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भारत के कदम का समर्थन :अमेरिका के एनएसए ने कहा- टिकटॉक जैसे चाईनीज ऐप को बैन कर भारत ने सही किया, हम भी इस पर गंभीरता से विचार कर रहे

अमेरिका के एनएसए रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा- भारत में चाईनीज ऐप बंद होने के बाद चीन से जासूसी में मदद करने वाला एक बड़ा हथियार छिन गया है ब्रायन ने कहा- चाईनीज ऐप्स अमेरिका के लोगों की बायोमेट्रिक्स समेत उनकी सभी निजी जानकारियां चीन के सुपर कंप्यूटर्स तक पहुंचा रहे हैं

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अमेरिका के एनएसए रॉबर्ट ओ ब्रायन ने चाईनीज ऐप को बैन करने के भारत के फैसले की तारीफ की। ब्रायन ने कहा, ‘‘भारत पहले ही चीनी ऐप पर बैन लगा चुका है। अब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की निगरानी और जासूसी में मदद करने वाला एक बड़ा हथियार छिन गया है। अमेरिका भी टिकटॉक, वीचैट और चीन के कुछ दूसरे ऐप को बैन करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।’’

ब्रायन ने कहा कि जो बच्चे टिकटॉक का इस्तेमाल कर रहे हैं उनके लिए यह मजेदार है। इसके बदले वे दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। यह ऐप उनके फेशियल रिकनिगशन से जुड़ी जानकारी जुटा रहा है।

चीन के सुपर कंप्यूटर्स तक पहुंच रही निजी जानकारी 

उन्होंने कहा- चाइनीज ऐप यूजर्स के सभी पर्सनल डेटा जुटा रहा है। उन्हें पता चल जाता है कि यूजर्स के माता-पिता और दोस्त कौन हैं। वे सभी रिश्तों पर नजर रख रहे हैं। ये सभी जानकारी चीन में क्लाउट नेटवर्क से जुड़े सुपर कंप्यूटर्स तक पहुंच रही है। ऐसे में चीन यूजर्स के बारे में सब जान जाता है। यहां तक कि यूजर्स के बायोमेट्रिक्स के बारे में भी उसे पता चल जाता है। ऐसी कोई भी जानकारी ऐप्स पर देने में काफी सतर्क रहने की जरूरत है।

‘अमेरिका के कई संस्थानों की जानकारियां चुराई गईं’

ब्रायन ने कहा- चीन हमारे पर्सनल डेटा का खरीददार है। वह इसे पाने के लिए वीचैट और टिकटॉक जैसे ऐप्स का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे करने में नाकाम रहने पर वह ये जानकारियां चुरा भी सकता है। चीन ने मैरियट होटल की वेबसाइट हैक कर ली। लाखों लोगों के पासपोर्ट नंबर समेत उनकी निजी जानकारियां चुरा लीं। इसके साथ ही उन्होंने एक्सपेरियन और दूसरी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को हैक कर क्रेडिट की जानकारी हासिल की। इसने एंथेम हेल्थेयर को हैक कर मेडिकल डिटेल्स चुराए।

चीन ले रहा एआई और सुपर कंप्यूटिंग की मदद 

एनएसए ने कहा कि चीनी ऐप एडवर्टाइजर नहीं है, जो मनमुताबिक चीजें ढूंढ़ने में मदद करे। इसके पीछे एक देश है जो लोगों की सारी निजी जानकारी जुटाना चाहता है। चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के नियमों का पालन करने वालों को क्रेडिट स्कोर दिया जाता है। चीन अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सुपर कंप्यूटिंग की काबिलियत बढ़ा रहा है। वह जल्द ही ऐसी स्थिति में पहुंच जाएगा जब वह अमेरिका समेत दुनिया  भर के लोगों का सोशल क्रेडिट स्कोर जुटा लेगा। हम इसे किसी भी कीमत पर रोकेंगे।

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