Newsportal

कोरोना के मरीजों को सस्ता लोन:SBI पर्सनल लोन 8.5% ब्याज पर देगा, 5 लाख रुपए तक का मिलेगा कर्ज

यह कर्ज उन लोगों की मदद करेगा जो कोरोना के संकट से जूझ रहे हैं इसे कवच पर्सनल लोन का नाम दिया है। इसमें कोरोना के इलाज का खर्च कवर होगा

0 123

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कोरोना मरीजों के लिए बड़ी घोषणा की है। इस बैंक ने कहा है कि वह कोरोना मरीजों को महज 8.5% ब्याज की दर पर कर्ज देगा। इसके तहत 5 लाख रुपए तक का कर्ज दिया जाएगा। इस लोन पर किसी तरह की गारंटी भी नहीं लगेगी।

60 महीनों तक के लिए मिलेगा लोन

बैंक ने एक प्रेस बयान में बताया कि 5 लाख रुपए तक का कर्ज 60 महीनों यानी पांच साल तक के लिए मिलेगा। इस पर 8.5% की दर से ब्याज चुकाना होगा। इस समय ब्याज की दर ऐतिहासिक रुप से निचले स्तर पर हैं। होम लोन इस समय 6.70% की दर से मिल रहा है। ऐसे में बैंक ने कोरोना मरीजों के लिए इस तरह का लोन लांच कर दिया है।

पर्सनल लोन काफी महंगे होते हैं

अमूमन पर्सनल लोन सबसे महंगे लोन होते हैं। इसके तहत 12-20% तक सालाना ब्याज दर ली जाती है। पर SBI ने इसे सबसे सस्ते दर पर लांच किया है। बैंक ने कहा कि कोविड के इलाज से संबंधित खर्चों के कारण लोगों के पास फाइनेंशियल समस्या खड़ी हो गई है। इसलिए बैंक ने गारंटी मुक्त कर्ज को लांच किया है। इसे बैंक ने कवच पर्सनल लोन का नाम दिया है। इस लोन में कोरोना के इलाज के खर्च को कवर किया जाएगा।

पूरे परिवार को कवर किया जाएगा

बैंक ने कहा कि इसके तहत जो लोन लेगा उसके साथ उसके पूरे परिवार को भी कवर किया जाएगा। इसे चेयरमैन दिनेश खारा ने लांच किया। इसमें तीन महीने का मोरेटोरियम भी शामिल है। दिनेश खारा ने कहा कि यह कर्ज उन लोगों की मदद करेगा जो कोरोना के संकट से जूझ रहे हैं। हमारा मानना है कि यह नई स्कीम लोगों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगी।

कोरोना के मरीजों को ज्यादा खर्च करना होता है

दरअसल कोरोना के मरीजों को भारी-भरकम खर्च करना पड़ रहा है। कुछ मामलों में रोजाना 10 से 15 हजार रुपए तक का खर्च आ रहा है। पूरी तरह से इलाज करने पर एक मरीज को 3-4 लाख रुपए तक खर्च करना पड़ रहा है। साथ ही बीमा कंपनियां भी हेल्थ इंश्योरेंस के तहत पूरा कवर नहीं दे रही हैं। ऐसे में कोरोना मरीजों को अस्पताल का बिल भरने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.