महिलाओं के खिलाफ रेप नहीं बल्कि घरेलू हिंसा के मामले सबसे ज्यादा; जानिए क्या और कितना सहन करती हैं महिलाएं
लॉकडाउन के दौरान महिलाओं पर बढ़ गया अत्याचार, 14 हजार से ज्यादा केस दर्ज
हाथरस मामले ने एक बार फिर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों और रेप को सुर्खियों में ला दिया है। लेकिन, महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है घरेलू हिंसा। यदि आंकड़ों में देखें तो महिलाओं के खिलाफ अपराध का हर तीसरा मामला (कुल मामलों का 31%) घरेलू हिंसा से जुड़ा है।
एनसीआरबी यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की क्राइम्स इन इंडिया 2019 रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध 2018 से 2019 में 7.3% बढ़ गए। 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,05,861 केस दर्ज हुए, जबकि 2018 में 3,78,236 केस हुए थे। इसी तरह, एक लाख महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों का रेट 62.4% रहा, जो 2018 में 58.8% था।
घरेलू हिंसा मामलों में बढ़ोतरी सबसे तेज
महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में जहां रेप के मामले पिछले कुछ वर्षों में कम हुए हैं, घरेलू हिंसा के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है। 2018 में पति और रिश्तेदारों के अत्याचार से जुड़े घरेलू हिंसा के कुल मामले एक लाख चार हजार 165 थे, जो 2019 में बढ़कर एक लाख 26 हजार 575 हो गए। यानी 21% तक की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
अदालतों का बोझ बढ़ा रहे हैं घरेलू हिंसा के केस
एनसीआरबी की रिपोर्ट्स से पता चलता है कि कोर्ट में केस का सबसे बड़ा बोझ घरेलू हिंसा से जुड़े केस का ही है। 2018 में करीब डेढ़ लाख केस में पुलिस जांच पेंडिंग थी, जिसे 2019 में घटाकर 54 हजार तक ला दिया। लेकिन, कोर्ट में केस बढ़ते ही चले गए। 2018 के मुकाबले 2019 में करीब 30 हजार केस की पेंडेंसी बढ़ गई। 2018 में 5.39 लाख केस पेंडिंग थे, 2019 में यह बढ़कर 5.70 लाख हो गए। कन्विक्शन रेट भी काफी कम है। 2018 में जहां 13% मामलों में दोष सिद्ध हुआ था, जो 2019 में बढ़कर 14.6% हो गया।
लॉकडाउन में भी महिलाओं पर बढ़ गया अत्याचार
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में 23 सितंबर को दिए जवाब में बताया कि लॉकडाउन के दौरान मार्च से 20 सितंबर तक महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार की 13,410 शिकायतें सरकार को मिली है। इसमें सबसे ज्यादा 5,470 शिकायतें उत्तरप्रदेश से मिली है। इसके बाद दिल्ली (1,697), महाराष्ट्र (865) और हरियाणा (731) से शिकायतें मिली हैं। मंत्रालय ने इस तरह के मामलों की सूचना देने के लिए वॉट्सऐप नंबर 7217735372 जारी किया था, जिस पर 10 अप्रैल से 20 सितंबर तक 1,443 मामले सामने आए हैं।