‘घर में नहीं दाने और अम्मा चली भुनाने’, यह कहावत पाकिस्तान पर पूरी तरह चरितार्थ होती है। कंगाली की कगार पर पहुंचा पाकिस्तान अब भारत की आर्थिक मदद करने की बात कह रहा है।
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को एक ट्वीट में अपने बड़बोलेपन का परिचय दिया। पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट की एक खबर को टैग करते हुए उन्होंने दावा किया कि भारत आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और वह भारत की मदद करने के लिए तैयार हैं। इमरान ने खबर को टैग करते हुए कहा, ‘इस समाचार के मुताबिक भारत में 34 फीसदी परिवार बिना किसी मदद के एक हफ्ते से ज्यादा नहीं रह पाएंगे। मैं उनकी मदद के लिए तैयार हूं और अपने सफल कैश ट्रांसफर कार्यक्रम को उनसे साझा कर सकता हूं। इस कार्यक्रम की पहुंच और पारदर्शिता को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना हुई है।’
उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने सफलतापूर्वक नौ हफ्तों में 120 अरब रुपये ट्रांसफर किए हैं। यह पैसा एक करोड़ परिवारों के पास पूरी पारदर्शिता से पहुंचा है ताकि वे कोरोना से पैदा हुई मुश्किल स्थिति से उबर सकें। इमरान खान ऐसे समय में ये बड़े बोल बोल रहे हैं, जब कोरोना की वजह से पूरी दुनिया के सामने पाक की कंगाल स्थिति उजागर हो गई है।
इमरान खुद इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि उनका देश ज्यादा समय तक लॉकडाउन झेलने की स्थिति में नहीं है। पाकिस्तान में बिगड़ते हालात को लेकर वहां का सुप्रीम कोर्ट भी इमरान को फटकार लगा चुका है। अदालत ने कड़े शब्दों में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करवाने का निर्देश दिया था। पाकिस्तान में कोरोना वायरस को लेकर हालात लगातार बेकाबू हो रहे हैं। अब तक सवा लाख लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं और 2500 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है।
पाक की जीडीपी से ज्यादा बड़ा हमारा राहत पैकेज
पाकिस्तान के इस बड़बोलेपन पर भारत ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि अच्छा होगा कि पाकिस्तान यह याद रखे कि उनकी जीडीपी का 90 फीसदी हिस्सा कर्ज से जूझ रहा है। जहां तक भारत का सवाल है तो उनकी जीडीपी से ज्यादा बड़ा तो कोरोनाकाल में घोषित हमारा आर्थिक राहत पैकेज ही है।