की गई थी। जिसके कुछ दिन बाद 3 लेयर कर दिया गया।  होटल की गार्डनिंग से लेकर किचन, रूम सर्विस जैसी आठ सर्विसेज के लिए 650 लोगों का स्टाफ है। यहां 100 पुलिसकर्मी 3 शिफ्टों में लगाए गए हैं।

फेयरमोंट होटल के बाह मौजूद पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता।

आने-जाने वालों की डिटेल रखी जा रही

मुख्य गेट के साथ ही होटल के एंट्री पाइंट पर चैकिंग की व्यवस्था की गई है। यहां तक कि जनप्रतिनिधियों के लिए जरूरी चीजें लाने वालों को भी बिना अनुमति के अंदर प्रवेश नहीं है। संबंधित व्यक्ति एंट्री पाइंट तक ही संबंधित चीजें देकर आ सकता है। पुलिस की ओर से वायरलेस सिस्टम को ही काम लिया जा रहा है। बाहर से आने वालों की डिटेल रखी जा रही है।

दोनों पक्षों के 3 वकीलों की फीस 1.50 करोड़ से ज्यादा

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट की तरफ से पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी केस लड़ रहे हैं। वहीं, विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के वकील कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी हैं। कानूनी जानकारों के अनुसार साल्वे, रोहतगी और सिंघवी एक दिन की पैरवी के बदले 40 से 50 लाख तक फीस लेते हैं। ऐसे में तीनों वकीलों को हर दिन करीब 1.50 करोड़ रुपए फीस दी जा रही है। जिसके बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सवाल उठा चुके हैं कि उनके(पायलट) पास 50-50 लाख रुपए फीस लेने वाले वकीलों के लिए पैसा कहां से आ रहा है।

राजनीतिक संकट के चलते जयपुर आते रहे नेता, चार्टर मूवमेंट पर हर घंटे ढाई से तीन लाख खर्च

पिछले माह राज्यसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और भाजपा विधायकों की बाड़ेबंदी हुई थी। इस दौरान कांग्रेस ने दो नेताओं को ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी भी दी थी। इन नेताओं के सभी तरह के मूवमेंट चार्टर प्लेन के जरिए ही हुए थे। अब राज्य में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा सरकार को समर्थन नहीं देने के बाद भी सियासी संकट खड़ा हो गया है और लगातार कांग्रेस नेताओं का मूवमेंट चार्टर प्लेन के जरिए हो रहा है। एक चार्टर विमान को किराए पर लेने का खर्चा प्रति घंटे करीब ढाई से तीन लाख रुपए होता है।

राजस्थान में केंद्रीय एजेंसियों की छठवीं कार्रवाई:अब सीएम गहलोत के बड़े भाई के घर ईडी का छापा, फर्टिलाइजर घोटाले में कार्रवाई; कांग्रेस बोली- मोदी ने देश में रेड राज चलाया

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत का खाद-बीज का कारोबार है
  • छापे जोधपुर में अग्रसेन के घर और फॉर्म हाउस पर डाले गए
  • मुख्यमंत्री ने मंगलवार को परिवार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की आशंका जताई थी

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राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को 7 करोड़ के फर्टिलाइजर स्कैम मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के घर और फॉर्म हाउस पर छापा डाला। ईडी की टीम पीपीई किट पहनकर पहुंची। बताया जा रहा है कि तलाशी अभी जारी है।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को परिवार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की आशंका जताई थी। केंद्रीय एजेंसियां राज्य में 9 दिन में गहलोत के करीबियों और रिश्तेदारों पर अब तक 6 बड़ी कार्रवाई कर चुकी हैं।
13 जुलाई को इनकम टैक्स ने कांग्रेस नेता राजीव अरोड़ा और धर्मेद्र राठौड़ के ठिकानों पर छापेमारी की। इसके बाद 20 जुलाई को सीबीआई ने कांग्रेस विधायक कृष्णा पुनिया से पूछताछ की। 21 जुलाई को सीबीआई ने मुख्यमंत्री के ओएसडी देवाराम सैनी को पूछताछ के लिए बुलाया। इसी दिन फिर से कृष्णा पुनिया से पूछताछ की गई। अब मुख्यमंत्री के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की। उधर, कस्टम विभाग ने अग्रसेन की कंपनी अनुपम कृषि पर 7 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई है।

छापे के दौरान ईडी के अधिकारी पीपीई किट पहने नजर आए।

सुरजेवाला ने कहा- गहलोत के विधायक डरने वाले नहीं
इन छापों पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि डराने, धमकाने के लिए ईडी के छापे मारे जा रहे हैं। उन्होंने जनमत को चुनौती दी है। उन्होंने 20 और 21 जुलाई को इनकम टैक्स और ईडी के साथ हमारी विधायक कृष्णा पूनिया के पास सीबीआई भेज दी। दिल्ली में बैठे हुक्मरानों का ये दबाव डालने का हथकंडा था।

सुरजेवाला ने कहा कि 21 जुलाई को मुख्यमंत्री के ओएसडी को सीबीआई ने बुलाया था। अब अग्रसेन गहलोत निशाना बनाए गए हैं। जो कि ना राजनीति में हैं ना उनका इससे कोई सरोकार है। उनके घर ईडी के छापे डाले गए हैं। मोदी ने देश में रेड राज पैदा किया हुआ है। इससे राजस्थान डरने वाला नहीं है। प्रदेश के 8 करोड़ लोग घबराने वाले नहीं हैं। इन धमकियों से आपने दूसरे राज्यों में किसी और को डरा लिया होगा। लेकिन राजस्थान की जनता और गहलोत के विधायक डरने वाले नहीं। ना ही हमारी सरकार अस्थिर होने वाली है। आपने राजस्थान के स्वाभिमान को चुनौती दी है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने भाई अग्रसेन के साथ। – फाइल फोटो

क्या है फर्टिलाइजर स्कैम

  • साल 2017 में भाजपा ने गहलोत सरकार पर फर्टिलाइजर सब्सिडी में घोटाले का आरोप लगाया था। केंद्र में यूपीए की सरकार थी। यह घोटाला कस्टम अफसरों द्वारा एक खेप पकड़ने के दौरान सामने आया था। नियमों के मुताबिक, फर्टिलाइजर का निर्यात नहीं किया जा सकता।
  • भाजपा ने आरोप लगाया कि अग्रसेन गहलोत ने इंडियन पोटाश लिमिटेड से फर्टिलाइजर खरीद कर किसानों को नहीं दिया। उस समय अग्रसेन गहलोत ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं।
जोधपुर स्थित गहलोत का फॉर्म हाउस। यहीं पर उनकी कंपनी अनुपम कृषि का ऑफिस है।

जोधपुर की

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