Newsportal

कानपुर शूटआउट में बड़ा खुलासा / फरीदाबाद में पकड़े गए साथी ने बताया- 8 पुलिसवालों की हत्या के बाद दो दिन तक कानपुर में दोस्त के घर ठहरा था विकास दुबे, चौबेपुर थाने के एसओ और दरोगा गिरफ्तार,

फरीदाबाद पुलिस ने मंगलवार रात कार्तिकेय उर्फ प्रभात, अंकुर और श्रवण को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया फरीदाबाद में रिश्तेदार के घर ठहरा था विकास, पुलिस के आने से पहले हुआ था फरार, सीसीटीवी में भी दिखा था

0 191

कानपुर में दोस्त के घर ठहरा था विकास दुबे

  • यह तस्वीर फरीदाबाद की है। इसमें बाएं से पहला शख्स कार्तिकेय उर्फ प्रभात है। वह बिकरू गांव का रहने वाला है। यूपी पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया है।यह तस्वीर फरीदाबाद की है। इसमें बाएं से पहला शख्स कार्तिकेय उर्फ प्रभात है। वह बिकरू गांव का रहने वाला है। यूपी पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया है

कानपुर. कानपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात हुए शूटआउट के दो दिन बाद तक मोस्ट वांटेड विकास दुबे शिवली में ही था। हरियाणा के फरीदाबाद में गिरफ्तार तीन आरोपियों में से एक प्रभात ने पूछताछ में यह खुलासा किया। प्रभात ने बताया कि शूटआउट के दो दिन बाद तक विकास और वह घटनास्थल से करीब तीन किमी दूर शिवली में ही थे। दोनों ने मिलकर पुलिस टीम पर हमला किया था और दो पिस्टल के साथ कुछ जिंदा कारतूस छीनकर भाग गए थे।

प्रभात ने हमीरपुर में मारे गए अमर दुबे के बारे में भी अहम जानकारियां दीं। यूपी एसटीएफ तीनों को रिमांड पर लखनऊ लाने में जुट गई है।

ऐसे पकड़े गए फरीदाबाद में आरोपी

फरीदाबाद पुलिस के मुताबिक, विकास दुबे के कुछ सहयोगियों के न्यू इंदिरा नगर कॉम्प्लेक्स में छिपे होने की सूचना मिली थी। इस पर एसीपी क्राइम अनिल यादव की टीम ने तीन और टीमों के साथ मिलकर एक घर पर छापा मारा। यहां से बिकरू के कार्तिकेय उर्फ प्रभात, फरीदाबाद के अंकुर और श्रवण को गिरफ्तार किया गया। प्रभात को अंकुर और उसके पिता श्रवण ने अपने घर में पनाह दी थी।

कानपुर के शिवली में दोस्त के घर रहा विकास

प्रभात ने बताया कि विकास और उसने रिश्तेदार शांति मिश्रा के घर में पनाह ली थी। लेकिन, विकास पुलिस के आने से कुछ घंटे पहले फरार हो गया था। प्रभात ने यह भी बताया कि वह विकास के साथ शूटआउट में शामिल था। वे घायल पुलिस वालों की दो पिस्टल और जिंदा कारतूस छीनकर मौके से फरार हो गए थे। फरार होने के बाद दो दिन तक दोस्त के घर शिवली में रहे थे।

प्रभात के इनपुट पर अमर दुबे का हुआ एनकाउंटर
प्रभात का यह भी कहना है कि उसी ने अमर दुबे के हमीरपुर में होने की जानकारी पुलिस को दी थी। जिसके बाद बुधवार सुबह उसका हमीरपुर में मोदहा क्षेत्र में पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। प्रभात को अदालत ने यूपी पुलिस की मांग पर ट्रांजिट रिमांड पर यूपी एसटीएफ के हवाले किया है। डीसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपी के कब्जे से पुलिसकर्मियों से छिनी हुई 2 पिस्टल 9 एमएम और 2 देसी पिस्टल 9 एमएम सहित 44 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं।

नोएडा: फिल्म सिटी में पुलिस मुस्तैद

विकास दुबे के नोएडा के किसी निजी न्यूज़ चैनल के स्टूडियो में आने की खबर के बाद सेक्टर 16 फिल्म सिटी में आने और जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस तैनात है। हर आने जाने वाली गाड़ी की चेकिंग की जा रही है। स्टूडियो में लाइव टीवी पर सरेंडर के ड्रामे को नोएडा पुलिस रोकना चाहती है।

 

कानपुर शूटआउट मामले में बड़ी कार्रवाई / चौबेपुर थाने के एसओ और दरोगा गिरफ्तार, विकास को इन्हीं दोनों ने रेड की जानकारी दी थी और एनकाउंटर के वक्त भाग गए थे

  • एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा एनकाउंटर के वक्त मौजूद थे, पर बाद में भाग गए: पुलिस
  • तिवारी पर विकास दुबे के बचाव का आरोप है, शर्मा को विकास ने फोन पर पुलिस टीम गांव में ना भेजने की हिदायत दी थी

कानपुर. कानपुर के बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या के मामले में बुधवार को पुलिस महकमे ने बड़ी कार्रवाई की। जिस थाने में ये गांव आता है, उस चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि तिवारी और शर्मा दोनों ही मुठभेड़ के वक्त बिकरु गांव में मौजूद थे। लेकिन, जैसे ही एनकाउंटर शुरू हुआ, दोनों भाग गए थे।

एसएसपी दिनेश प्रभु ने बताया कि जांच में सामने आया है कि विनय तिवारी और केके शर्मा ने विकास दुबे को रेड की जानकारी दी थी।

पूरा चौबेपुर थाना लाइन अटैच

शहीद डीएसपी देंवेंद्र ने एसओ तिवारी पर आरोप लगाया था कि वो गैंगस्टर विकास तिवारी का बचाव करते हैं। पुलिस जांच में यह भी सामने आया था कि मुठभेड़ से पहले विकास ने केके शर्मा को फोनकर धमकाया था और पुलिस टीम को गांव में आने से रोकने को कहा था। इससे पहले चौबेपुर थाने के सभी 68 कर्मचारियों को लाइन अटैच कर दिया गया था।

जांच कर रहे डीआईजी का भी तबादला
इससे पहले मंगलवार को हत्याकांड की जांच कर रहे एसटीएफ के डीआईजी अनंत देव त्रिपाठी को सरकार ने हटाकर पीएसी भेज दिया गया था। हत्याकांड में शहीद हुए डीएसपी देवेंद्र का एक खत सामने आया था। यह खत तत्कालीन कानपुर एसएसपी अनंत देव को लिखा गया था। इसमें कहा गया था कि चौबेपुर के थानेदार विनय तिवारी, विकास दुबे को बचाने का काम कर रहे हैं और इन पर कार्रवाई की जाए।

विकास की तलाश में 3 राज्यों में छापे
विकास की तलाश में बुधवार को राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में छापा मारा गया। सूत्रों के मुताबिक विकास और उसका साथी प्रभात फरीदाबाद के सेक्टर-87 में रिश्तेदार श्रवण के घर रुके थे। पहले उन्होंने होटल में रूम बुक करवाने की कोशिश की, लेकिन आईडी में फोटो क्लियर नहीं होने की वजह से बुकिंग नहीं कर पाए।
सूचना मिलने पर पुलिस ने छापा मार, पर विकास पहले ही भाग गया। पुलिस ने श्रवण, उसके बेटों अंकुर और प्रभात को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास 4 पिस्टल मिली हैं, इनमें से 2 यूपी पुलिस की हैं।

करीबी अमर एनकाउंटर में मारा गया

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथ अमर दुबे (बाएं)।

शूटआउट के 5 दिन बाद पुलिस ने विकास दुबे के करीबी अमर दुबे का एनकाउंटर कर दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने हमीरपुर में अमर को मार गिराया। उसके पास से ऑटोमैटिक गन और एक बैग मिला है। अमर 2 जुलाई को बिकरू गांव में हुए शूटआउट में शामिल था। अमर और उसके साथी सीओ देवेंद्र मिश्र को घसीटकर विकास के मामा प्रेम कुमार पांडे के घर में ले गए और गोलियों से भून दिया था।

कानपुर शूटआउट केस में अब तक क्या हुआ?
2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी, विकास की गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।
3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया। 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। विकास पर 2.5 लाख, अमर पर 25 हजार और दूसरे लोगों पर 18-18 हजार रुपए का इनाम घोषित।
5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।
6 जुलाई: पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी।
8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.