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बातचीत की आड़ में धोखा दे रहा चीन? देखें बॉर्डर पर साजिश के नए सबूत

भारत और चीन के बीच बिगड़ते हालात में चीन की ओर से और आग डाली जा रही है. बॉर्डर पर बातचीत के बहाने चीन अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ाने में लग गया है.

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भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. दोनों देशों की सेनाएं बातचीत के जरिए विवाद को खत्म करने में लगी हुई हैं, लेकिन चीन लगातार अपनी नापाक हरकत को अंजाम देने में जुट जाता है. लद्दाख बॉर्डर पर गलवान घाटी और पैंगोंग लेक से जो ताजा सैटेलाइट की तस्वीरें आई हैं, वो चीन की नई साजिश का भांडा फोड़ देती हैं.सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पैंगोंग लेक का क्षेत्र अभी तनाव का केंद्र बना हुआ है. एलएसी के बाकी इलाकों में हालात भारत के काबू में हैं. दो दिन के लद्दाख दौरे में भारत-चीन तनाव के संदर्भ में सेना की तैयारियों का जायजा लेकर सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे दिल्ली रवाना हो चुके हैं.

दरअसल, 15 जून की रात धोखे से भारतीय जवानों पर वार करने के बाद चीन साजिश रच रहा है लेकिन भारतीय जवानों के शौर्य के आगे उसके कदम अब ठिठकने लगे हैं. दो दिन के लद्दाख दौरे में आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने खुद दिखा दिया कि किस तरह देश का सर्वोच्च कमांडर तनाव के ऐसे नाजुक मौकों पर भी फ्रंट पर जाने से नहीं हिचकता.

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लद्दाख की गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद चीन ने एलएसी पर पैंगोंग लेक में तनाव का दूसरा मोर्चा खोल दिया है. गलवान के झगड़े के बाद चीनी सैनिकों ने पैंगोंग लेक में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है, हालांकि उनके किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए उसी तादाद में भारतीय सैनिक भी मौजूद हैं. राहत की बात ये है कि 15 जून के बाद से कोई टकराव नहीं हुआ है.

<img class=”i-amphtml-blurry-placeholder” src=”data:;base64,लद्दाख: बातचीत की आड़ में धोखा दे रहा चीन? देखें बॉर्डर पर साजिश के सबूत
सैटेलाइट तस्वीरों ने खोली चीन की पोल

सामरिक दृष्टि से पैंगोंग लेक काफी महत्वपूर्ण है. ये झील आठ फिंगर्स में विभाजित है, परंपरागत रूप से फिंगर वन से फोर तक भारत का नियंत्रण रहा है लेकिन फिंगर फोर से 8 के इलाके को लेकर टकराव है.

15 जून के सबक के बाद भी चीन चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है. वो बातचीत की आड़ में लगातार एलएसी पर सैनिकों की मौजूदगी बढ़ा रहा है, सैटेलाइट इमेज से इसकी पुष्टि हो रही है.

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चीन की नई चालबाजी का सबूत सामने आ गया है. उसकी नजर अब दौलत बेग ओल्डी पर है, जून में चीनी सेना का जमावड़ा यहां बढ़ा है. चीन ने यहां नए कैंप और वाहनों के लिए ट्रैक बनाए हैं.

चीन की साजिश की बड़ी बातें..

• चीन की नजर काराकोरम दर्रे पर लगी है

• कारोकोरम में घुसपैठ करने में चीन लगा है

• चीन भारतीय सेना को पैट्रोलिंग करने से रोक रहा है

• पैट्रोलिंग प्वाइंट 10 और 13 पर चीन रुकावट डालने में लगा है

• चीन दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) और देपसांग सेक्टरों में नया मोर्चा खोल सकता है

आपको बता दें कि ये इलाका दौलत बेग ओल्डी से जुड़ता है, जहां भारतीय सेना का कैंप है. चीन का सीधा मकसद दौलत बेग ओल्डी में भारत के लिए मुश्किलें खड़ा करना है. सूत्रों की मानें, तो चीन एलएसी के करीब पैट्रोलिंग प्वाइंट 15, 17 और 17 ए की तरफ बढ़ रहा है. यहां सड़क के जरिए वो भारी वाहन और जवानों का जमावड़ा कर रहा है, फिंगर 4 और इससे जुड़े इलाकों में भी चीन जवानों की तैनाती बढ़ाने में लगा है.

सूत्रों की मानें, तो चीन ने पीछे के इलाकों में सुखोई लड़ाकू विमानों की भी तैनाती कर रखी है. मतलब साफ है कि चीन विवाद सुलझाने का दिखावा कर रहा है, जवानों की वापसी की जगह वो तैनाती बढ़ाने में लगा है. जहां एक हफ्ते पहले तक सबकुछ साफ था अब वहां पर भी चीनी टैंट दिखाई पड़ रहे हैं.

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