क्रिकेट से लेकर फुटबॉल तक हर खेल में प्लेयर्स के मिलकर जश्न मनाने पर रोक, स्टेडियम में हौसला बढ़ाते नजर आ रहे बेजान पुतले
कोरोनावायरस ने खेल के नियम बदल दिए हैं। क्रिकेट हो या फुटबॉल, अब सभी खेलों में प्लेयर्स मिलकर जश्न नहीं मना पाएंगे, क्योंकि उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग रखनी होगी। ज्यादातर टूर्नामेंट की शुरुआत अब बगैर दर्शकों के ही हो रही है।
13 मार्च को आखिरी इंटरनेशनल क्रिकेट मैच हुआ था
कोरोना का पहला मामला 31 दिसंबर 2019 को चीन के वुहान से सामने आया था। खेल पर इसका असर मार्च से शुरू हुआ। 13 मार्च को सिडनी में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड के बीच आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला गया था। वहीं, यूरोप में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी फुटबॉल लीग ला लिगा का आखिरी मैच 11 मार्च को हुआ था। ला लिगा 11 जून से फिर शुरू हो गई है।
विंबलडन रद्द और यूएस-फ्रेंच ओपन होना तय नहीं
इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी 8 जुलाई को इंग्लैंड में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच से हो रही है। कोरोना के कारण टेनिस में सबसे बड़े ग्रैंड स्लैम विंबलडन को रद्द कर दिया गया। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार यह टूर्नामेंट रद्द हुआ है। 24 अगस्त से यूएस ओपन और 20 सितंबर से होने वाले फ्रेंच ओपन पर खतरा मंडरा रहा है।
क्रिकेट में नए नियम
- इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने बॉल चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल को बैन कर दिया है। हर टीम को एक पारी में 2 बार वॉर्निंग दी जाएगी। तीसरी बार में पेनाल्टी के तौर पर बैटिंग करने वाली टीम के खाते में 5 रन जोड़ दिए जाएंगे।
- सभी क्रिकेट बोर्ड को कोरोना की वजह से आर्थिक नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई के लिए टेस्ट में खिलाड़ियों की जर्सी और स्वेटर के अगले हिस्से पर 32 इंच के लोगो (विज्ञापन) लगाने की मंजूरी दी गई है।
- पहले सिर्फ वनडे और टी-20 में ही खिलाड़ियों को जर्सी के अगले हिस्से पर ऐसा करने की इजाजत थी।
- टेस्ट में कोरोना कन्कशन भी होगा। यानी 5 दिन के मैच में किसी खिलाड़ी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उसकी जगह सब्स्टीट्यूट को मैदान पर उतारा जा सकता है। नियम के मुताबिक, बैट्समैन की जगह बैट्समैन ही टीम में आएगा। बॉलर के मामले में भी ऐसा ही होगा। संक्रमित खिलाड़ी की जगह कौन लेगा, इसका फैसला मैच रैफरी करेगा।
- अब दो देशों के बीच होने वाली सीरीज में दोनों फील्ड अंपायर और मैच रैफरी घरेलू ही होंगे। पहले घरेलू सीरीज में न्यूट्रल अंपायरों (विदेशी) को रखा जाता था।