चंडीगढ़. सरकार डेपुटेशन को लेकर सख्ती करने जा रही है। मुलाजिम अब एचओडी से इजाजत लेकर डेपुटेशन पर नहीं जा सकेंगे। कर्मचारी पहले सिफारिश करवाकर अपने एचओडी से डेपुटेशन लेकर दूसरे विभागों में चले जाते थे। अब ऐसा नहीं होगा।
सरकार डेपुटेशन को लेकर पाॅलिसी बनाने का जा रही है। डेपुटेशन की समय सीमा के बाद अपने विभाग में वापस लौटने के साथ कई अन्य शर्तों को रखा जाएगा। ताकि कर्मचरी डेपुटेशन को लेकर अपनी मनमर्जी न कर सकें। पाॅलिसी बनाने को लेकर सीएम ने हरी झंडी दे दी है और अधिकारी भी पाॅलिसी बनाने में जुट गए हैं। 15 जुलाई तक इस पाॅलिसी को तैयार होने होने की उम्मीद है। अभी विभाग के मुखिया के पास ही कर्मचारी को डेपुटेशन पर भेजने का अधिकार है।
ज्यादातर समय अपने ही विभाग में बिताना होगा… डेपुटेशन पाॅलिसी बनाते समय इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि कर्मचारी अपनी सर्विस का ज्यादा से ज्यादा समय अपने मूल विभाग में ही बिताए। इएलिए सरकार डेपुटेशन पॉलिसी को लेकर सख्ती करने का मन बना रही है। ताकि कर्मचारी काम के नाम पर दूसरे विभागों में नहीं भागें। कई कर्मचरी सालों तक डेपुटेशन पर होत हंै और बार-बार एक्स्टेंड भी करा लेते हैं।
समय सीमा को किया जाएगा निर्धारित…सरकार डेपुटेशन को लेकर यह तय करेगी कि कर्मचारी को कितने समय के लिए डेपुटेशन पर भेजा जाना है। वह समय सीमा खत्म होने के बाद कर्मचारी को अपने विभाग में वापस लौटना पडेगा। अभी तक डेपुटेशन पर जाने वाले कर्मचारियों के लिए कोई समय सीमा नहीं है।
सीएस के पास भेजी जाएगी फाइल… डेपुटेशन पर भेजना का फैसला पहले विभाग के मुखिया ही लेता था, अब उन्हें डेपुटेशन की फाइल चीफ सेकेट्ररी को भेजनी होगी। सीएस की मंजूरी के बाद भी कर्मचारी को दूसरे विभाग में डेपुटेशन पर भेजा जा सकेगा। इसके लिए मजबूत आधार बताना होगा।
कर्मचारी का रिकाॅर्ड भी रखेगा मायने… कर्मचारी को डेपुटेशन पर भेजने से पहले उसके विभाग के मुखिया द्वारा फाइल पर बताना होगा कि कर्मचारी के खिलाफ कोई पुलिस, विजिलेंस या विभागीय कार्रवाई नहीं चल रही है। किसी विभागीय मामले में रिकवरी तो नहीं की जानी है या कर्मचारी सर्विस में कितनी बार चार्जशीट और सस्पेंड हुआ। यह सब कामेंट विभाग के मुखिया को फाइल में लिखने होंगे।