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चीन से निपटने की तैयारी :ताइवान ने दक्षिण चीन सागर में पांच दिन की मिलिट्री ड्रिल शुरू की, चीन की मिसाइलों को मार गिराने पर फोकस

ताइवान ने अपने दो पोतों और एक पनडुब्बी को भी दक्षिण चीन सागर में तैनात किया, हेलिकॉप्टर्स के जरिए पूरे इलाके पर नजर ताइवान ने चियाशान एयरबेस पर मिराज 2000, एफ-16 और पी-3 सी एंटी सबमरीन फाइटर एयरक्राफ्ट तैनात किए

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ताइवान के सैनिक इसी हफ्ते ताइचुंग में हुए मिलिट्री ड्रिल के दौरान 155 एमएम हॉवित्जर तोप चलाते हुए। ताइवान ने दक्षिण चीन सागर में किसी भी हमले से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी है।-फाइल फोटो

 

दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दखलअंदाजी के बीच ताइवान ने पांच दिन की मिलिट्री ड्रिल ‘हान कुआंग’शुरू की। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, इसमें चीन की मिसाइलों को मार गिराने पर फोकस किया जाएगा। ताइवान के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हुआंग शु-कुआंग ने सोमवार को ताइपेई स्थित कमांड सेंटर से ड्रिल शुरू करने के आदेश जारी किए थे।

ताइवान के मिलिट्री सूत्रों के मुताबिक, पहले दिन ताइवान के कमांड सेंटर्स, एयरपोर्ट और मिलिट्री बेस को चीनी सेना की मिसाइलों से बचाने का अभ्यास किया गया। एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि हम चीन के हमले से निपटने की अपनी तैयारियां परख रहे हैं।

सबमरीन और वॉरशिप भी तैनात 

ताइवान ने अपने दो पोतों और एक पनडुब्बी को भी दक्षिण चीन सागर में तैनात किया है। अमेरिका से मिले स्पाय और अटैक हेलिकॉप्टर्स की मदद से भी चीनी सेना हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। साउथ चाइना सी के बाद ताइवान अपने पूर्वी तट पर हुआलिन में मौजूद चियाशान एयरबेस पर भी मिलिट्री ड्रिल करने जा रहा है। यहां मिराज 2000, एफ-16 फाइटर जेट और पी-3 सी एंटी सबमरीन फाइटर जेट तैनात किए जा चुके हैं।

ताइवान की सेना के मुताबिक, इन फाइटर जेट्स को यहां तब तक रखा जाएगा, जब तक चीन के हमले का खतरा है। इस बेस पर सी-130 ट्रांसपोर्ट प्लेन की मदद से जरूरी हथियार और सैनिक भी भेजे गए हैं। अमेरिका और ताइवान को आशंका है कि चीन साउथ चाइना सी से ध्यान हटाने के लिए इस इलाके में हमला कर सकता है।

चीन ताइवान पर हमले की धमकी देता रहा है
चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान पर हमले की धमकी देती रही है। चीन के विरोध के कारण ही ताइवान कभी वर्ल्ड हेल्थ असेंबली और डब्ल्यूएचओ का हिस्सा नहीं बन पाया। चीन की शर्त थी कि असेंबली में जाने के लिए ताइवान को वन चाइना पॉलिसी को मानना होगा, लेकिन ताइवान ने शर्त ठुकरा दी थी। ताइवान में जबसे डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी सत्ता में आई है तबसे चीन से रिश्ते ज्यादा खराब हुए। चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। अपने कई वॉरशिप तैनात किए हैं।

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