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परीक्षा पर कोरोना भारी:CBSE के बाद ICSE की 10वीं-12वीं की परीक्षाएं टलीं; नई तारीखों पर फैसला जून के पहले हफ्ते में होगा

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देश में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच CBSE के बाद अब काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने भी ISCE (10वीं) और ISC (12वीं) की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। बोर्ड के मुताबिक परीक्षा की नई तारीख पर जून के पहले हफ्ते में फैसला लिया जाएगा।

10वीं के स्टूडेंट्स के लिए वैकल्पिक होगी परीक्षा
CISCE के मुख्य कार्यकारी और सचिव गेरी एराथून ने बताया कि 12वीं की परीक्षा बाद में कराई जाएगी। वहीं, 10वीं के स्टूडेंट्स के लिए परीक्षा वैकल्पिक होगी। 10वीं के जो छात्र परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते हैं, उनका रिजल्ट CISCE एक क्राइटेरिया के आधार पर तय करेगा। इस साल 10वीं-12वीं के थ्योरी एग्जाम 4 मई 2021 से शुरू होने थे।

CBSE की परीक्षाएं स्थगित
इससे पहले केंद्र सरकार ने CBSE की 10वीं की परीक्षा रद्द कर दी थी। इसके पेपर 4 मई से शुरू होने वाले थे। 12वीं की परीक्षा भी टाल दी गई है। सरकार 1 जून को 12वीं की परीक्षा पर फैसला करेगी। अगर एग्जाम कराने का फैसला हुआ भी तो यह 15 जून के बाद ही होगी।

स्टेट बोर्ड ने भी स्थगित की परीक्षा
इसके अलावा तेलंगाना, हरियाणा, ओडिशा, यूपी, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, एमपी समेत कई राज्य बोर्ड ने भी कोरोना के कारण अपनी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। हरियाणा बोर्ड ने सीबीएसई की तरह 10वीं की परीक्षा रद्द कर इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट निकालने का फैसला किया है। पंजाब ने 5वीं, 8वीं और 10वीं की परीक्षा नहीं लेने का फैसला किया है।

क्या हैं CBSE और CISCE बोर्ड

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) भारत सरकार के अधीन कार्य करने वाला शिक्षा बोर्ड है, वह जिसका मकसद पब्लिक और प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा को बढ़ावा देना है। CBSE एफिलिएटिड स्कूलों में केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय और प्राइवेट स्कूल शामिल हैं। वहीं, ICSE बोर्ड की बात करें तो यह नेशनल लेवल का एक प्राइवेट एजुकेशन बोर्ड है, जिसकी स्थापना साल 1958 में ‘द काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन’ (CISCE) के तौर पर की गई थी।

CBSE और CISCE बोर्ड में अंतर

एक्सपर्ट रूपिंदर सिंह सरसुआ MD E-school के मुताबिक CBSE की तुलना में ICSE का सिलेबस काफी ज्यादा होता है। CBSE बोर्ड में जहां बच्चे को हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में पढ़ाई का अवसर मिलता है। वहीं, ICSE बोर्ड में सिर्फ इंग्लिश मीडियम में ही पढ़ाई कराई जाती है।

इसके अलावा CBSE बोर्ड में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को देश में होने वाले ज्यादातर इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में फायदा मिलता है। दरअसल, CBSE बोर्ड में पढ़ाई जाने वाली NCERT सिलेबस के आधार पर NEET, JEE Main, UPSEE, WBJEE जैसी परीक्षाओं में सवाल पूछे जाते हैं।

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