Newsportal

टेक्स्ट मैसेज से बेहतर है वाॅइस कॉल:रिसर्च में दावा- चैट से सोशल बॉन्डिंग कमजोर होती है, जानिए क्यों बोलकर बात जरूरी है

0 211

आप अपने दोस्तों, परिवारवालों और ऑफिस कलीग्स से टेक्स्ट मैसेज में बात करते हैं या फोन कॉल पर? रिसर्च में पाया गया है कि हम किसी से बोलकर बात करने के बजाय लिखकर ज्यादा बात कर रहे हैं। यानी हम अपने स्मार्टफोन और लैपटॉप का इस्तेमाल भी मेल भेजने और मैसेज के लिए ही कर रहे हैं। हम वीडियो या वॉइस कॉल कम कर रहे हैं। जिसके हमारी सोशल बॉन्डिंग कमजोर हो रही है।

यह रिसर्च अमेरिकी वैज्ञानिकों ने की है। उनका कहना है कि कोरोना के चलते जो लोग घर से काम कर रहे हैं, उनके लिए किसी दोस्त का एक फोन कॉल लोगों से जुड़ा हुआ महसूस कराने के लिए काफी है।

वैज्ञानिकों ने रिसर्च में कुछ लोगों को उनके पुराने साथियों से फोन या मेल के जरिए कनेक्ट होने को कहा। कुछ लोगों को वीडियो कॉल, टेक्स्ट मैसेज और वॉइस चैट से कनेक्ट होने को कहा। इसमें पाया कि लोग एक-दूसरे से बात करके ज्यादा जुड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं। यहां तक जो लोग सिर्फ वॉइस चैट से जुड़े, उन्हें भी साथियों के साथ बॉन्डिंग नजर आया।

लोगों में झिझक की कोई खास वजह नहीं

  • रिसर्च में यह भी पाया गया है कि लोग बोलकर बात करने में पीछे हटते हैं। उसकी जगह मेल या टेक्स्ट प्लेटफॉर्म का यूज करना चाहते हैं। लोगों को लगता है कि बोलकर बात करना भद्दा लग सकता है या फिर उन्हें गलत समझा जा सकता है।
  • मैककॉम्ब्स बिजनेस स्कूल में असिस्टेंट प्रोफेसर अमित कुमार कहते हैं कि लोग आवाज वाले मीडियम से ज्यादा कनेक्ट महसूस करते हैं, लेकिन लोगों के अंदर भद्दा लगने और गलत महसूस किए जाने का डर भी होता है। इसके चलते लोग टेक्स्ट ज्यादा भेज रहे हैं। आज हम सोशल डिस्टेंसिंग भले बरत रहे हैं, लेकिन हमें सोशल बॉन्डिंग की भी जरूरत है।

कोरोना के बाद लोगों की सोशल बॉन्डिंग कम हुई

अमेरिकी लेबर सप्लाई कंपनी ऐडको ने 8 हजार वर्कर्स में वर्क-फ्रॉम होम को लेकर सर्वे किया। इसके मुताबिक, हर 5 में से 4 लोग घर से काम करना चाहते हैं। हालांकि, घर से काम करने में कम्यूनिकेशन गैप बढ़ गया है और लोग अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम से लोगों का फेस-टू-फेस बात करने का समय भी कम हो गया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.