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कैप्टन पर बढ़ रहा है राजनीतिक दबाव इसलिए सूबे में होगा मंत्रिमंडल विस्तार

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विभिन्न मंत्रियों और विधायकों के दबाव के बावजूद बेशक चीफ सेक्रेटरी को सरकार अब तक नहीं बदल पाई है, लेकिन इन सबके बीच सूबे में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार, 4 से अधिक मंत्रियों को बदला जा सकता है। 16 मंत्री और मुख्यमंत्री को मिलाकर इस समय मंत्रिमंडल में कुल 17 सदस्य हैं।

ऐसे में अगर चार से अधिक मंत्री बदले जाते हैं तो लगभग आधे मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। अब देखना है कि सीएम किन-किन मंत्रियों के कार्यों और व्यवहार को देखते हुए फेरबदल करते हैं और किन-किन विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान देते हैं। इसका खुलासा जल्द हो जाएगा।

माझा, मालवा, दोआबा को बराबर प्रतिनिधित्व

कैप्टन पर मंत्रिमंडल विस्तार का दबाव है। दौड़ में रहे विधायक बोले- सरकार को सत्ता में आए 3 साल हो चुके हैं। इसलिए बचे हुए दो साल के कार्यकाल के लिए अब अन्य विधायकों को मंत्रिमंडल में काम करने का मौका देना चाहिए। मंत्रिमंडल में माझा, मालवा और दोआबा को बराबर का प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है।

विभागों में हो सकता फेरबदल

मुख्यमंत्री के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि इस बार मंत्रियों के विभागों में फेरबदल होना लगभग तय माना जा रहा है। इस बार सीनियर मंत्रियों के विभाग का फेरबदल हो सकता है। जिन का किसी को लेकर विवाद रहा है या फिर विपक्ष के निशाने पर रहे हैं।

इन मंत्रियों को माना जा रहा सेफ

पिछले दिनों से सूबे में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच हालांकि सभी मंत्री शामिल रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद अधिकतर मंत्रियों को सेफ माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इनके काम से मुख्यमंत्री पूरी तरह संतुष्ट हैं। इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान इनके कार्यभार में फेरबदल की संभावना कम ही नजर आ रही है।

इनमें प्रमुख रूप से ब्रह्म मोहिंदरा, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, सुखजिंदर सिंह रंधावा, रजिया सुल्ताना, अरूणा चौधरी, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, सुखबिंदर सिंह सुखसरकारिया और विजयइंदर सिंगला शामिल हैं। मनप्रीत बादल को छोड़ अन्य मंत्रियों के विभागों में फेरबदल हो सकता है।

दोआबा को प्रतिनिधित्व देने को प्रगट सिंह को मंत्रिमंडल में मिल सकता है स्थान…

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के शाही भोज के दौरान जिन विधायकों ने चीफ सेक्रेटरी को हटाने का दबाव बनाया था, उनको मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिलना मुश्किल है। इनमें मुख्यतया विधायक अमरिंदर राजा वड़िंग, संगत सिंह गिलजियां और प्रगट सिंह हैं। हालांकि दोआबा को प्रतिनिधित्व देने के लिए विधायक प्रगट सिंह को मंत्रिमंडल में स्थान दिए जाने पर विचार कर सकते हैं।
इन मंत्रियों की परफॉरमेंस का होगा आकलन…सूत्रों के अनुसार, धर्मसोत, चन्नी, अरोड़ा और कांगड़ के विभागों के कामकाज का सरकार परफॉरमेंस जांच करा रही है। इसके बाद मंत्रियों के कार्यकाल को अागे बढ़ाए जाने या किसी अन्य विधायक को जिम्मेदारी सौंपने का फैसला हो सकता है।

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