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कोयला खदानों की नीलामी / प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- 2030 तक 100 मिलियन टन कोयले को गैस में बदलने का लक्ष्य, इस पर 20 हजार करोड़ रु निवेश करेंगे

नरेंद्र मोदी ने कहा- कोरोना संकट ने भारत को आत्मनिर्भर होने का सबक दिया, हम इसे अवसर में बदलेंगे प्रधानमंत्री ने कहा- मिनरल्स और माइनिंग इकोनॉमी के महत्वपूर्ण पिलर हैं

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 41 कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे भी बढ़ेगा। भारत इस बड़ी आपदा को अवसर में बदलेगा। कोरोना के इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत होने का सबक दिया है। उन्होंने कहा कि 2030 तक करीब 100 मिलियन टन कोयले को गैस में बदलने का हमारा लक्ष्य है। इस पर करीब 20 हजार करोड़ रुपए निवेश किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत यानि भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत आयात पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाएगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत को आयात न करना पड़े, इसके लिए वो अपने ही देश में साधन और संसाधन विकसित करेगा।

हमारी हर घोषणा जमीन पर उतर रही

मोदी ने कहा- महीने भर के भीतर ही, हर घोषणा, हर रिफॉर्म्स, चाहे वो कृषि क्षेत्र में हो, चाहे एमएसएमई के सेक्टर में हो या फिर अब कोयला और खनन के सेक्टर में हो, हम तेजी से जमीन पर उतर रहे हैं। यह दिखाता है कि भारत इस संकट को अवसर में बदलने के लिए कितना गंभीर है। आज हम सिर्फ कोयला खनन के लिए नीलामी ही लॉन्च नहीं कर रहे हैं, बल्कि कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं।

2014 के बाद कोल सेक्टर में कई सुधार हुए: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा- 2014 के बाद हमने कोल सेक्टर में कई सुधार किए। अभी हमने ऐसे सुधार किए जिनकी चर्चा दशकों से चल रही थी। अब भारत ने कोल और माइनिंग के क्षेत्र में कॉम्पटीशन के लिए, पार्टिसिपेशन के लिए इसे खोलने का फैसला किया है। यह भी ध्यान रखा गया है कि नए प्लेयर्स को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। मिनरल्स और माइनिंग हमारी इकोनॉमी के महत्वपूर्ण पिलर्स हैं। इस फैसले के बाद पूरा कोल सेक्टर आत्मनिर्भर हो जाएगा। अब इस क्षेत्र के लिए बाजार खुल गया है। जिसको जितनी जरूरत होगी खरीदेगा।

जो सुधार हुए उसका असर दूसरे क्षेत्रों पर भी होगा: मोदी

मोदी ने कहा- हमने जो सुधार किए हैं उसका असर दूसरे क्षेत्रों पर भी पड़ेगा। जब कोल उत्पादन बढ़ता है तो फर्टिलाइलजर, सीमेंट और तमाम क्षेत्रों पर सकारात्मक असर पड़ता है। सौभाग्य से हमारे यहां कोल, आयरन और बॉक्साइट के रिजर्व एक दूसरे के काफी नजदीक हैं। ऐसा लगता है कि परमात्मा ने हमारे लिए क्लस्टर्स बनाकर रखे हैं। कोल माइनिंग रिफॉर्म्स के साथ मिनरल के लिए हुए रिफॉर्म्स जुड़ जाने के साथ यह सभी सेक्टर मजबूत हुए हैं।

भारत अपनी मांग मेक इन इंडिया से पूरा कर रहा

मोदी ने कहा- कुछ सप्ताह पहले तक हम एन 95 मास्क, पीपीई किट और दूसरे जरूरी सामान हम बाहर से मंगाते थे, लेकिन अब भारत अपनी मांग को मेक इन इंडिया से पूरा कर रहा है। बहुत जल्द ही हम अहम मेडिकल केयर एक्सपोर्टर भी बनेंगे। आप अपना हौसला बुलंद रखिए हम सब मिलकर इस सपने को पूरा कर सकते हैं। यह 130 करोड़ भारतवासियों का संकल्प है कि हमें आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

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