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मोदी कैबिनेट के फैसले:कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट करवाने के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी बनेगी; जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को लीज पर देने की मंजूरी

स्टाफ सेलेक्शन कमीशन, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग सर्विस पर्सनल की परीक्षाएं अब कॉमन होंगी कैंडिडेट्स को बार-बार फीस नहीं भरनी पड़ेगी, कॉमन टेस्ट का स्कोर 3 साल के लिए वैलिड रहेगा

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गन्ना किसानों को चीनी मिलों से मिलने वाली कीमत 10 रुपए बढ़ाकर 285 रुपए प्रति क्विंटल की गई। सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।

 

केंद्रीय कैबिनेट ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट करवाने के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी बनाने की मंजूरी दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को हुई कैबिनेट के बाद फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट होने से नौकरी तलाश रहे युवाओं को फायदा होगा। जावडेकर ने बताया कि जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत लीज पर देने की मंजूरी भी दी गई है।

कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट होने से क्या फायदा होगा?
केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए अभी अलग-अलग एजेंसियां अलग-अलग परीक्षाएं करवाती हैं। कैंडिडेट्स को बार-बार फीस भरनी होती है। टेस्ट सेंटर तक पहुंचने के लिए साल में कई बार लंबी दूरी का सफर करना पड़ता है। अब इससे छुटकारा मिल जाएगा। स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी), रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग सर्विस पर्सनल (आईबीपीएस) की पहले स्टेज की परीक्षाएं अब नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी कॉमन करवाएगी।

कॉमन एंट्रेस टेस्ट की मेरिट लिस्ट 3 साल वैलिड रहेगी
सरकार ने बताया कि केंद्र सरकार की 20 से ज्यादा रिक्रूटमेंट एजेंसी हैं। इनमें से सिर्फ 3 एजेंसियों के एग्जाम कॉमन करवाए जा रहे हैं। मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कॉमन एंट्रेस टेस्ट की मेरिट लिस्ट 3 साल के लिए वैलिड रहेगी। इस दौरान कैंडिडेट अपनी योग्यता और प्राथमिकता के हिसाब से अलग-अलग सेक्टर में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह एक ऐतिहासिक रिफॉर्म है। इससे भर्तियां, सेलेक्शन और जॉब प्लेसमेंट आसान होगा। समाज के उन तबकों का जीवन आसान होगा जो कम सुविधाओं के साथ रह रहे हैं।

कैबिनेट के अन्य फैसले

  • चीनी मिलों की ओर से गन्ना किसानों के मिलने वाली कीमत 10 रुपए बढ़ाकर 285 रुपए प्रति क्विंटल की गई।
  • डिस्कॉम्स को उनकी वर्किंग कैपिटल लिमिट से ज्यादा लोन देने के लिए पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन को एक बार छूट दी जाएगी।

6 एयरपोर्ट के लिए पिछले साल अडाणी ग्रुप की बोली मंजूर हुई थी
जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम, लखनऊ, अहमदाबाद और मैंगलुरू को ऑपरेट करने के लिए पिछले साल फरवरी में अडाणी ग्रुप की बोली मंजूर हुई थी। अहमदाबाद, मैंगलुरू और लखनऊ एयरपोर्ट के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और अडाणी एंटरप्राइजेज के बीच इस साल फरवरी में एग्रीमेंट हो चुका है।

 

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