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कोरोना देश में LIVE:कुल संक्रमितों में दिल्ली तीसरे नंबर पर, लेकिन टॉप-10 राज्यों में अब यहां सबसे कम करीब 11 हजार एक्टिव केस; देश में 15.33 लाख मामले

मुंबई में सीरो सर्वे हुआ, यहां की झुग्गी बस्तियों में 57% लोगों के संक्रमित होने के सबूत मिले देश में बीते 24 घंटे में 49 हजार 632 संक्रमित मिले, 35 हजार 484 ठीक हुए मरने वालों का आंकड़ा 34 हजार के पार, 9 लाख 88 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हुए

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देश में अब तक 15 लाख 33 हजार 936 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 49 हजार 632 मरीज बढ़े। 35 हजार 484 लोग ठीक भी हुए। 770 की मौत हुई। अब तक 9 लाख 88 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं, 34 हजार 200 से ज्यादा की मौत हाे चुकी है। 5 लाख 8 हजार से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं, यानी इनका इलाज चल रहा है।

दिल्ली में कोरोना के अब तक 1 लाख 32 हजार 275 केस आए हैं। संक्रमण के मामले में दिल्ली तीसरे नंबर पर है, लेकिन टॉप-10 राज्यों में यहां सबसे कम 10 हजार 887 एक्टिव केस हैं। यहां सबसे ज्यादा 28 हजार 329 एक्टिव केस 27 जून को थे।

मुंबई की झुग्गी बस्तियों में 57% कोरोना संक्रमित
दिल्ली के बाद मुंबई में भी सीरो सर्वे हुआ है। इससे पता चला है कि शहर की झुग्गी बस्तियों में 57% लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। सीरो सर्वे में व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। अगर एंटीबॉडी मिलती हैं तो इसका मतलब कि वे या तो संक्रमित हैं या संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं। मुंबई की गैर झुग्गी बस्तियों में 16% लोगों में एंटीबॉडी मिली हैं।

LIVE UPDATES…

  • देश में मंगलवार को एक्टिव केसों की संख्या 5 लाख के पार हो गई। इनमें 8 हजार 944 की हालत गंभीर है।
  • मध्य प्रदेश में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उनकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
  • पश्चिम बंगाल में हफ्ते में 2 दिन का लॉकडाउन 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन सरकार ने कहा है कि 1 अगस्त को बकरीद पर लॉकडाउन नहीं रहेगा।

5 राज्यों का हाल

मध्य प्रदेश: राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उनकी पत्नी की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। भाजपा के संगठन महामंत्री सुहास भगत और भोपाल-ग्वालियर के संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी भी संक्रमित पाए गए हैं। राज्य में बीते 24 घंटे में 628 नए मामले सामने आए। इसी के साथ संक्रमितों की संख्या अब 29 हजार 217 हो गई है। इनमें 20 हजार 343 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 830 मरीजों की मौत हो चुकी है।

महाराष्ट्र: बीते 24 घंटे में 7,717 नए मामले सामने आए। 282 लोगों की मौत हुई और 10 हजार 333 मरीज ठीक हो गए। मुंबई में मंगलवार को 717 नए मामले सामने आए, जो करीब 3 महीने में किसी एक दिन में मिले संक्रमितों की सबसे कम संख्या है। यहां मंगलवार को इस महामारी से 55 लोगों की मौत हो गई है। शहर में डबलिंग रेट अब बढ़कर 68 दिन और रिकवरी रेट 73% हो गया है।

राजस्थान: यहां बीते 24 घंटे में 1072 संक्रमित मिले। 11 की मौत हुई और 483 मरीज ठीक हो गए। इस बीमारी से अब तक जयपुर में 183 लोगों की मौत हो चुकी है। जोधपुर में 81, भरतपुर में 53, अजमेर में 38, बीकानेर में 34, कोटा में 33, पाली में 27, नागौर में 23 और धौलपुर में 15 मरीजों ने दम तोड़ा है। यहां अन्य राज्यों के 35 रोगियों की मौत हुई है।

बिहार: यहां मंगलवार को 2,480 संक्रमित मिले। 14 संक्रमितों की मौत हुई है और 1,376 ठीक हो गए। राज्य में कोरोना संक्रमण के अब तक 43,591 केस आ चुके हैं। 269 की मौत हो चुकी है और 29,220 ठीक हो चुके हैं।

उत्तर प्रदेश: यहां बीते 24 घंटे में कोरोना के 3 हजार 458 नए मामले सामने आए। इसी के साथ संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 73,951 हो गया है। इनमें 44,520 लोग ठीक भी हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 41 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की संख्या अब 1,497 हो चुकी है।

कोरोना 15 लाख के पार:देश के लिए यह लड़ाई मुश्किल क्योंकि महज 36% परिवारों में लोग खाने से पहले साबुन से हाथ धोते हैं, एक किमी के दायरे में 450 से ज्यादा लोग रहते हैं

  • कोरोना से बचने के लिए कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोना चाहिए, लेकिन देश में 48.3% के पास पानी की सुविधा ही नहीं
  • एनएसएसओ के सर्वे के मुताबिक, अभी भी देश में 13.4% परिवार ऐसे हैं, जहां शौच के बाद सिर्फ पानी से ही हाथ धोए जाते हैं
  • 20% से ज्यादा परिवार खुले मैं शौच करने को मजबूर, चीन की रिसर्च बताती है शौच से भी वायरस हवा में फैल सकता है

देश में कोरोनावायरस के मामले 15 लाख के पार हो गए हैं। एक्टिव केसेस की संख्या भी 5 लाख के ऊपर हो गई है। हालांकि, राहत वाली बात ये है कि हमारे यहां कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। चिंता जताई जा रही है कि आने वाले समय में देश में संक्रमण की रफ्तार और तेज होगी।

ऐसे में सवाल यही है कि आखिर सारे उपाय आजमाने के बाद भी कोरोना पर काबू पाना मुश्किल क्यों हो रहा है? इसके 5 संभावित कारण ये हो सकते हैं…

1. पॉपुलेशन डेंसिटीः हर 1 किमी के दायरे में 450 से ज्यादा लोग
देश की आबादी है 137 करोड़ से भी ज्यादा। सबसे ज्यादा आबादी के मामले में हम चीन के बाद दूसरे नंबर पर हैं। लेकिन, पॉपुलेशन डेंसिटी के मामले में हम चीन और पाकिस्तान से भी आगे हैं। वर्ल्ड बैंक के आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश में हर 1 किमी के दायरे में 455 लोग रहते हैं। जबकि, चीन में ये आंकड़ा 148 और पाकिस्तान में 275 का है।

खतरा क्यों : एक कोरोना संक्रमित महीनेभर में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है।

2. परिवार: देश में हर घर में औसतन 4 लोग से ज्यादा रहते हैं
2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में 70% से ज्यादा परिवार ऐसे हैं, जहां 4 से ज्यादा लोग रहते हैं। जबकि, एनएसएसओ का सर्वे बताता है कि देश में हर घर में औसतन 4.3 लोग रहते हैं। शहरी इलाकों में यही औसत 3.9 का है और ग्रामीण इलाकों में 4.5 का। यूपी-बिहार जैसे राज्यों में तो ये औसत 5 से ज्यादा का है।

इतना ही नहीं, ज्यादातर भारतीय परिवारों में तीन से चार पीढ़ियां तक साथ-साथ रहती हैं।

खतरा क्यों : अगर एक भी व्यक्ति संक्रमित हुआ, तो पूरा परिवार संक्रमित हो सकता है।

3. पानी की सुविधाः 48.3% परिवारों के पास पीने के पानी की सुविधा नहीं
कोरोनावायरस से बचने के लिए अभी सबसे ज्यादा जिस बात पर जोर दिया जा रहा है, वो है बार-बार हाथ धोना। डब्ल्यूएचओ और सरकार की तरफ से यही कहा जा रहा है कि कोरोना से बचने के लिए दिन में कम से कम 20 सेकंड तक 10 बार हाथ जरूर धोएं।

अगर दिनभर में 20 सेकंड तक 10 बार हाथ धोएं, तो हर बार हाथ धोने के लिए 2 लीटर पानी चाहिए। मतलब दिनभर में 20 लीटर। इस तरह 4 लोगों के एक परिवार को दिन में 10 बार हाथ धोने के लिए 80 लीटर पानी चाहिए। लेकिन, सच तो ये है कि देश के 48% से ज्यादा परिवारों के पास पीने के पानी की सुविधा नहीं है, तो हाथ धोने के लिए पानी कहां से लाएंगे?

नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस यानी एनएसएसओ के 2018 में हुए सर्वे में सामने आया था कि देशभर में 51.7% परिवारों तक ही पीने के पानी की सीधी पहुंच है। यानी, इन परिवारों के घरों तक पानी आ रहा है। इस हिसाब से 48.3% परिवारों के पास घर तक पानी ही नहीं आता। इसका मतलब यही हुआ कि इन्हें पानी के लिए ट्यूबवेल, हैंडपंप, कुएं, वॉटर टैंकर के भरोसे रहना पड़ता है।

खतरा क्यों : हैंडपंप, कुएं में पानी भरते समय सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा जाता।

4. शौचालयः 20% से ज्यादा परिवारों के पास शौचालय की कोई सुविधा नहीं
हमारे देश में न सिर्फ पानी की, बल्कि शौचालयों की भी कमी है। एनएसएसओ का सर्वे बताता है कि देश में 20.2% परिवार ऐसे हैं, जिनके पास शौचालय की कोई सुविधा ही नहीं है। यानी एक तरह से ऐसे लोग आज भी खुले में ही शौच करने को मजबूर हैं।

एनएसएसओ के मुताबिक, 68.1% परिवारों तक ही शौचालय की पहुंच है। यानी इन परिवारों में घर में ही शौचालय है। जबकि, 11.2% परिवार पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं।

खतरा क्यों : चीन की एक रिसर्च बताती है कि शौच के जरिए भी वायरस हवा में फैल सकता है।

5. हाथ धोने की आदतः 36% परिवारों में लोग खाने से पहले साबुन या डिटर्जेंट से हाथ धोते हैं
एनएसएसओ के सर्वे के मुताबिक, देश के सिर्फ 35.8% परिवार ही ऐसे हैं, जहां खाना खाने से पहले हाथ धोने के लिए साबुन या डिटर्जेंट का इस्तेमाल होता है। जबकि, 60.4% परिवार ऐसे हैं, जहां खाने से पहले सिर्फ पानी से ही हाथ धो लिए जाते हैं।

इसी तरह से 74% से कुछ ज्यादा ही परिवार ऐसे हैं, जहां शौच के बाद साबुन या डिटर्जेंट से हाथ धोए जाते हैं। आज भी 13% से ज्यादा परिवारों में शौच के बाद सिर्फ पानी से ही हाथ धुलते हैं।

खतरा क्यों : रिसर्च कहती है कि साबुन से हाथ धोकर संक्रमण का खतरा 90% तक कम हो सकता है।

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