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किसानों का दिल्ली कूच:किसान दिल्ली में, पंजाब में महिलाओं ने संभाली धरने की कमान,4 महीने का राशन साथ लेकर गए

शंभू बॉर्डर: किसानों पर वाटर कैनन का प्रयोग, लेकिन बैरिकेड तोड़ 2 हजार किसान दिल्ली रवाना खनौरी बॉर्डर : वाहनों का 25 किमी. लंबा कारवां, 2000 वाहनों में 60 हजार से अधिक किसान गए

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बठिंडा। तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने को लेकर पंजाब के 31 किसान संगठन लगातार दो माह से प्रदर्शनरत हैं। वीरवार को हरियाणा पुलिस और किसानों की झड़प के बाद बैरिकेड्स घग्गर नदी में फेंककर शंभू बॉर्डर से किसान दिल्ली कूच कर गए थे लेकिन शुक्रवार सुबह पुलिस ने फिर से बैरिकेड्स लगा दिए। इस दौरान वहां फिर हालात तनावपूर्ण बन गए।

बेरिकेड्स हटाने आए किसानों पर पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इसके बाद किसानों का एक ग्रुप आगे बढ़ा और बैरिकेड हटा दिया। शुक्रवार को यहां से 2000 के अधिक किसान दिल्ली की ओर बढ़ गए। इनके काफिले में करीब 250 वाहन बताए जा रहे हैं।

उधर, खनौरी बाॅर्डर पर दो दिन से इकट्‌ठे हुए उगराहां ग्रुप के किसानों ने शुक्रवार को दिल्ली का रुख किया। करीब 25 किलोमीटर लंबे काफिले के साथ 60 हजार से अधिक किसान सुबह 11 बजे खनौरी बाॅर्डर से दिल्ली की तरफ बढ़े। वीरवार रात काे बाॅर्डर पर हरियाणा पुलिस के लगाए तमाम बैरिकेड्स युवाओं ने हटा दिए थे। इसलिए यहां शुक्रवार को किसी तरह की झड़प नहीं हुई लेकिन खनौरी से 6 किलोमीटर दूर गांव उचाना में हरियाणा पुलिस ने मिट्टी के ढेर व पाइप लगाकर रास्ता रोककर दिया। वहां पहुंचे आदाेलनकारी चंद मिनटाें में ही मिट्टी के ढेर और पाइप हटाकर आगे निकल गए।

इनकाे राेकने को नरवाना-हिसार बाइपास पर भारी पुलिसबल तैनात कर वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलाें से लैस गाड़ियाें को तैनात किया गया था, लेकिन भारी हजूम देख पुलिस पीछे हट गई। हरियाणा में जगह-जगह हरियाणवी किसानों ने लंगर का प्रबंध कर रखा था। वहीं, डबवाली बॉर्डर पर भी किसानों ने शुक्रवार सुबह 9.30 बजे ही बैरिकेडिंग को बमुश्किल 5 से 10 मिनट में ढहा दिया।

यहां करीब 200 पुलिस कर्मी, घुड़सवार पुलिस खड़े रहे और बेहद सामान्य संघर्ष के साथ भारी पत्थरों को हटा दिया। करीब 2 हजार से अधिक ट्रैक्टर-ट्रालियों व कारों तथा ट्रकों के काफिले में करीब 35 से 40 हजार किसान दिल्ली रवाना हो गए।

उधर, दिल्ली कूच के बाद भाकियू (उगराहां) के संगरूर जिले में भाजपा नेता के घर, टोल प्लाजा, पेट्रोल पंप के समक्ष चल रहे धरनों की कमान किसान महिलाओं ने संभाल ली। भाजपा नेता सतवंत पुनिया के निवास के समक्ष धरने में पहुंचीं महिलाओं ने कहा कि जब तक उनके पति-बेटे-भाई दिल्ली फतेह कर नहीं लौटते पेट्रोल पंप और टोल प्लाजा पर हम धरना देंगे।

भाकियू (सिद्धूपुर) के जिला महासचिव रणसिंह चट्ठा ने एलान किया कि दिल्ली कूच के लिए गए किसानों के खेतों की देखभाल यूनियन करेगी। बड़ी संख्या में किसान दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए चले गए हैं। यूनियन उनके खेतों में स्प्रे आदि डालने का काम करेगी, क्योंकि गेहूं की बिजाई का काम पूरा हो चुका है। अब उसकी देखभाल अति जरूरी है। यूनियन किसी भी हालत में उनकी फसल खराब नहीं होने देगी।

भीड़ जुटी और उठा कर ताश के पत्ते जैसे फेंक दिए बैरिकेड्स

शुक्रवार सुबह किसान संगठनों ने एलान किया कि सारी बैरिकेडिंग उठाकर फेंक दें। इसके बाद चंद मिनटों में ढह बैरिकेडिंग ढह गई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें नहीं रोका व एक तरफ खड़े होकर किसान काफिले को जाता देखते रहे और सैकड़ों वाहनों का काफिला रवाना हो गया।

युवाओं ने दिखाया हक के लिए पंजाबी पीछे नहीं हटते : जोगिंदर

भाकियू (उगराहां) के प्रांतीय प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि भाकियू शुरू से अपना प्रदर्शन शांतमयी ढंग से कर रही है। यदि इसे जीत में बदलना है तो शांति व बातचीत के जरिये ही इसे हासिल किया जा सकता है। युवाओं के जोश ने साबित कर दिया कि पंजाबी अपना हक लेने और कौम की भलाई के लिए पीछे नहीं हटते।

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