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ऑयल टू टेलीकॉम का काम पूरा हुआ, अब रिटेल टू ई-कॉमर्स होगा शुरू, मुकेश अंबानी का अगला ग्रोथ ड्राइवर रिलायंस रिटेल

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रिलायंस इंडस्ट्रीज के नेट डेट फ्री होने का मुकेश अंबानी का पहला लक्ष्य पूरा हो गया है। अब रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म में और बिक्री की कम संभावना है। ऐसे में रिलायंस के लिए अगला ग्रोथ ड्राइवर रिलायंस रिटेल होगा। यह मुकेश अंबानी के उसी लक्ष्य पर है, जिसमें वे ऑयल से टेलीकॉम और रिटेल से ई-कॉमर्स को एक नए तरीके से भारत में स्थापित करना चाहते हैं। जियो अब पूरी तरह से सेट कंपनी है। हालांकि शेयर बाजारों में उसकी लिस्टिंग का एक दौर जरूर बाकी है।

देश में ऑर्गनाइज्ड रिटेल

फिलहाल डी मार्ट, फ्यूचर समूह मुख्य रिटेल आर्गनाइज्ड कंपनियां हैं। डी मार्ट की पैरेंट कंपनी एवेन्यू सुपर मार्ट लिस्टेड है और इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.50 लाख करोड़ रुपए है। प्रसिद्ध निवेशक आर.के. दमानी की इस कंपनी ने लिस्टिंग के समय जबरदस्त धमाका किया था। 295-299 रुपए के मूल्य पर इसका आईपीओ मार्च 2017 में आया था। कंपनी के आईपीओ को लेकर दमानी को इतना विश्वास था कि जब आईपीओ का रोड शो किया गया तो दमानी खुद नहीं आए। उन्होंने अपने एक अधिकारी को भेज दिया।

डीमार्ट के शेयरों से तीन साल में चार गुना लाभ मिला 

आईपीओ की घोषणा से पहले ही इसके शेयरों की डिमांड जारी किए जाने वाले शेयरों से ज्यादा थी। इसका आईपीओ 104 गुना भरा था। लिस्टिंग के दिन इसने निवेशकों को दोगुना फायदा दिया। इसका शेयर 604 रुपए पर लिस्ट हुआ। आईपीओ से इसने 1870 करोड़ रुपए जुटाए थे। वर्तमान में इसके शेयर का भाव 2,370 रुपए है। यानी जिन लोगों ने लिस्टिंग के बाद भी इसमें पैसा लगाया होगा, उनका मुनाफा 3 साल में चार गुना बढ़ा गया।

रिलायंस रिटेल का वैल्यूएशन

अगर रिलायंस रिटेल की डी-मार्ट के साथ तुलना करें तो डी-मार्ट का मार्केट कैपिटाइलजेशन 1.5 लाख करोड़ रुपए है। विश्लेषकों की माने तो रिलायंस रिटेल का वैल्यूएशन 4-5 लाख करोड़ रुपए के बीच हो सकता है। अब आगे रिलायंस रिटेल में उसी तरह का निवेश देखने को मिलेगा जैसा हाल में जियो प्लेटफॉर्म में देखने को मिला है। रिलायंस रिटेल का बिजनेस, खासकर इसका ग्रोसरी सेगमेंट आरआईएल के लिए बिग ड्राइवर हो सकता है।

61 अरब डॉलर का वैल्यूएशन

ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि इसके सब सेगमेंट का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू वित्त वर्ष 2029 में 83 अरब डॉलर हो सकता है। फिलहाल यह 5 अरब डॉलर है। इसमें ऑन लाइन ग्रोसरी बिक्री का योगदान करीबन 45 अरब डॉलर का हो सकता है। इसकी बाजार हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से ज्यादा हो सकती है। गोल्डमैन सैश के अनुसार आरआईएल के रिटेल बिजनेस का वैल्यू 61 अरब डॉलर है।

फ्यूचर रिटेल पर कर्ज

अगर फ्यूचर रिटेल की बात करें तो फ्यूचर समूह की कुल लिस्टेड 6 कंपनियों का कर्ज सितंबर 2019 तक 12,778 करोड़ रुपए रहा है। इसमें 42 प्रतिशत फ्यूचर कॉर्पोरेट रिसोर्सेस और फ्यूचर कूपंस के जरिए किशोर बियानी की हिस्सेदारी है। हालांकि करीबन 75 प्रतिशत शेयर इसके कर्जदाताओं के पास गिरवी हैं। बियानी कर्ज घटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने अंबानी की कंपनी से भी संपर्क किया है और हाल में ऐसी खबरें थी कि मुकेश अंबानी फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। फ्यूचर रिटेल 1,500 रिटेल स्टोर्स चलाती है। इसके स्टोर्स 400 शहरों में हैं।

इसके पास लॉर्ज फार्मेट स्टोर्स, बिग बाजार  आदि हैं। अमेजन की भी फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी है।

रिलायंस रिटेल के 11,784 रिटेल स्टोर

कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस रिटेल यूनिट के पास 11,784 रिटेल स्टोर्स हैं। इसमें कैश एंड कैरी होलसेल की संख्या 6,700 से ज्यादा है। हाल ही में इसने जियो मार्ट लांच किया है जो ऑन लाइन ग्रोसरी सर्विस है। इसका लक्ष्य अमेजन की लोकल युनिट और वालमार्ट के फ्लिपकार्ट से आगे निकलना है। अंबानी की महत्वाकांक्षा इस बिजनेस को एक अलग ट्रेजक्टरी में ले जाना है। यानी विशाल से विशाल कंपनी बनाना है। इसमें एबिट्डा को दोगुना करने का लक्ष्य है।

जियोमार्ट से नई शुरुआत

मुकेश अंबानी ने इसके तहत पहले कदम की शुरुआत भी कर दी है। हाल में उन्होंने ऑन लाइन ग्रोसरी वेंचर जियोमार्ट की 200 शहरों और इलाकों तक पहुंच कर दी है। यह पैरेंट कंपनी रिलायंस रिटेल के प्राइवेट लेबल और सोर्सिंग पावर के तहत डिलिवरी करेगी। यह एक तरह से पहले से स्थापित कंपनियों बिग बास्केट और ग्रोफर्स के लिए तो चुनौती है ही, साथ ही अमेजन और फ्लिपकार्ट के ग्रोसरी बिजनेस को भी यह टक्कर देगी।

लॉकडाउन और जियोमार्ट की लांचिंग

जियो मार्ट की ऑन लाइन ग्रोसरी की लांचिंग तब हुई है, जब देश में लॉकडाउन है। कंपनी ने इसके लिए वाट्सऐप के साथ साइन किया है। वाट्सऐप फेसबुक की कंपनी है और फेसबुक ने जियो प्लेटफॉर्म में सबसे पहले और सबसे ज्यादा 9.99 प्रतिशत हिस्सा खरीदा है। जियो मार्ट डॉटकॉम, रिलायंस मार्ट डॉटइन को रिप्लेस करेगी। जियोमार्ट के साथ रिलायंस रिटेल ने ग्रोसरी ब्रांड्स को बढ़ाने की योजना शुरू कर दी है।

कंपनी आनेवाले समय में कैटलॉग में और ज्यादा प्रोडक्ट जोड़ने की योजना बना रही है। साथ ही अन्य सेगमेंट में भी विस्तार करेगी। इसमें फैशन और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स का समावेश होगा।

खुद के ब्रांड को प्रमोट

रिलायंस रिटेल खाने से लेकर होम, पर्सनल केयर, जनरल मर्चेंडाइज अपने खुद के ब्रांड के तहत बेचती है। इन ब्रांड्स में बेस्ट फॉर्म्स, गुड लाइफ, मस्ती ओए, एंजो, होम वन आदि का समावेश है। ज्यादातर ग्रोसरी फर्म इसी तरह का काम कर रही हैं जो इन हाउस ब्रांड की बिक्री कर अच्छी मार्जिन कमा रहे हैं।

अलीबाबा की तर्ज पर जियोमार्ट की लांचिंग

जियोमार्ट की लांचिंग अगर कोरोना के समय हुई है तो यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं है। अलीबाबा ने अपनी शुरुआत सार्स जैसी महामारी के दौरान की थी। यानी समस्याओं को एक अवसर के रूप में तलाशने की हिम्मत और योजना पर बड़ी -बड़ी कंपनियां काम करती हैं। रिलायंस रिटेल चौथे लेवल के शहरों तक जियोमार्ट की पहुंच बना रही है। इसके पास तीन मुख्य डिवीजन हैं। इसमें 18 प्रतिशत बिक्री ग्रोसरी की है। 30 प्रतिशत बिक्री कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की है और 8 प्रतिशत फैशन एवं लाइफ स्टाइल की है।

इसका प्राइवेट लेबल बिजनेस इसके फैशन और लाइफ स्टाइल के रेवेन्यू में 75 प्रतिशत का योगदान करता है।

तीन फिजिकल फॉर्मेट

ग्रोसरी के तहत रिलायंस रिटेल तीन फिजिकल फॉर्मेट को चलाती है। इसमें रिलायंस फ्रेश, सुपर मार्केट और होलसेल यानी रिलायंस मार्केट का समावेश है। रिलायंस फ्रेश और रिलायंस स्मार्ट इसके मॉडर्न ट्रेड में फलों और सब्जियों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है।

वाट्सऐप के जरिए 40 करोड़ ग्राहकों तक पहुंच

वाट्सऐप के साथ साझेदारी को बहुत सोच समझकर किया गया है। वाट्सऐप के भारत में 40 करोड़ यूजर्स हैं। जियो मार्ट को एक बहुत बड़ा ग्राहक इसी से मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जियोमार्ट वाट्सऐप के जरिए डिलिवरी करेगा। शुरुआती चरण में अगर 750 रुपए से कम का ऑर्डर है तो इसके लिए 25 रुपए डिलिवरी चार्ज लिया जाएगा।

रिलायंस रिटेल इसी के साथ ही नए रास्ते से ग्राहकों तक पहुंच बनाने की योजना बना रहा है। इसके तहत पॉप अप स्टोर्स, मोबाइल वैन जैसी सुविधाएं होंगी।

ऑन लाइन बिजनेस में 4 गुना की वृद्धि

वैश्विक ब्रोकरेज हाउस सीएलएसए के मुताबिक जल्द ही रिटेल का पूरा पोर्टफोलियो लाइव होगा और इसके फैशन, लाइफस्टाइल और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक सेगमेंट को इंटीग्रेट किया जाएगा। जियो के 40 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को इससे फायदा मिलेगा। ऑन लाइन बिजनेस में जियो के ऑर्डर में हाल में 4 गुना की वृद्धि देखी गई है। रिलायंस रिटेल ने एक साल में 1,500 स्टोर्स खोला है। कुल 64 करोड़ फूटफॉल्स यानी ग्राहकों की आवाजाही रही है। 1.25 करोड़ इसके रजिस्टर्ड ग्राहक हैं।

कुल रेवेन्यू 1.63 लाख करोड़ रुपए

रिलायंस रिटेल का फोकस होम डिलिवरी में 10 गुना कैपासिटी बढ़ाने की है। वित्त वर्ष में इसका कुल रेवेन्यू 1.63 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा है। इसमें प्रमुख रूप से कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक का 44,625 करोड़ रुपए, फैशन एंड लाइफ स्टाइल का 13,552 करोड़, ग्रोसरी का 34,601 करोड़, पेट्रो रिटेल का रेवेन्यू 14,125 करोड़ रुपए रहा है।

तीन साल में रैंकिंग में बेहतर सुधार

डेलॉय की रिपोर्ट कहती है कि विश्व में तेजी से बढ़नेवाली रिटेल कंपनियों में रिलायंस रिटेल की छलांग बढ़ी है। 2018 में रिलायंस रिटेल 189 रैंक पर थी, जो 2019 में 94 रैंक पर आ गई। 2020 में यह 54 रैंक पर आ गई है। भारत की यह एकमात्र रिटेल कंपनी है जो ग्लोबल लेवल पर टॉप 100 में आती है। कंपनी की आगे की योजना में खुद का ब्रांड पोर्टफोलियो डेवलप करना है। जियो मार्ट को एक न्यू कॉमर्स के रूप में डेवलप करना है। होम डिलिवरी को मजबूत करना है। डिजिटल कॉमर्स और ओमनीचैनल की क्षमता को बढ़ाना है।

कंपनी के चौथी तिमाही के प्रजेंटेशन के मुताबिक वह डिजिटल सेवाओं और संगठित रिटेल प्लेटफॉर्म में अगले चरण की वृद्धि के लिए स्ट्रेटेजिक इनवेस्टमेंट करेगी। इससे इसमें वैल्यू का निर्माण होगा

सप्लाई चेन से बेहतर होगा मार्जिन

के आर. चौकसी के एमडी देवेन चौकसी कहते हैं कि रिलायंस रिटेल ने स्टोर्स का एक संपूर्ण फ्रेमवर्क विकसित किया है। कंपनी ने जो सप्लाई चेन विकसित किया है, उससे मार्जिन बेहतर होगा। कंपनी ऑफलाइन से ऑन लाइन मॉडल पर काम कर रही है। यह बिजनेस को बेहतरीन तरीके से ड्राइव करने में मदद करेगा। क्योंकि ऑन लाइन ग्राहक आजकल मॉडर्न ट्रेड को अपना रहे हैं। जियो ब्रांड के तहत पहले ही ऑन लाइन प्लेटफॉर्म शुरू हो चुका है। इस समय में देखा जाए तो रिटेल बिजनेस एक अच्छे वैल्यूएशन पर पहुंच चुका है।

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