दर्शकों को जल्द देखने मिलेंगे धारावाहिक के नए एपिसोड, बीमा, भुगतान अवधि में कटौती समेत कई निर्देशों में IFTPC ने जताई सहमति
एफडब्ल्यूआईसीई,आईएफटीपीसी और सिंटा की एक बैठक आयोजित कर फिल्म और टीवी सीरियल की शूटिंग से संबंधित समस्याओं पर विचार किया गया और जल्द से जल्द शूटिंग शुरू करने पर सहमति हुई। इन तीनों संस्थाओं की बुधवार को वर्चुअल मीटिंग बुलाई गई थी। इस बैठक में आईएफटीपीसी ने फिल्म और टीवी निर्माण से जुड़े कर्मचारियों के लिए दो तरह की बीमा मुहैया करवाने पर सहमति व्यक्त की।
कर्मचारियों का बीमा करवाना अनिवार्य
कोविड 19 से मौत की स्थिति में 25 लाख रुपए और अस्पताल में इलाज के लिए 2 लाख रूपये बीमा का समावेश होगा। इसके आलावा आईएफटीपीसी ने आश्वासन दिया कि शूटिंग के दौरान कोविड 19 के संक्रमण को रोकने के लिए जो दिशा निर्देश सरकार ने दिए उसका पूरी तरह से पालन किया जाएगा।
भुगतान अवधि में हुई कटौती
कर्मचारियों के भुगतान की समय सीमा को 90 दिन से कम करके 30 दिन किए जाने पर सहमति हुई। बैठक के दौरान आपसी सहमति से सभी समस्याओं को सुलझाने पर सहमति बनी ताकि जल्द से जल्द शूटिंग शुरू हो सके।
बैठक में आईएफटीपीसी ने सिंटा और एफडब्ल्यूआईसीई के योगदान की सराहना की और फिल्म और टीवी निर्माण से जुड़े कलाकारों, कर्मचारियों के हित के लिए किए गए कार्यों को याद किया। बैठक के बाद घोषणा की गई कि जल्द से जल्द फिल्म और टीवी सीरियल्स की शूटिंग शुरू होगी जिससे लोग अपने-अपने घरों में नए धारावाहिको का आनंद ले सकेंगे।
बैठक में एफडब्ल्यूआईसीई के प्रेसिडेंट बीएन तिवारी,जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे, ट्रेजरार गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव, टीवी और वेब के चेयरमैन जेडी मजीठिया, आईएफटीपीसी के नितिन वैद्य ,श्यामाशीष भट्टाचार्य और सिंटा के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मनोज जोशी,वाइस प्रेसिडेंट दर्शन जरीवाला, सीनियर ज्वॉइन्ट सेक्रेटरी अमित बहल और कार्यकारी समिति के सदस्य संजय भाटिया आदि उपस्थित रहे।
आईएफटीपीसी के प्रेसिडेंट साजिद नाडियाडवाला, सिंटा और एफडब्ल्यूआईसीई ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, सांस्कृतिक मामलों के मंत्री अमित देशमुख ,सांस्कृतिक मामलों के सचिव डॉ संजय मुखर्जी और आदेश बांदेकर का उनके सहयोग के लिए आभार प्रकट किया गया।
तीन महीनों बाद फिर हो सकते हैं बदलाव
इस बैठक में यह तय किया गया कि तीन महीने बाद फिर से पूरी स्थिति की समीक्षा की जाएगी और अगर किसी कंडीशन में बदलाव की जरूरत हुई तो आपसी सहमति से उसपर विचार किया जाएगा।