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बिहार में राजनीति की जनरेशन नेक्स्ट:कुछ पर पार्टी का दारोमदार है, कुछ अपनी विरासत बचाने में लगे हैं, तो कोई सीधे मुख्यमंत्री को चुनौती दे रहा है

पुष्पम प्रिया ने खुद को सीएम कैंडिडेट डिक्लेयर किया है, वो बिहार के सभी 38 जिलों का दौरा कर चुकी हैं कम पढ़े लिखे होने के बाद भी तेजस्वी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं, 2.5 मिलियन से ज्यादा लोग उन्हें ट्विटर पर फॉलो करते हैं

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बिहार में चुनाव की बिसात बिछ गई है और अब उसकी बानगी भी देखने को मिलने लगी है। तारीखों की घोषणा अभी भले न हुई हो, लेकिन पॉलिटिकल हाइप अपने उफान पर है। इस बार सबसे ज्यादा जो चीज लाइम लाइट में है वो है बिहार में राजनीति की नेक्स्ट जनेरेशन।

कई युवा चेहरे इस बार मैदान में हैं, कुछ पर पार्टी का दारोमदार है तो कुछ अपनी विरासत बचाने के लिए दिन रात लगे हुए हैं तो कोई सीधे मुख्यमंत्री को चुनौती दे रहा है। आइए जानते इस नेक्स्ट जनरेशन के किरदारों और उनकी भूमिका के बारे में….

1. तेजस्वी यादव

31 साल के तेजस्वी बिहार के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 2015 विधानसभा चुनाव में राघोपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी।
31 साल के तेजस्वी बिहार के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 2015 विधानसभा चुनाव में राघोपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी।

राजद ने इस बार के चुनाव के लिए अपना नारा दिया है ‘तेज रफ्तार तेजस्वी सरकार’। इस नारे में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दोनों बेटों, तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव का नाम है। उम्र में तेज प्रताप बड़े हैं लेकिन सियासत में तेजस्वी ही राजद के उत्तराधिकारी हैं। पार्टी इस बार उनके नाम पर ही चुनाव लड़ रही है या यह कहिए कि विपक्ष के लिए भी तेजस्वी ही चेहरा हैं।

31 साल के तेजस्वी बिहार के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 2015 विधानसभा चुनाव में अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की और राघोपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। वही राघोपुर जहां से उनकी मां राबड़ी देवी और पिता लालू यादव विधायक रह चुके हैं।

हालांकि, वे ज्यादा दिन उपमुख्यमंत्री नहीं रह सके, महज 20 महीने बाद ही नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हो गए और तेजस्वी की कुर्सी छीन गई। अभी तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं।राजनीति में आने से पहले तेजस्वी यादव क्रिकेटर थे, वे आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम का हिस्सा रह चुके हैं, हालांकि उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था।

इस बात का जिक्र खुद उनके पिता लालू यादव ने संसद में किया था। तेजस्वी यादव को लेकर जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा होती है, खासकर उनके विरोधी जिसको लेकर तंज कसते हैं, वो है उनकी पढ़ाई। वे महज 9वीं तक पढ़े हैं यानी उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भी पूरी नहीं की है। दिल्ली के डीपीएस पब्लिक स्कूल से उनकी पढ़ाई हुई है।

कम पढ़े लिखे होने के बाद भी तेजस्वी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। हर मुद्दे पर मजबूती से अपनी बात रखते हैं और कई बार सरकार पर जमकर प्रहार भी करते हैं। वे सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं, फेसबुक और ट्विटर पर सरकार को घेरने से चूकते नहीं है। ट्विटर पर लोकप्रियता के मामले में वे कई बड़े नेताओं से काफी आगे हैं। 2.5 मिलियन से ज्यादा लोग उन्हें फॉलो करते हैं।

2. चिराग पासवान

चिराग ने 2014 में पहली बार जमुई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2019 में वे लगातार दूसरी बार सांसद बने।
चिराग ने 2014 में पहली बार जमुई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2019 में वे लगातार दूसरी बार सांसद बने।

बिहार की राजनीति में इस समय सबसे ज्यादा जिसकी चर्चा हो रही है वो हैं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान। वे जमुई से सांसद हैं। कंप्यूटर साइंस से इंजीनि‍यरिंग की पढ़ाई करने वाले चिराग बचपन से ही बॉलीवुड में करियर बनाना चाहते थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि राजनीति उनके रगों में है लेकिन उनका सपना पहले पर्दे पर करियर बनाने का है।

2011 में कंगना रनोट के साथ उन्होंने मिले न मिले हम फिल्म में काम किया था। हालांकि, पर्दे पर वे कुछ खास नहीं कर पाए और 2014 में अभिनेता से नेता की भूमिका में आ गए। 2014 में उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2019 में भी वे सांसद बने। हाल ही में उन्हें लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान मिली है।

चिराग की उम्र भले ही 37 साल है लेकिन राजनीति में वे बड़े ही सधे हुए खिलाड़ी की भूमिका में नजर आते हैं। हमेशा नाप तौल कर बोलते हैं, लेकिन कई बार एनडीए में रहते हुए भी खुलकर मतभेद जाहिर कर चुके हैं। अभी वे बिहार चुनाव में जुटे हैं, पिता की विरासत को बढ़ाने का दारोमदार उनके कंधे पर है, जिसकी डगर थोड़ी मुश्किल है।

क्योंकि, जिस वर्ग का प्रतिनिधित्व उनके पिता करते थे अब उस पर पार्टी की पकड़ कमजोर पड़ती जा रही है। पिछले कई चुनावों में लोजपा का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है। 2015 में तो महज दो सीटों पर ही उनकी पार्टी सिमट कर रह गई थी।

3. पुष्पम प्रिया चौधरी

पुष्पम बिहार के गांवों में घूम रही हैं और वोटरों को साधने में जुटी हैं। उनकी पार्टी के माडिया सेक्रेटरी के मुताबिक, वो सभी 38 जिलों का दौरा कर चुकी हैं।
पुष्पम बिहार के गांवों में घूम रही हैं और वोटरों को साधने में जुटी हैं। उनकी पार्टी के माडिया सेक्रेटरी के मुताबिक, वो सभी 38 जिलों का दौरा कर चुकी हैं।

इस साल मार्च के महीने में बिहार के अखबारों में एक पॉलिटिकल विज्ञापन छपा, जिसमें एक लड़की ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए खुद को सीएम कैंडिडेट डिक्लेयर किया था। वो लड़की कोई और नहीं बल्कि पुष्पम प्रिया चौधरी थीं, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही हैं।

स्टाइलिश लुक, फर्राटेदार अंग्रेजी और मैथिली बोलने वाली पुष्पम प्रिया बिहार के दरभंगा जिले से ताल्लुक रखती हैं। वो जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और विधान परिषद के सदस्य रह चुके विनोद चौधरी की बेटी हैं। उन्होंने ब्रिटेन के मशहूर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है।

पुष्पम ने प्लूरल्स नाम से अपनी पार्टी बनाई है। इस बार उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी। कई सीटों पर कैंडिडेट्स के नाम डिक्लेयर भी कर दिए गए हैं। अभी वो बिहार के गांवों में घूम रही हैं और वोटरों को साधने में जुटी हैं। पलूरल्स के मीडिया सेक्रेटरी के मुताबिक पुष्पम सभी 38 जिलों का दौरा कर चुकी हैं, कई जिलों में वो एक से ज्यादा बार जा चुकी हैं।

4. तेज प्रताप यादव

अध्यात्म में उनकी विशेष रुचि है, वे इस्कॉन टेंपल से भी जुड़े हैं। कई बार वे भगवान कृष्ण और शंकर जी का भेष धारण कर समाचारों में सुर्खियां बटोर चुके हैं।
अध्यात्म में उनकी विशेष रुचि है, वे इस्कॉन टेंपल से भी जुड़े हैं। कई बार वे भगवान कृष्ण और शंकर जी का भेष धारण कर समाचारों में सुर्खियां बटोर चुके हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव महुआ से विधायक हैं। इससे पहले वे स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने अपने भाई तेजस्वी यादव के साथ ही 2015 में पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की थी। वे अक्सर अपनी एक्टिविटीज और बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। अध्यात्म में उनकी विशेष रुचि है, वे इस्कॉन टेंपल से भी जुड़े हैं।

कई बार वे भगवान कृष्ण और शंकर जी का भेष धारण कर समाचारों में सुर्खियां बटोर चुके हैं। 32 साल के तेज प्रताप की एजुकेशन को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की है। बैचलर में दाखिला लिया जरूर था, लेकिन पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए। 2015 में एक शब्द का सही उच्चारण नहीं करने पर उन्हें दोबारा शपथ लेनी पड़ी थी।

तेज प्रताप यादव को लेकर सबसे बड़ा विवाद उनकी शादी के बाद शुरू हुआ। 2018 में उनकी शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय की पोती और पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या से हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही दोनों में अनबन की खबरें सामने आने लगीं। इसके बाद तेज प्रताप ने तलाक के लिए कोर्ट में अप्लाई कर दिया। कई लोगों ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। फिलहाल मामला कोर्ट में है।

5. ऐश्वर्या राय
ऐश्वर्या राय का नाम आते ही जेहन में एक मशहूर अदाकारा की छवि उभरती है। हालांकि, हम जिस ऐश्वर्या राय के बारे में जिक्र कर रहे हैं वो अभिनेत्री तो नहीं लेकिन, एक अपकमिंग नेत्री जरूर हैं। इनकी शोहरत भी कम नहीं है। 27 साल की ऐश्वर्या बिहार सरकार के पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और एमिटी यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है।

2018 में तेज प्रताप यादव से उनकी शादी हुई, लेकिन ज्यादा दिन तक दोनों साथ नहीं रह सके। फिलहाल दोनों के तलाक का पेपर कोर्ट में लंबित है। लेकिन, पॉलिटिकली दोनों के रास्ते अलग हो गए हैं। इस बार वो अपने पति के खिलाफ जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही है।

 

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