कोरियोग्राफर सरोज खान नहीं रहीं / दिल का दौरा पड़ने से 71 साल की उम्र में निधन, सांस लेने में दिक्कत की वजह से कई दिन से अस्पताल में थीं; 3 बार नेशनल अवॉर्ड जीता
सरोज खान की मौत के वक्त उनका परिवार साथ था सरोज खान ने करीब 2 हजार गीतों को कोरियाग्राफ किया था
मुंबई. बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का गुरुवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे कई दिन से बीमार चल रहीं थीं। हालांकि, उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव आया था। 71 साल की सरोज खान ने करीब दो हजार गाने कोरियोग्राफ किए। श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित समेत बॉलीवुड की तमाम बड़ी एक्ट्रेस उनके निर्देशन में थिरकती नजर आईं। उनका अंतिम संस्कार आज मलाड के मलवानी में किया जाएगा।
मौत के वक्त सरोज के पति बी. सोहनलाल, बेटा हामिद खान और दोनों बेटियां हिना और सुकन्या उनके करीब थीं। सरोज करीब 40 साल बॉलीवुड में कोरियोग्राफर रहीं। इसके अलावा साउथ की कई फिल्मों में भी उन्होंने एक्टर्स को डांस स्टेप्स सिखाए।
पहली फिल्म गीता मेरा नाम थी
सरोज की पहली फिल्म 1974 में आई गीता मेरा नाम थी। इसमें हेमामालिनी लीड रोल में थीं। तीन बार उन्होंने नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किया। मिस्टर इंडिया का हवा-हवाई (1987), एक दो तीन (तेजाब) का बेहद हिट रहा। 1988 में आई इस फिल्म से माधुरी दीक्षित छा गईं थीं। 1992 में आई बेटा का गीत धक-धक करने लगा और डोला रे डोला (2002) उनके हिट नंबर हैं।
आखिरी फिल्म माधुरी के साथ
सरोज खान ने आखिरी गाना पिछले साल करण जौहर की फिल्म कलंक के लिए कोरियोग्राफ किया था। इसके बोल थे ‘तबाह हो गए’। इस गाने में भी उनकी फेवरेट एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित नजर आईं थीं।
24 जून को अस्पताल में भर्ती हुईं थीं
24 जून से ही सरोज की तबीयत खराब थी। उन्हें मुंबई के गुरु नानक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। इसके बाद कोरोना टेस्ट कराया गया। ये निगेटिव रहा।
कोरोना से बचने के लिए शेयर किया था वीडियो
मई में कोरियोग्राफर सरोज खान ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया थे। इसमें वे देशवासियों से कोरोनावॉरियर्स की रिस्पेक्ट करते अपील करते हुए नजर आ रही थीं। सरोज ने इस वीडियो में कहा था- आप क्यों नहीं समझते हैं। बच्चों से जिंदगी मत छीनो। कुछ तो रिस्पेक्ट दिखाओ। भगवान के वास्ते, अल्लाह के वास्ते अपनी देखभाल करो। घर पर रहो।